सतसई: Difference between revisions
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Revision as of 04:10, 17 February 2013
'सतसई' तुलसीदास के दोहों का एक संग्रह ग्रंथ है। इन दोहों में से अनेक दोहे 'दोहावली' की विभिन्न प्रतियों में तुलसीदास के अन्य ग्रंथों में भी मिलते हैं और उनसे लिये गये है। बहुत से 'रामचरित मानस' और 'रामज्ञा प्रश्न' से लिये गये हैं।
स्फुट दोहे
'सतसई' की विभिन्न प्रतियों में उसके कई पाठ भी मिलते हैं। इन पाठों का मिलान नहीं किया गया है किंतु इनमें परस्पर अंतर बहुत है। इसका सम्पादन कवि अपने जीवनकाल में नहीं कर सका था। सम्भवत: उसके विविध विषयों के कुछ स्फुट दोहे ही थे, जिन्हें अलग- अलग ढ़ग से अलग-अलग व्यक्तियों ने संकलित कर लिया।
'दोहावली'
इन्हीं दोहों के साथ नव- कल्पित दोहों को मिलाकर एक 'दोहावली' भी तैयार की गयी, यही कारण है कि 'दोहावली' और 'सतसई' के बहुत दोहे एक ही हैं।
विषय
'सतसई' किसी एक विषय की रचना नहीं है। इसमें अनेकानेक विषयों के स्फुट दोहे संकलित हुए हैं। कुछ छ्न्द कवि के जीवन की अनेक घटनाओं से सम्बन्धित हैं। इनका महत्त्व कवि के प्रामाणिक जीवन वृत्त के निर्माण में बहुत अधिक है। 'कवितावली' के छ्न्दों के बाद 'सतसई' के इन दोहों से ही कवि के जीवन- वृत निर्माण में हमें उल्लेखनीय सहायता मिलती है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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