तापमण्डल: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replacement - "तेजी " to "तेज़ी")
 
(2 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 1: Line 1:
'''तापमण्डल''' ([[अंग्रेज़ी]]:Thermosphere) [[पृथ्वी]] के [[वायुमण्डल]] में [[मध्यमण्डल]] के ऊपर स्थित होता है।  
'''तापमण्डल''' ([[अंग्रेज़ी]]:Thermosphere) [[पृथ्वी]] के [[वायुमण्डल]] में [[मध्यमण्डल]] के ऊपर स्थित होता है।  
*यह मण्डल धरातल से 80 किमी की ऊंचाई से लेकर 640 किमी तक विस्तार है।  
*इस मण्डल का धरातल से 80 कि.मी. की ऊंचाई से लेकर 640 कि.मी. तक विस्तार है।  
*इस मण्डल में ऊंचाई के साथ [[तापमान]] में तेजी से वृद्धि होती है और इसकी सबसे ऊपरी सीमा पर 1700°C तापमान अनुमानित है।
*इस मण्डल में ऊंचाई के साथ [[तापमान]] में तेज़ीसे वृद्धि होती है और इसकी सबसे ऊपरी सीमा पर 1700°C तापमान अनुमानित है।
*तापमण्डल को पुनः दो उपमण्डलों 'आयन मण्डल' तथा 'आयतन मण्डल' में विभाजित किया गया है।  
*तापमण्डल को पुनः दो उपमण्डलों '[[आयन मण्डल]]' तथा '[[आयतन मण्डल]]' में विभाजित किया गया है।  
**आयन मण्डल, तापमण्डल का निचला भाग है जिसमें [[विद्युत]] आवेशित कण होते हैं जिन्हें आयन कहते हैं। ये कण रेडियो तरंगों को भूपृष्ठ पर परावर्तित करते हैं और बेतार संचार को संभव बनाते हैं।  
**आयन मण्डल, तापमण्डल का निचला भाग है जिसमें [[विद्युत]] आवेशित कण होते हैं जिन्हें आयन कहते हैं। ये कण रेडियो तरंगों को भूपृष्ठ पर परावर्तित करते हैं और बेतार संचार को संभव बनाते हैं।  
**तापमण्डल के ऊपरी भाग आयतन मण्डल की कोई सुस्पष्ट ऊपरी सीमा नहीं है। इसके बाद अन्तरिक्ष का विस्तार है।
**तापमण्डल के ऊपरी भाग आयतन मण्डल की कोई सुस्पष्ट ऊपरी सीमा नहीं है। इसके बाद [[अन्तरिक्ष]] का विस्तार है।


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

Latest revision as of 08:19, 10 February 2021

तापमण्डल (अंग्रेज़ी:Thermosphere) पृथ्वी के वायुमण्डल में मध्यमण्डल के ऊपर स्थित होता है।

  • इस मण्डल का धरातल से 80 कि.मी. की ऊंचाई से लेकर 640 कि.मी. तक विस्तार है।
  • इस मण्डल में ऊंचाई के साथ तापमान में तेज़ीसे वृद्धि होती है और इसकी सबसे ऊपरी सीमा पर 1700°C तापमान अनुमानित है।
  • तापमण्डल को पुनः दो उपमण्डलों 'आयन मण्डल' तथा 'आयतन मण्डल' में विभाजित किया गया है।
    • आयन मण्डल, तापमण्डल का निचला भाग है जिसमें विद्युत आवेशित कण होते हैं जिन्हें आयन कहते हैं। ये कण रेडियो तरंगों को भूपृष्ठ पर परावर्तित करते हैं और बेतार संचार को संभव बनाते हैं।
    • तापमण्डल के ऊपरी भाग आयतन मण्डल की कोई सुस्पष्ट ऊपरी सीमा नहीं है। इसके बाद अन्तरिक्ष का विस्तार है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख