विहृल कुण्ड काम्यवन: Difference between revisions

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चरणपहाड़ी के पास ही विहृल कुण्ड और पञ्चसखा कुण्ड है। यहाँ पर [[कृष्ण]] की [[मुरली]] ध्वनि को सुनकर गोपियाँ प्रेम में विहृल हो गई थी। इसलिए वह स्थान विहृल कुण्ड के नाम से प्रसिद्ध हुआ। पञ्च सखा कुण्डों के नाम रग्ङीला, छबीला, जकीला, मतीला और दतीला कुण्ड हैं। ये सब अग्रावली ग्राम के पास विद्यमान हैं।
चरणपहाड़ी के पास ही विहृल कुण्ड और पञ्चसखा कुण्ड है। यहाँ पर [[कृष्ण]] की [[मुरली]] ध्वनि को सुनकर गोपियाँ प्रेम में विहृल हो गई थी। इसलिए वह स्थान विहृल कुण्ड के नाम से प्रसिद्ध हुआ। पञ्च सखा कुण्डों के नाम रग्ङीला, छबीला, जकीला, मतीला और दतीला कुण्ड हैं। ये सब अग्रावली ग्राम के पास विद्यमान हैं।
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Latest revision as of 13:22, 15 December 2010

चरणपहाड़ी के पास ही विहृल कुण्ड और पञ्चसखा कुण्ड है। यहाँ पर कृष्ण की मुरली ध्वनि को सुनकर गोपियाँ प्रेम में विहृल हो गई थी। इसलिए वह स्थान विहृल कुण्ड के नाम से प्रसिद्ध हुआ। पञ्च सखा कुण्डों के नाम रग्ङीला, छबीला, जकीला, मतीला और दतीला कुण्ड हैं। ये सब अग्रावली ग्राम के पास विद्यमान हैं।

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