मांडवी: Difference between revisions
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विजय विलास पैलेस मांडवी का दूसरा आकर्षण है। एक समय यह कच्छ के महाराजाओं का महल था। जिसे उन्होंने गरमी के लिए बनवाया था। [[ओरछा]] और दतिया के महलों की शैली में बने इस महल में [[चित्रकला राजपूत शैली |राजपूत शैली]] का भी पूरा प्रभाव है। सुन्दर उद्यान, जलधाराएं इसे एक अनोखा वैभव प्रदान करती हैं। | विजय विलास पैलेस मांडवी का दूसरा आकर्षण है। एक समय यह कच्छ के महाराजाओं का महल था। जिसे उन्होंने गरमी के लिए बनवाया था। [[ओरछा]] और दतिया के महलों की शैली में बने इस महल में [[चित्रकला राजपूत शैली |राजपूत शैली]] का भी पूरा प्रभाव है। सुन्दर उद्यान, जलधाराएं इसे एक अनोखा वैभव प्रदान करती हैं। |
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चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
thumb|250px|विजय विलास पैलेस, मांडवी मांडवी गुजरात के गिनेचुने समुद्र तटों में से एक है। सागरतटीय सुन्दरता के अलावा मांडवी की संस्कृति भी यहाँ का एक आकर्षण है। यह संस्कृति शेष गुजरात से एकदम अलग है। यहाँ जनजीवन में कच्छ संस्कृति का प्रभाव है। यही कारण है कि मांडवी की यात्रा कच्छ की यात्रा के बिना अधूरी मानी जाती है। दरअसल, कच्छ गुजरात का एक ज़िला है और कच्छ का रण इस धरती को प्रकृति का एक अद्वितीय उपहार है।
इतिहास
कच्छ की खाड़ी के बीच में स्थित मांडवी अपने मनोहरी समुद्र तटों के लिए गुजरात ही नहीं भारत भर में प्रसिद्ध है। सफेद बालू से सज़ा यह तट सैलानियों को खुला आमंत्रण देता है। इस नगर की स्थापना 1581 में कच्छ के जडेजा शासक ने की थी। उन्होंने इसे एक शानदार चारदीवारी से घिरा शहर बनाया था। उस समय मांडवी एक व्यावसायिक नगर के रूप में जाना जाता था। उस का कारण था यहाँ का समृद्ध बंदरगाह। मांडवी की समृद्धि का अनुमान इस बात से ही लगता है कि उस समय यहाँ के व्यापारियों के पास 400 पानी के जहाज़ होते थे। यही नहीं, यहाँ लकड़ी के जहाज़ बनाने का उद्योग स्थापित हो रुकमावती नदी कच्छ की खाड़ी में आ समाती है।
पर्यटन स्थल
मांडवी के पर्यटन आकर्षण में पहला स्थान यहाँ के समुद्र तट का है। यह समुद्र तट दूर तक टहलने के लिए बेहद उपयुक्त है। समुद्र स्नान के लिहाज़ से एक सुरक्षित बीच होने के साथ-साथ यह तैराकी के लिए भी उपयुक्त माना जाता है। बीच के दूसरी ओर थोड़ी-थोड़ी दूर पर ताड़ के वृक्ष इस की ख़ूबसूरती को बढ़ाते हैं। गुजरात और राजस्थान से लोग पर्यटन के लिए यहाँ आते हैं।
विजय विलास पैलेस
विजय विलास पैलेस मांडवी का दूसरा आकर्षण है। एक समय यह कच्छ के महाराजाओं का महल था। जिसे उन्होंने गरमी के लिए बनवाया था। ओरछा और दतिया के महलों की शैली में बने इस महल में राजपूत शैली का भी पूरा प्रभाव है। सुन्दर उद्यान, जलधाराएं इसे एक अनोखा वैभव प्रदान करती हैं।
अन्य आर्कषण
रुकमावती नदी पर पत्थर का बना सब से लंबा पुल भी दर्शनीय है। 1883 में बना अपनी तरह का यह भारत में एकमात्र पुल है।
मांडवी से कुछ दूर 'विंड फार्म बीच' भी एक सुन्दर और शांत सागरतट है। 'विंड फार्म बीच' पर सैलानियों को एक ओर सागर की अथाह जलराशि नजर आती है तो दूसरी ओर उन्हें सैकड़ों पवनचक्कियाँ कतार में खड़ी नजर आती हैं। समुद्री हवाओं से निरंतर घूमते इन के टरबाइन इस क्षेत्र के लिए ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। मांडवी बीच से भी ये टरबाइन नजर आती हैं।
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