गोंडवाना: Difference between revisions
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'''गोंडवाना''' [[मध्य भारत]] का ऐतिहासिक क्षेत्र, जिसमें [[मध्य प्रदेश]], [[आंध्र प्रदेश]] और [[महाराष्ट्र|महाराष्ट्र राज्य]] के हिस्से शामिल हैं। [[गोंड]] यहाँ के निवासी हैं, जिनकी जनसंख्या 30 लाख से अधिक है। | '''गोंडवाना''' [[मध्य भारत]] का ऐतिहासिक क्षेत्र, जिसमें [[मध्य प्रदेश]], [[आंध्र प्रदेश]] और [[महाराष्ट्र|महाराष्ट्र राज्य]] के हिस्से शामिल हैं। [[गोंड]] यहाँ के निवासी हैं, जिनकी जनसंख्या 30 लाख से अधिक है। | ||
*गोंड द्रविड़ समूह की एक जनजाति है, जिसका उल्लेख पहली बार 14वीं सदी के मुस्लिम दस्तावेज़ों में किया गया है। | *गोंड द्रविड़ समूह की एक जनजाति है, जिसका उल्लेख पहली बार 14वीं सदी के [[मुसलमान|मुस्लिम]] दस्तावेज़ों में किया गया है। | ||
*14वीं से 18वीं [[शताब्दी]] तक गोंडवाना क्षेत्र पर शक्तिशाली गोंड वंशों का शासन था, जो [[मुग़ल]] शासन के दौरान स्वतंत्र या सहायक प्रमुख के तौर पर शासन करते रहे। | *14वीं से 18वीं [[शताब्दी]] तक गोंडवाना क्षेत्र पर शक्तिशाली गोंड वंशों का शासन था, जो [[मुग़ल]] शासन के दौरान स्वतंत्र या सहायक प्रमुख के तौर पर शासन करते रहे। | ||
*18वीं शताब्दी में [[मराठा|मराठों]] द्वारा गोंडों पर जीत हासिल करने के गोंडवाना का बड़ा भाग [[नागपुर]] के [[भोंसले वंश|भोंसले]] राजाओं या [[हैदराबाद]] के निज़ाम के क्षेत्रों में समाहित हो गया। बहुत-से गोंडों ने दुर्गम ऊपरी क्षेत्रों में शरण ली और वे जनजातीय आक्रमणकारी बन गए।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत ज्ञानकोश, खण्ड-2|लेखक=इंदु रामचंदानी|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=107|url=}}</ref> | *18वीं शताब्दी में [[मराठा|मराठों]] द्वारा गोंडों पर जीत हासिल करने के पश्चात् गोंडवाना का बड़ा भाग [[नागपुर]] के [[भोंसले वंश|भोंसले]] राजाओं या [[हैदराबाद]] के निज़ाम के क्षेत्रों में समाहित हो गया। बहुत-से गोंडों ने दुर्गम ऊपरी क्षेत्रों में शरण ली और वे जनजातीय आक्रमणकारी बन गए।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत ज्ञानकोश, खण्ड-2|लेखक=इंदु रामचंदानी|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=107|url=}}</ref> | ||
*1818 और 1853 ई. के मध्य गोंडवाना का अधिकांश हिस्सा ब्रिटिश शासन में चला गया। कुछ छोटे राज्यों में गोंड राजा [[1947]] में [[भारत]] के स्वतंत्र होने तक शासन करते रहे। | *1818 और 1853 ई. के मध्य गोंडवाना का अधिकांश हिस्सा ब्रिटिश शासन में चला गया। कुछ छोटे राज्यों में गोंड राजा [[1947]] में [[भारत]] के स्वतंत्र होने तक शासन करते रहे। | ||
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चित्र:Disamb2.jpg गोंडवाना | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- गोंडवाना (बहुविकल्पी) |
गोंडवाना मध्य भारत का ऐतिहासिक क्षेत्र, जिसमें मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र राज्य के हिस्से शामिल हैं। गोंड यहाँ के निवासी हैं, जिनकी जनसंख्या 30 लाख से अधिक है।
- गोंड द्रविड़ समूह की एक जनजाति है, जिसका उल्लेख पहली बार 14वीं सदी के मुस्लिम दस्तावेज़ों में किया गया है।
- 14वीं से 18वीं शताब्दी तक गोंडवाना क्षेत्र पर शक्तिशाली गोंड वंशों का शासन था, जो मुग़ल शासन के दौरान स्वतंत्र या सहायक प्रमुख के तौर पर शासन करते रहे।
- 18वीं शताब्दी में मराठों द्वारा गोंडों पर जीत हासिल करने के पश्चात् गोंडवाना का बड़ा भाग नागपुर के भोंसले राजाओं या हैदराबाद के निज़ाम के क्षेत्रों में समाहित हो गया। बहुत-से गोंडों ने दुर्गम ऊपरी क्षेत्रों में शरण ली और वे जनजातीय आक्रमणकारी बन गए।[1]
- 1818 और 1853 ई. के मध्य गोंडवाना का अधिकांश हिस्सा ब्रिटिश शासन में चला गया। कुछ छोटे राज्यों में गोंड राजा 1947 में भारत के स्वतंत्र होने तक शासन करते रहे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारत ज्ञानकोश, खण्ड-2 |लेखक: इंदु रामचंदानी |प्रकाशक: एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 107 |