डिंको सिंह: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
कविता बघेल (talk | contribs) No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ") |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 12: | Line 12: | ||
|संतान= | |संतान= | ||
|कर्म भूमि=[[भारत]] | |कर्म भूमि=[[भारत]] | ||
|खेल-क्षेत्र= | |खेल-क्षेत्र=मुक्केबाज़ी (बॉक्सिंग) | ||
|शिक्षा= | |शिक्षा= | ||
|विद्यालय= | |विद्यालय= | ||
|पुरस्कार-उपाधि= | |पुरस्कार-उपाधि= | ||
|प्रसिद्धि= | |प्रसिद्धि=मुक्केबाज़ | ||
|विशेष योगदान= | |विशेष योगदान= | ||
|नागरिकता=भारतीय | |नागरिकता=भारतीय | ||
Line 24: | Line 24: | ||
|शीर्षक 2= | |शीर्षक 2= | ||
|पाठ 2= | |पाठ 2= | ||
|अन्य जानकारी=डिंको सिंह ने छोटी उम्र | |अन्य जानकारी=डिंको सिंह ने छोटी उम्र में ही [[1989]] में [[अंबाला]] में राष्ट्रीय बॉक्सिंग का सब-जूनियर खिताब जीत लिया था। [[1998]] में बैंकाक (थाईलैंड) में हुए एशियाई खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। | ||
|बाहरी कड़ियाँ= | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
|अद्यतन=05:32, 12 नवम्बर-2016 (IST) | |अद्यतन=05:32, 12 नवम्बर-2016 (IST) | ||
}} | }} | ||
'''डिंको सिंह''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Dingko Singh'', जन्म- [[1 जनवरी]], [[1979]], हुईड्रोम, [[मणिपुर]]) [[भारत]] के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज़ों में से एक हैं। उनका पूरा नाम नगांगो डिंको सिंह है। उन्होंने [[1997]] में बैंकाक में ‘किंग्ज कप’ में विजय प्राप्त की थी। इसके | '''डिंको सिंह''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Dingko Singh'', जन्म- [[1 जनवरी]], [[1979]], हुईड्रोम, [[मणिपुर]]) [[भारत]] के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज़ों में से एक हैं। उनका पूरा नाम नगांगो डिंको सिंह है। उन्होंने [[1997]] में बैंकाक में ‘किंग्ज कप’ में विजय प्राप्त की थी। इसके पश्चात् [[1998]] में बैंकाक में हुए एशियाई खेलों में भी उन्होंने पदक जीता था। | ||
==परिचय== | ==परिचय== | ||
[[भारत]] के आज तक के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज़ों में डिंको सिंह का नाम है। उनका जन्म 1 जनवरी, 1979 को [[मणिपुर]] के दूरदराज के एक [[गाँव]] हुईड्रोम में हुआ था और पालन-पोषण एक अनाथालय में हुआ। | [[भारत]] के आज तक के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज़ों में डिंको सिंह का नाम है। उनका जन्म 1 जनवरी, 1979 को [[मणिपुर]] के दूरदराज के एक [[गाँव]] हुईड्रोम में हुआ था और पालन-पोषण एक अनाथालय में हुआ। |
Latest revision as of 07:48, 23 June 2017
डिंको सिंह
| |
पूरा नाम | नगांगो डिंको सिंह |
जन्म | 1 जनवरी, 1979 |
जन्म भूमि | हुईड्रोम, मणिपुर |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | मुक्केबाज़ी (बॉक्सिंग) |
प्रसिद्धि | मुक्केबाज़ |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | डिंको सिंह ने छोटी उम्र में ही 1989 में अंबाला में राष्ट्रीय बॉक्सिंग का सब-जूनियर खिताब जीत लिया था। 1998 में बैंकाक (थाईलैंड) में हुए एशियाई खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। |
अद्यतन | 05:32, 12 नवम्बर-2016 (IST) |
डिंको सिंह (अंग्रेज़ी: Dingko Singh, जन्म- 1 जनवरी, 1979, हुईड्रोम, मणिपुर) भारत के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज़ों में से एक हैं। उनका पूरा नाम नगांगो डिंको सिंह है। उन्होंने 1997 में बैंकाक में ‘किंग्ज कप’ में विजय प्राप्त की थी। इसके पश्चात् 1998 में बैंकाक में हुए एशियाई खेलों में भी उन्होंने पदक जीता था।
परिचय
भारत के आज तक के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज़ों में डिंको सिंह का नाम है। उनका जन्म 1 जनवरी, 1979 को मणिपुर के दूरदराज के एक गाँव हुईड्रोम में हुआ था और पालन-पोषण एक अनाथालय में हुआ।
चैंपियन मुक्केबाज़
डिंको सिंह ने सफलता पाने के लिए जी-जान लगा दी ताकि भारत के चैंपियन मुक्केबाज़ बन सकें। ‘विशेष खेल क्षेत्र’ स्कीम के अन्तर्गत डिंको सिंह को भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा सहायता मिली और जब वह चर्चा में आए तो मात्र 11 वर्ष के थे। उन्होंने इतनी छोटी उम्र में 1989 में अंबाला में राष्ट्रीय बॉक्सिंग का सब-जूनियर खिताब जीत लिया। डिंको सिंह ने अपनी पहली बड़ी अन्तरराष्ट्रीय सफलता तब हासिल की, जब उन्होंने 1997 में बैंकाक (थाईलैंड) में ‘किंग्ज कप’ जीत लिया। उस समय उन्हें सर्वश्रेष्ठ बॉक्सर घोषित किया गया था। इसके एक वर्ष पश्चात् डिंको सिंह ने अपनी दूसरी सफलता भी बैंकाक में ही प्राप्त की।[1]
बैंकाक उनके लिए भाग्यशाली साबित हुआ। उन्होंने 54 किलो वर्ग में विश्व के नम्बर दो खिलाड़ी टिमूर तोल्याकोव (उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी) को हरा कर बॉक्सिंग का 1998 का एशियाड स्वर्ण पदक जीत लिया। उनके लिए यह सफलता और भी अधिक महत्त्वपूर्ण थी, क्योंकि उन्होंने कुछ ही माह पूर्व भार वर्ग 51 किलो से बदल कर 54 किलो वर्ग में कर लिया था। यहाँ सेमीफाइनल में उनका मुकाबला विश्व के नंबर दो खिलाड़ी थाईलैंड के वांगप्रेट्स सोन्टाया से हुआ था, जिसमें दर्शक अपने देश के खिलाड़ी को हारता देखकर भड़क उठे थे।
उपलब्धियाँ
- डिंको सिंह भारत के सर्वश्रेष्ठ बॉक्सरों में से एक हैं।
- उन्होंने 1997 में ‘किंग्ज कप’ जीता था।
- 1998 में डिंको सिंह ने बैंकाक (थाईलैंड) में हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त किया था।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ डिंको सिंह का जीवन परिचय (हिंदी) कैसे और क्या। अभिगमन तिथि: 09 सितम्बर, 2016।