शिवराज सिंह चौहान: Difference between revisions
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'''शिवराज सिंह चौहान''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Shivraj Singh Chouhan'', जन्म- [[5 मार्च]], [[1959]], [[मध्य प्रदेश]]) [[भारतीय जनता पार्टी]] के वरिष्ठ नेता एवं [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] के समर्पित कार्यकर्ताओं में से एक हैं। वह मध्य प्रदेश के ऐसे पूर्व [[मुख्यमंत्री]] हैं जिन्हें चार बार राज्य का मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त है। शिवराज सिंह चौहान [[1990]] में प्रथम बार बुधनी विधान सभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। सन [[1991]] में [[विदिशा]] संसदीय क्षेत्र से पहली बार वे सांसद बने। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय राजनीति में ख़ासा दख़ल रखने के साथ-साथ जुझारू और संघर्षशील युवा नेता के रूप में भी जाने जाते हैं। भाजपा महासचिव रह चुके शिवराज सिंह भाजपा की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने [[23 मार्च]], [[2020]] को [[कमलनाथ]] के स्थान पर राज्य के मुख्यमंत्री की चौथी बार शपथ ली थी। | |||
'''शिवराज सिंह चौहान''' (जन्म- [[5 मार्च]], [[1959]], [[मध्य प्रदेश]]) | |||
==जीवन परिचय== | ==जीवन परिचय== | ||
शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च, 1959 को जैतगाँव, सिहोर ज़िला, मध्य प्रदेश में 'किरार राजपूत' परिवार में हुआ था। उनके [[पिता]] का नाम प्रेमसिंह चौहान और [[माता]] का नाम सुंदरबाई चौहान है। अपनी शिक्षा के अंतर्गत उन्होंने 'बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय', [[भोपाल]] से स्नातकोत्तर (एम.ए.) दर्शनशास्त्र से किया और स्वर्ण पदक के साथ शिक्षा पूर्ण की। श्री चौहान सन [[1975]] में 'मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल' में छात्रसंघ के अध्यक्ष भी बने। [[1972]] में ही वे 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' से जुड़ गये थे और फिर इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने आपात काल का विरोध किया और [[1976]]-[[1977]] के दौरान भोपाल जेल में निरूद्ध रहे। जन समस्याओं के लिए उन्होंने कई बार आन्दोलन किए और जेल यात्राएँ भी कीं। शिवराज सिंह चौहान का [[विवाह]] 1992 में साधना सिंह के साथ सम्पन्न हुआ। जबकि उन्होंने आजीवन कुवाँरे रहने की प्रतीज्ञा की थी। श्री चौहान दो पुत्रों के पिता हैं।<ref name="mcc">{{cite web |url=http://www.mpinfo.org/mpinfonew/hindi/cm/aboutcm/aboutcm.asp |title=शिवराज सिंह चौहान|accessmonthday=23 सितम्बर|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]]}}</ref> | शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च, 1959 को जैतगाँव, सिहोर ज़िला, मध्य प्रदेश में 'किरार राजपूत' परिवार में हुआ था। उनके [[पिता]] का नाम प्रेमसिंह चौहान और [[माता]] का नाम सुंदरबाई चौहान है। अपनी शिक्षा के अंतर्गत उन्होंने 'बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय', [[भोपाल]] से स्नातकोत्तर (एम.ए.) दर्शनशास्त्र से किया और स्वर्ण पदक के साथ शिक्षा पूर्ण की। श्री चौहान सन [[1975]] में 'मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल' में छात्रसंघ के अध्यक्ष भी बने। [[1972]] में ही वे 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' से जुड़ गये थे और फिर इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने आपात काल का विरोध किया और [[1976]]-[[1977]] के दौरान भोपाल जेल में निरूद्ध रहे। जन समस्याओं के लिए उन्होंने कई बार आन्दोलन किए और जेल यात्राएँ भी कीं। शिवराज सिंह चौहान का [[विवाह]] 1992 में साधना सिंह के साथ सम्पन्न हुआ। जबकि उन्होंने आजीवन कुवाँरे रहने की प्रतीज्ञा की थी। श्री चौहान दो पुत्रों के पिता हैं।<ref name="mcc">{{cite web |url=http://www.mpinfo.org/mpinfonew/hindi/cm/aboutcm/aboutcm.asp |title=शिवराज सिंह चौहान|accessmonthday=23 सितम्बर|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]]}}</ref> | ||
====सांसद==== | ====सांसद==== | ||
सन 1977-1978 में वे 'अखिल भारतीय विधार्थी परिषद' के संगठन मंत्री बने और सन [[1978]] से [[1980]] तक 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद' के [[मध्य प्रदेश]] के संयुक्त मंत्री रहे। शिवराज सिंह चौहान सन 1980 से 1982 तक 'अखिल भारतीय विधार्थी परिषद' के प्रदेश महासचिव, [[1982]]-[[1983]] में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य, [[1984]]-[[1985]] में 'भारतीय जनता युवा मोर्चा', मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव, 1985 से 1988 तक महासचिव तथा [[1988]] से [[1991]] तक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। श्री चौहान [[1990]] में पहली बार बुधनी विधान सभा क्षेत्र से विधायक बने और 1991 में [[विदिशा]] संसदीय क्षेत्र से पहली बार सांसद बनाये गये। | सन [[1977]]-[[1978]] में वे 'अखिल भारतीय विधार्थी परिषद' के संगठन मंत्री बने और सन [[1978]] से [[1980]] तक 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद' के [[मध्य प्रदेश]] के संयुक्त मंत्री रहे। शिवराज सिंह चौहान सन 1980 से [[1982]] तक 'अखिल भारतीय विधार्थी परिषद' के प्रदेश महासचिव, [[1982]]-[[1983]] में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य, [[1984]]-[[1985]] में 'भारतीय जनता युवा मोर्चा', मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव, 1985 से 1988 तक महासचिव तथा [[1988]] से [[1991]] तक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। श्री चौहान [[1990]] में पहली बार बुधनी विधान सभा क्षेत्र से विधायक बने और 1991 में [[विदिशा]] संसदीय क्षेत्र से पहली बार सांसद बनाये गये। | ||
शिवराज सिंह चौहान [[1991]]-[[1992]] मे 'अखिल भारतीय केशरिया वाहिनी' के संयोजक तथा 1992 में 'अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा' के महासचिव बने। सन 1992 से [[1994]] तक '[[भारतीय जनता पार्टी]]' के प्रदेश महासचिव नियुक्त हुए। सन 1992 से 1996 तक 'मानव संसाधन विकास मंत्रालय' की परामर्शदात्री समिति, [[1993]] से [[1996]] तक 'श्रम और कल्याण समिति' तथा 1994 से 1996 तक 'हिन्दी सलाहकार समिति' के सदस्य रहे।<ref name="mcc"/> | शिवराज सिंह चौहान [[1991]]-[[1992]] मे 'अखिल भारतीय केशरिया वाहिनी' के संयोजक तथा 1992 में 'अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा' के महासचिव बने। सन 1992 से [[1994]] तक '[[भारतीय जनता पार्टी]]' के प्रदेश महासचिव नियुक्त हुए। सन 1992 से 1996 तक 'मानव संसाधन विकास मंत्रालय' की परामर्शदात्री समिति, [[1993]] से [[1996]] तक 'श्रम और कल्याण समिति' तथा 1994 से 1996 तक 'हिन्दी सलाहकार समिति' के सदस्य रहे।<ref name="mcc"/> | ||
==लोकसभा सदस्य== | ==लोकसभा सदस्य== | ||
[[ग्यारहवीं लोकसभा सांसद|ग्यारहवीं लोक सभा]] में वर्ष 1996 में शिवराज सिंह विदिशा संसदीय क्षेत्र से पुन: सांसद चुने गये। सांसद के रूप में [[1996]]-[[1997]] में 'नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति', 'मानव संसाधन विकास विभाग' की परामर्शदात्री समिति तथा 'नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति' के सदस्य रहे। श्री चौहान वर्ष 1998 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से ही तीसरी बार [[बारहवीं लोकसभा सांसद|बारहवीं लोक सभा]] के लिए सांसद चुने गये। वह [[1998]]-[[1999]] में प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे। शिवराज सिंह 1999 में विदिशा से ही चौथी बार [[तेरहवीं लोकसभा सांसद|तेरहवीं लोक सभा]] के लिये सांसद निर्वाचित हुए। वे 1999-[[2000]] में कृषि समिति के सदस्य तथा वर्ष 1999-[[2001]] में सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य रहे। | [[ग्यारहवीं लोकसभा सांसद|ग्यारहवीं लोक सभा]] में वर्ष 1996 में शिवराज सिंह विदिशा संसदीय क्षेत्र से पुन: सांसद चुने गये। सांसद के रूप में [[1996]]-[[1997]] में 'नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति', 'मानव संसाधन विकास विभाग' की परामर्शदात्री समिति तथा 'नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति' के सदस्य रहे। श्री चौहान वर्ष 1998 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से ही तीसरी बार [[बारहवीं लोकसभा सांसद|बारहवीं लोक सभा]] के लिए सांसद चुने गये। वह [[1998]]-[[1999]] में प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे। शिवराज सिंह 1999 में विदिशा से ही चौथी बार [[तेरहवीं लोकसभा सांसद|तेरहवीं लोक सभा]] के लिये सांसद निर्वाचित हुए। वे 1999-[[2000]] में कृषि समिति के सदस्य तथा वर्ष 1999-[[2001]] में सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य रहे। | ||
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सन 2000 से [[2003]] तक शिवराज सिंह 'भारतीय जनता युवा मोर्चा' के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। इस दौरान वे सदन समिति ([[लोक सभा]]) के अध्यक्ष तथा [[भाजपा]] के राष्ट्रीय सचिव रहे। श्री चौहान 2000 से [[2004]] तक संचार मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे। शिवराज सिंह | सन 2000 से [[2003]] तक शिवराज सिंह 'भारतीय जनता युवा मोर्चा' के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। इस दौरान वे सदन समिति ([[लोक सभा]]) के अध्यक्ष तथा [[भाजपा]] के राष्ट्रीय सचिव रहे। श्री चौहान 2000 से [[2004]] तक संचार मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे। शिवराज सिंह पाँचवी बार [[विदिशा]] से [[चौदहवीं लोकसभा सांसद|चौदहवीं लोक सभा]] के सदस्य निर्वाचित हुये। वह वर्ष 2004 में कृषि समिति, लाभ के पदों के विषय में गठित संयुक्त समिति के सदस्य, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा संसदीय बोर्ड के सचिव, केन्द्रीय चुनाव समिति के सचिव तथा नैतिकता विषय पर गठित समिति के सदस्य और लोक सभा की आवास समिति के अध्यक्ष रहे। उन्हें वर्ष [[2005]] में 'भारतीय जनता पार्टी' का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। | ||
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शिवराज सिंह चौहान को [[29 नवम्बर]], 2005 को [[मध्य प्रदेश]] के [[मुख्यमंत्री]] पद की शपथ दिलायी गयी। प्रदेश की तेरहवीं विधान सभा के निर्वाचन में श्री चौहान ने 'भारतीय जनता पार्टी' के स्टार प्रचारक की भूमिका का बखूबी निर्वहन कर विजयश्री प्राप्त की। शिवराज सिंह को [[10 दिसम्बर]], [[2008]] को | शिवराज सिंह चौहान को [[29 नवम्बर]], 2005 को [[मध्य प्रदेश]] के [[मुख्यमंत्री]] पद की शपथ दिलायी गयी। प्रदेश की तेरहवीं विधान सभा के निर्वाचन में श्री चौहान ने 'भारतीय जनता पार्टी' के स्टार प्रचारक की भूमिका का बखूबी निर्वहन कर विजयश्री प्राप्त की। शिवराज सिंह को [[10 दिसम्बर]], [[2008]] को [[भारतीय जनता पार्टी]] के 143 सदस्यीय विधायक दल ने सर्वसमति से अपना नेता चुना था। श्री चौहान ने [[12 दिसम्बर]], 2008 को [[भोपाल]] के जम्बूरी मैदान में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की थी।<ref name="mcc"/> | ||
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शिवराज सिंह चौहान
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जन्म | 5 मार्च, 1959 |
जन्म भूमि | जैतगाँव, सिहोर ज़िला, मध्य प्रदेश |
अभिभावक | पिता- प्रेमसिंह चौहान, माता- सुंदरबाई चौहान |
पति/पत्नी | साधना सिंह |
संतान | दो पुत्र |
नागरिकता | भारतीय |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ |
पद | पूर्व मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश (चार बार) |
कार्य काल | मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
प्रथम बार-29 नवंबर, 2005-12 दिसंबर, 2008 |
शिक्षा | एम.ए. (दर्शनशास्त्र) |
विद्यालय | 'बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय', भोपाल |
जेल यात्रा | आपने आपात काल का विरोध किया और 1976-1977 के दौरान भोपाल जेल में निरूद्ध रहे। जन समस्याओं के लिए भी कई बार जेल यात्राएँ कीं। |
अन्य जानकारी | श्री चौहान 1990 में पहली बार बुधनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने और 1991 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पहली बार सांसद बनाये गये। |
अद्यतन | 15:36, 5 जनवरी 2024 (IST)
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शिवराज सिंह चौहान (अंग्रेज़ी: Shivraj Singh Chouhan, जन्म- 5 मार्च, 1959, मध्य प्रदेश) भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित कार्यकर्ताओं में से एक हैं। वह मध्य प्रदेश के ऐसे पूर्व मुख्यमंत्री हैं जिन्हें चार बार राज्य का मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त है। शिवराज सिंह चौहान 1990 में प्रथम बार बुधनी विधान सभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। सन 1991 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पहली बार वे सांसद बने। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय राजनीति में ख़ासा दख़ल रखने के साथ-साथ जुझारू और संघर्षशील युवा नेता के रूप में भी जाने जाते हैं। भाजपा महासचिव रह चुके शिवराज सिंह भाजपा की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने 23 मार्च, 2020 को कमलनाथ के स्थान पर राज्य के मुख्यमंत्री की चौथी बार शपथ ली थी।
जीवन परिचय
शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च, 1959 को जैतगाँव, सिहोर ज़िला, मध्य प्रदेश में 'किरार राजपूत' परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रेमसिंह चौहान और माता का नाम सुंदरबाई चौहान है। अपनी शिक्षा के अंतर्गत उन्होंने 'बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय', भोपाल से स्नातकोत्तर (एम.ए.) दर्शनशास्त्र से किया और स्वर्ण पदक के साथ शिक्षा पूर्ण की। श्री चौहान सन 1975 में 'मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल' में छात्रसंघ के अध्यक्ष भी बने। 1972 में ही वे 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' से जुड़ गये थे और फिर इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने आपात काल का विरोध किया और 1976-1977 के दौरान भोपाल जेल में निरूद्ध रहे। जन समस्याओं के लिए उन्होंने कई बार आन्दोलन किए और जेल यात्राएँ भी कीं। शिवराज सिंह चौहान का विवाह 1992 में साधना सिंह के साथ सम्पन्न हुआ। जबकि उन्होंने आजीवन कुवाँरे रहने की प्रतीज्ञा की थी। श्री चौहान दो पुत्रों के पिता हैं।[1]
सांसद
सन 1977-1978 में वे 'अखिल भारतीय विधार्थी परिषद' के संगठन मंत्री बने और सन 1978 से 1980 तक 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद' के मध्य प्रदेश के संयुक्त मंत्री रहे। शिवराज सिंह चौहान सन 1980 से 1982 तक 'अखिल भारतीय विधार्थी परिषद' के प्रदेश महासचिव, 1982-1983 में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य, 1984-1985 में 'भारतीय जनता युवा मोर्चा', मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव, 1985 से 1988 तक महासचिव तथा 1988 से 1991 तक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। श्री चौहान 1990 में पहली बार बुधनी विधान सभा क्षेत्र से विधायक बने और 1991 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पहली बार सांसद बनाये गये।
शिवराज सिंह चौहान 1991-1992 मे 'अखिल भारतीय केशरिया वाहिनी' के संयोजक तथा 1992 में 'अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा' के महासचिव बने। सन 1992 से 1994 तक 'भारतीय जनता पार्टी' के प्रदेश महासचिव नियुक्त हुए। सन 1992 से 1996 तक 'मानव संसाधन विकास मंत्रालय' की परामर्शदात्री समिति, 1993 से 1996 तक 'श्रम और कल्याण समिति' तथा 1994 से 1996 तक 'हिन्दी सलाहकार समिति' के सदस्य रहे।[1]
लोकसभा सदस्य
ग्यारहवीं लोक सभा में वर्ष 1996 में शिवराज सिंह विदिशा संसदीय क्षेत्र से पुन: सांसद चुने गये। सांसद के रूप में 1996-1997 में 'नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति', 'मानव संसाधन विकास विभाग' की परामर्शदात्री समिति तथा 'नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति' के सदस्य रहे। श्री चौहान वर्ष 1998 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से ही तीसरी बार बारहवीं लोक सभा के लिए सांसद चुने गये। वह 1998-1999 में प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे। शिवराज सिंह 1999 में विदिशा से ही चौथी बार तेरहवीं लोक सभा के लिये सांसद निर्वाचित हुए। वे 1999-2000 में कृषि समिति के सदस्य तथा वर्ष 1999-2001 में सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य रहे।
अन्य महत्त्वपूर्ण पद
सन 2000 से 2003 तक शिवराज सिंह 'भारतीय जनता युवा मोर्चा' के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। इस दौरान वे सदन समिति (लोक सभा) के अध्यक्ष तथा भाजपा के राष्ट्रीय सचिव रहे। श्री चौहान 2000 से 2004 तक संचार मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे। शिवराज सिंह पाँचवी बार विदिशा से चौदहवीं लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुये। वह वर्ष 2004 में कृषि समिति, लाभ के पदों के विषय में गठित संयुक्त समिति के सदस्य, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा संसदीय बोर्ड के सचिव, केन्द्रीय चुनाव समिति के सचिव तथा नैतिकता विषय पर गठित समिति के सदस्य और लोक सभा की आवास समिति के अध्यक्ष रहे। उन्हें वर्ष 2005 में 'भारतीय जनता पार्टी' का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान को 29 नवम्बर, 2005 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी गयी। प्रदेश की तेरहवीं विधान सभा के निर्वाचन में श्री चौहान ने 'भारतीय जनता पार्टी' के स्टार प्रचारक की भूमिका का बखूबी निर्वहन कर विजयश्री प्राप्त की। शिवराज सिंह को 10 दिसम्बर, 2008 को भारतीय जनता पार्टी के 143 सदस्यीय विधायक दल ने सर्वसमति से अपना नेता चुना था। श्री चौहान ने 12 दिसम्बर, 2008 को भोपाल के जम्बूरी मैदान में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की थी।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 शिवराज सिंह चौहान (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 23 सितम्बर, 2012।
संबंधित लेख
क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |