सूर्यकुण्ड (लोहार्गल): Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''सूर्यकुण्ड''' राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों मे...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m (Text replace - "श्रृंखला" to "शृंखला")
Line 1: Line 1:
'''सूर्यकुण्ड''' [[राजस्थान]] के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसकी धार्मिक मान्यता है। यह [[लोहार्गल]] की पहाड़ियों में स्थित है।
'''सूर्यकुण्ड''' [[राजस्थान]] के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसकी धार्मिक मान्यता है। यह [[लोहार्गल]] की पहाड़ियों में स्थित है।


*[[झुंझुनू ज़िला|झुंझुनू ज़िले]] के दक्षिण में ज़िला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर [[अरावली पर्वत श्रृंखला]] में स्थित यह पवित्र स्थल सीकर-नीम का थाना सड़क मार्ग पर [[सीकर]] से लगभग 35 किलोमीटर दूर है।
*[[झुंझुनू ज़िला|झुंझुनू ज़िले]] के दक्षिण में ज़िला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर [[अरावली पर्वत शृंखला]] में स्थित यह पवित्र स्थल सीकर-नीम का थाना सड़क मार्ग पर [[सीकर]] से लगभग 35 किलोमीटर दूर है।
*यहाँ का अनुपम प्राकृतिक सौन्दर्य दर्शनीय है, जो यात्रियों को सहज ही आकर्षित करता है।
*यहाँ का अनुपम प्राकृतिक सौन्दर्य दर्शनीय है, जो यात्रियों को सहज ही आकर्षित करता है।
*[[भाद्रपद मास]] में [[जन्माष्टमी|श्रीकृषण जन्माष्टमी]] से [[अमावस्या]] तक प्रत्येक वर्ष लोहार्गल के पहाडो में हज़ारों लाखों नर-नारी पैदल परिक्रमा करते हैं और अमावस्या के दिन सूर्यकुण्ड में पवित्र [[स्नान]] के साथ यह परिक्रमा विधिवत संपन्न होती है।
*[[भाद्रपद मास]] में [[जन्माष्टमी|श्रीकृषण जन्माष्टमी]] से [[अमावस्या]] तक प्रत्येक वर्ष लोहार्गल के पहाडो में हज़ारों लाखों नर-नारी पैदल परिक्रमा करते हैं और अमावस्या के दिन सूर्यकुण्ड में पवित्र [[स्नान]] के साथ यह परिक्रमा विधिवत संपन्न होती है।

Revision as of 10:40, 29 June 2013

सूर्यकुण्ड राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसकी धार्मिक मान्यता है। यह लोहार्गल की पहाड़ियों में स्थित है।

  • झुंझुनू ज़िले के दक्षिण में ज़िला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर अरावली पर्वत शृंखला में स्थित यह पवित्र स्थल सीकर-नीम का थाना सड़क मार्ग पर सीकर से लगभग 35 किलोमीटर दूर है।
  • यहाँ का अनुपम प्राकृतिक सौन्दर्य दर्शनीय है, जो यात्रियों को सहज ही आकर्षित करता है।
  • भाद्रपद मास में श्रीकृषण जन्माष्टमी से अमावस्या तक प्रत्येक वर्ष लोहार्गल के पहाडो में हज़ारों लाखों नर-नारी पैदल परिक्रमा करते हैं और अमावस्या के दिन सूर्यकुण्ड में पवित्र स्नान के साथ यह परिक्रमा विधिवत संपन्न होती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख