देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय: Difference between revisions
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देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय का जन्म 19 नवम्बर सन 1918 को ब्रिटिशकालीन भारत के कलकत्ता (वर्तमान [[कोलकाता]]) में हुआ था। उन्होंने प्राचीन भारतीय दर्शन में भौतिकवादी संस्कृति की गवेषणा में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था। प्राचीन भारतीय लोकायत दर्शन पर भी देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय ने बहुत काम किया। प्राचीन भारतीय विज्ञान के इतिहास तथा [[प्राचीन भारत]] में वैज्ञानिक विधि के विषय में उनके कार्य भी बहुत महत्त्वपूर्ण हैं, विशेष रूप से प्राचीन भारत के चिकित्साशास्त्रियों [[चरक]] तथा [[सुश्रुत]] पर उनका अनुसंधान कार्य उच्च कोटि का है। | देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय का जन्म 19 नवम्बर सन 1918 को ब्रिटिशकालीन भारत के कलकत्ता (वर्तमान [[कोलकाता]]) में हुआ था। उन्होंने प्राचीन [[भारतीय दर्शन]] में भौतिकवादी संस्कृति की गवेषणा में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था। प्राचीन भारतीय लोकायत दर्शन पर भी देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय ने बहुत काम किया। प्राचीन भारतीय विज्ञान के इतिहास तथा [[प्राचीन भारत]] में वैज्ञानिक विधि के विषय में उनके कार्य भी बहुत महत्त्वपूर्ण हैं, विशेष रूप से प्राचीन भारत के चिकित्साशास्त्रियों [[चरक]] तथा [[सुश्रुत]] पर उनका अनुसंधान कार्य उच्च कोटि का है। | ||
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देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय
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पूरा नाम | देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय |
जन्म | 19 नवम्बर, 1918 |
जन्म भूमि | कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) |
मृत्यु | 8 मई, 1993 |
मृत्यु स्थान | कोलकाता |
कर्म भूमि | भारत |
मुख्य रचनाएँ | 'भारत और दुनिया के लोग', 'प्राचीन भारत में विज्ञान और समाज', 'प्रकृति, पदार्थ और परमाणु', 'आधुनिक विश्व का इतिहास' आदि। |
पुरस्कार-उपाधि | 'पद्म भूषण' (1998) |
प्रसिद्धि | इतिहासकार, दार्शनिक |
नागरिकता | भारतीय |
देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय (अंग्रेज़ी: Debiprasad Chattopadhyaya, जन्म- 19 नवम्बर, 1918; मृत्यु- 8 मई, 1993) भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार थे। इसके साथ ही वे एक जानेमाने मार्क्सवादी दार्शनिक भी थे। भारत सरकार द्वारा उन्हें 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया गया था।
परिचय
देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय का जन्म 19 नवम्बर सन 1918 को ब्रिटिशकालीन भारत के कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) में हुआ था। उन्होंने प्राचीन भारतीय दर्शन में भौतिकवादी संस्कृति की गवेषणा में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था। प्राचीन भारतीय लोकायत दर्शन पर भी देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय ने बहुत काम किया। प्राचीन भारतीय विज्ञान के इतिहास तथा प्राचीन भारत में वैज्ञानिक विधि के विषय में उनके कार्य भी बहुत महत्त्वपूर्ण हैं, विशेष रूप से प्राचीन भारत के चिकित्साशास्त्रियों चरक तथा सुश्रुत पर उनका अनुसंधान कार्य उच्च कोटि का है।
- सम्मान
साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय को सन 1998 में भारत सरकार द्वारा 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया गया था।
रचनाएँ
- भारत और दुनिया के लोग
- भारतीय दर्शन सरल परिचय
- प्राचीन भारत में विज्ञान और समाज
- जानने की बातें - भाग एक प्रकृति विज्ञान
- प्राचीन विश्व का इतिहास
- प्रकृति, पदार्थ और परमाणु
- लोकायत
- मनुष्य जन्मा
- आधुनिक विश्व का इतिहास
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