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वयनाड के पर्वतीय इलाकों में कई प्राचीनतम जनजातीय समुदाय | वयनाड के पर्वतीय इलाकों में कई प्राचीनतम जनजातीय समुदाय निवास करते हैं। यह अब भी सभ्यता के संपर्क से अछूते हैं। केरल के प्राचीनतम गुफ़ा चित्रकारी के नमूने एडक्कल के 'गिरिपाद' और 'अंबुकुथिमला' के आस-पास से मिलते हैं। ये मध्य पाषाण काल के प्रागैतिहासिक संस्कृति के नमूने हैं। सुरम्य प्राकृतिक दृश्यों वाला यह प्रदेश अपने उपोष्ण कटिबंधीय सवाना, ख़ूबसूरत हिल स्टेशनों, दूर तक फैले मसालों के बगान, प्राकृतिक संपदा से भरपूर घने जंगल और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। वन्य संपदा, [[इतिहास]] और [[संस्कृति]] से संपन्न वयनाड भव्य दक्कन पठार के दक्षिणी छोर पर बसा हुआ है। | ||
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Latest revision as of 14:29, 2 September 2013
वयनाड केरल के मनोरम दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह ऊँचे पश्चिमी घाट पर 2,132 वर्ग कि.मी. क्षेत्रफल में फैला, जैव विविधता से भरपूर स्थान है। वयनाड अपने स्वाभाविक प्राकृतिक सौंदर्य को बरकरार रखने में पूरी तरह से सफल रहा है। यह स्थान समुद्र तल से 700-2100 मीटर की ऊँचाई पर है।
प्राकृतिक सुन्दरता
वयनाड के पर्वतीय इलाकों में कई प्राचीनतम जनजातीय समुदाय निवास करते हैं। यह अब भी सभ्यता के संपर्क से अछूते हैं। केरल के प्राचीनतम गुफ़ा चित्रकारी के नमूने एडक्कल के 'गिरिपाद' और 'अंबुकुथिमला' के आस-पास से मिलते हैं। ये मध्य पाषाण काल के प्रागैतिहासिक संस्कृति के नमूने हैं। सुरम्य प्राकृतिक दृश्यों वाला यह प्रदेश अपने उपोष्ण कटिबंधीय सवाना, ख़ूबसूरत हिल स्टेशनों, दूर तक फैले मसालों के बगान, प्राकृतिक संपदा से भरपूर घने जंगल और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। वन्य संपदा, इतिहास और संस्कृति से संपन्न वयनाड भव्य दक्कन पठार के दक्षिणी छोर पर बसा हुआ है।
जनसंख्या
सन 2001 की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 6,71,195 है।
परिवहन सुविधा
वयनाड से निकटतम हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन कोझिकोड है। सड़क मार्ग द्वारा यह स्थान कोझिकोड, कन्नूर, ऊटी (कलपेट्टा से 175 कि.मी.) और मैसूर (कलपेट्टा से 140 कि.मी.) से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
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