यशोदा कुण्ड काम्यवन: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
 
m (1 अवतरण)
(No difference)

Revision as of 08:40, 25 June 2010

40px पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार करने में सहायता कर सकते हैं।

काम्यवन में यहीं कृष्ण की माता श्री यशोदा जी का पित्रालय था । श्री कृष्ण बचपन में अपनी माता जी के साथ यहाँ कभी–कभी आकर निवास करते थे । कभी–कभी नन्दगोकुल अपने गऊओं के साथ पड़ाव में यहीं ठहरता था। श्रीकृष्ण सखाओं के साथ यहाँ गोचारण भी करते थे ।[1]।ऐसा शास्त्रों में उल्लेख है । यह स्थान अत्यन्त मनोहर है ।

टीका-टिप्पणी

  1. देख यशोदाकुण्ड परम निर्मल । एथा गोचारणे कृष्ण हईया विहृल॥ (भक्तिरत्नाकर)

सम्बंधित लिंक