पूजा गहलोत: Difference between revisions

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'''पूजा गहलोत''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Pooja Gehlot'', जन्म- [[15 मार्च]], [[1997]], सोनीपत, [[हरियाणा]]) भारतीय महिला फ्रीस्टाइल पहलवान हैं। उन्होंने बर्मिंघम, [[इंग्लैंड]] में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में [[भारत]] के लिये कांस्य पदक जीता है। पूजा गहलोत [[कुश्ती]] स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किया। उन्होंने महिलाओं की (50 कि.ग्रा.) फ्रीस्टाइल स्पर्धा के कांस्य मुकाबले में स्कॉटलैंड की लेमोफैक लेचिदजियो को 12-2 (टेक्निकल सुपरियोरिटी) से हराया। इससे पहले वह भारतीय राष्ट्रीय जूनियर चैंपियन और अंडर-23 वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप में रजत पदक विजेता रही हैं।
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==परिचय==
==परिचय==
पूजा गहलोत का जन्म 15 मार्च, 1997 को फरमाना, सोनीपत में हुआ था। उन्होंने कम उम्र से ही खेलों में गहरी रुचि दिखाई। उनके चाचा धर्मवीर सिंह एक पहलवान थे और जब वह लगभग छह साल की थीं, तब उन्होंने पूजा को एक अखाड़े में ले जाना शुरू कर दिया था। हालांकि, उनके [[पिता]] विजेंदर सिंह उनके [[कुश्ती]] खेलने के खिलाफ थे। पूजा गहलोत ने वॉलीबॉल खेलना शुरू कर दिया था। वह वॉलीबॉल में जूनियर राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए गई थीं।
पूजा गहलोत का जन्म 15 मार्च, 1997 को फरमाना, सोनीपत में हुआ था। उन्होंने कम उम्र से ही खेलों में गहरी रुचि दिखाई। उनके चाचा धर्मवीर सिंह एक पहलवान थे और जब वह लगभग छह साल की थीं, तब उन्होंने पूजा को एक अखाड़े में ले जाना शुरू कर दिया था। हालांकि, उनके [[पिता]] विजेंदर सिंह उनके [[कुश्ती]] खेलने के खिलाफ थे। पूजा गहलोत ने वॉलीबॉल खेलना शुरू कर दिया था। वह वॉलीबॉल में जूनियर राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए गई थीं।
==प्रशिक्षण==
==प्रशिक्षण==
हरियाणा की [[गीता फोगाट]] और [[बबीता फोगाट]] ने [[2010]] के राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए पदक जीते थे। यह देखकर पूजा गहलोत कुश्ती की तरफ आकर्षित हुईं। उन्होंने [[2014]] में पेशेवर प्रशिक्षण शुरू किया। हालांकि, [[दिल्ली]] में जहां उनका [[परिवार]] उस समय रह रहा था, वहाँ लड़कियों के लिए कुश्ती अभ्यास केंद्र नहीं था। जैसे-तैसे दिल्ली में एक प्रशिक्षण केंद्र मिला, लेकिन पूजा को वहाँ तक पहुँचने के लिए हर दिन बस से तीन घंटे की यात्रा करनी पड़ती थी और उसके लिए सुबह 3 बजे उठना पड़ता था। जो समय उन्हें अपनी ट्रेनिंग में लगाना था, वो केवल ट्रेनिंग लेने के लिए आने-जाने पर ही ख़र्च हो रहा था।
[[हरियाणा]] की [[गीता फोगाट]] और [[बबीता फोगाट]] ने [[2010]] के [[राष्ट्रमंडल खेल 2010|राष्ट्रमंडल खेलों]] में [[भारत]] के लिए पदक जीते थे। यह देखकर पूजा गहलोत कुश्ती की तरफ आकर्षित हुईं। उन्होंने [[2014]] में पेशेवर प्रशिक्षण शुरू किया। हालांकि, [[दिल्ली]] में जहां उनका [[परिवार]] उस समय रह रहा था, वहाँ लड़कियों के लिए कुश्ती अभ्यास केंद्र नहीं था। जैसे-तैसे दिल्ली में एक प्रशिक्षण केंद्र मिला, लेकिन पूजा को वहाँ तक पहुँचने के लिए हर दिन बस से तीन घंटे की यात्रा करनी पड़ती थी और उसके लिए सुबह 3 बजे उठना पड़ता था। जो समय उन्हें अपनी ट्रेनिंग में लगाना था, वो केवल ट्रेनिंग लेने के लिए आने-जाने पर ही ख़र्च हो रहा था।


हालांकि, लंबी दूरी ने अंततः पूजा गहलोत को पास के एक अखाड़े में स्थानांतरित करने और लड़कों के साथ प्रशिक्षण शुरू करने के लिए मजबूर कर दिया। पूजा के लिए लड़कों के साथ कुश्ती करना आसान नहीं था और उन्हें सिंगलेट (कुश्ती के समय पहनी जाने वाली पोशाक) पहनने में शर्म आती थी। बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए उनका परिवार [[हरियाणा]] के [[रोहतक]] शहर चला गया। उन्होंने [[2016]] में 48 कि.ग्रा. भार वर्ग में राष्ट्रीय जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप जीती। हालाँकि, उसी वर्ष एक चोट लग गई, जिसने पूजा गहलोत को कुश्ती से एक वर्ष से अधिक समय तक दूर रखा।
हालांकि, लंबी दूरी ने अंततः पूजा गहलोत को पास के एक अखाड़े में स्थानांतरित करने और लड़कों के साथ प्रशिक्षण शुरू करने के लिए मजबूर कर दिया। पूजा के लिए लड़कों के साथ कुश्ती करना आसान नहीं था और उन्हें सिंगलेट (कुश्ती के समय पहनी जाने वाली पोशाक) पहनने में शर्म आती थी। बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए उनका परिवार [[हरियाणा]] के [[रोहतक]] शहर चला गया। उन्होंने [[2016]] में 48 कि.ग्रा. भार वर्ग में '''राष्ट्रीय जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप''' जीती। हालाँकि, उसी [[वर्ष]] एक चोट लग गई, जिसने पूजा गहलोत को कुश्ती से एक वर्ष से अधिक समय तक दूर रखा।
==उपलब्धियाँ==
==उपलब्धियाँ==
पूजा गहलोत को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में पहली सफलता तब मिली, जब उन्होंने [[2017]] में ताइवान में एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। उसके लिए एक और बड़ी उपलब्धि [[2019]] में बुडापेस्ट, [[हंगरी]] में 51 कि.ग्रा. वर्ग में अंडर -23 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतना था। वह उस स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाली केवल दूसरी भारतीय महिला बनीं।
पूजा गहलोत को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में पहली सफलता तब मिली, जब उन्होंने [[2017]] में ताइवान में एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। उसके लिए एक और बड़ी उपलब्धि [[2019]] में बुडापेस्ट, [[हंगरी]] में 51 कि.ग्रा. वर्ग में अंडर -23 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतना था। वह उस स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाली केवल दूसरी भारतीय महिला बनीं।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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Latest revision as of 13:15, 16 August 2022

पूजा गहलोत
पूरा नाम पूजा गहलोत
जन्म 15 मार्च, 1997
जन्म भूमि फरमाना, सोनीपत, हरियाणा
अभिभावक पिता- विजेंदर सिंह
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र कुश्ती (फ्रीस्टाइल)
प्रसिद्धि पहलवान
नागरिकता भारतीय
कॉमनवेल्थ गेम्स बर्मिंघम, 2022 - 50 कि.ग्रा. वर्ग - कांस्य पदक
वर्ल्ड अंडर 23 चैम्पियनशिप बुडापेस्ट, 2019 - 53 कि.ग्रा. वर्ग - रजत पदक
लम्बाई 5 फुट 3 इंच
कोच आनंद प्रकाश दहिया
अन्य जानकारी पूजा गहलोत को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में पहली सफलता तब मिली, जब उन्होंने 2017 में ताइवान में एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
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पूजा गहलोत (अंग्रेज़ी: Pooja Gehlot, जन्म- 15 मार्च, 1997, सोनीपत, हरियाणा) भारतीय महिला फ्रीस्टाइल पहलवान हैं। उन्होंने बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में भारत के लिये कांस्य पदक जीता है। पूजा गहलोत कुश्ती स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किया। उन्होंने महिलाओं की (50 कि.ग्रा.) फ्रीस्टाइल स्पर्धा के कांस्य मुकाबले में स्कॉटलैंड की लेमोफैक लेचिदजियो को 12-2 (टेक्निकल सुपरियोरिटी) से हराया। इससे पहले वह भारतीय राष्ट्रीय जूनियर चैंपियन और अंडर-23 वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप में रजत पदक विजेता रही हैं।

परिचय

पूजा गहलोत का जन्म 15 मार्च, 1997 को फरमाना, सोनीपत में हुआ था। उन्होंने कम उम्र से ही खेलों में गहरी रुचि दिखाई। उनके चाचा धर्मवीर सिंह एक पहलवान थे और जब वह लगभग छह साल की थीं, तब उन्होंने पूजा को एक अखाड़े में ले जाना शुरू कर दिया था। हालांकि, उनके पिता विजेंदर सिंह उनके कुश्ती खेलने के खिलाफ थे। पूजा गहलोत ने वॉलीबॉल खेलना शुरू कर दिया था। वह वॉलीबॉल में जूनियर राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए गई थीं।

प्रशिक्षण

हरियाणा की गीता फोगाट और बबीता फोगाट ने 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए पदक जीते थे। यह देखकर पूजा गहलोत कुश्ती की तरफ आकर्षित हुईं। उन्होंने 2014 में पेशेवर प्रशिक्षण शुरू किया। हालांकि, दिल्ली में जहां उनका परिवार उस समय रह रहा था, वहाँ लड़कियों के लिए कुश्ती अभ्यास केंद्र नहीं था। जैसे-तैसे दिल्ली में एक प्रशिक्षण केंद्र मिला, लेकिन पूजा को वहाँ तक पहुँचने के लिए हर दिन बस से तीन घंटे की यात्रा करनी पड़ती थी और उसके लिए सुबह 3 बजे उठना पड़ता था। जो समय उन्हें अपनी ट्रेनिंग में लगाना था, वो केवल ट्रेनिंग लेने के लिए आने-जाने पर ही ख़र्च हो रहा था।

हालांकि, लंबी दूरी ने अंततः पूजा गहलोत को पास के एक अखाड़े में स्थानांतरित करने और लड़कों के साथ प्रशिक्षण शुरू करने के लिए मजबूर कर दिया। पूजा के लिए लड़कों के साथ कुश्ती करना आसान नहीं था और उन्हें सिंगलेट (कुश्ती के समय पहनी जाने वाली पोशाक) पहनने में शर्म आती थी। बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए उनका परिवार हरियाणा के रोहतक शहर चला गया। उन्होंने 2016 में 48 कि.ग्रा. भार वर्ग में राष्ट्रीय जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप जीती। हालाँकि, उसी वर्ष एक चोट लग गई, जिसने पूजा गहलोत को कुश्ती से एक वर्ष से अधिक समय तक दूर रखा।

उपलब्धियाँ

पूजा गहलोत को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में पहली सफलता तब मिली, जब उन्होंने 2017 में ताइवान में एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। उसके लिए एक और बड़ी उपलब्धि 2019 में बुडापेस्ट, हंगरी में 51 कि.ग्रा. वर्ग में अंडर -23 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतना था। वह उस स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाली केवल दूसरी भारतीय महिला बनीं।

कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022

बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में कुश्ती प्रतियोगिता के दूसरे और अंतिम दिन भारत ने 6 स्वर्ण, 1 रजत और 5 कांस्य पदक जीतने के साथ कुल 12 पदक जीते। कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में भारत के सभी पहलवानों ने कोई न कोई पदक ज़रूर जीता है। जिनमें से एक नाम पूजा गहलोत का भी है। पूजा गहलोत 50 किलोग्राम भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही थीं। सेमीफाइनल में कनाडा की मैडिसन पार्क से हारने के बाद पूजा ने कांस्य पदक अपने नाम किया।

पदक

पूजा गहलोत के पदक
क्रमांक साल खेल स्थान पदक
1. 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स बर्मिंघम, इंग्लैंड कांस्य पदक
2. 2019 U-23 राष्ट्रीय चैम्पियनशिप शिरडी स्वर्ण पदक
3. 2019 U-23 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपयिनशिप बुडापेस्ट, हंगरी रजत पदक
4. 2018 भारत केसरी भिवानी, हरियाणा खिताब विजेता
5. 2017 जूनियर एशियाई चैम्पियनशिप ताइवान स्वर्ण पदक
6. 2015 जूनियर नेशनल चैंपियनशिप रांची स्वर्ण पदक


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