अंबोली: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "नजारा" to "नज़ारा")
m (Text replace - " करीब" to " क़रीब")
Line 53: Line 53:
यहाँ का नंगर्ता झरना पिकनिक और आराम के लिए एक बेहतरीन जगह है। हिरण्यकेषी झरने की गुफ़ाओं के मुख के पास एक छोटा-सा पुरातन [[शिव]] का मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर स्वयं शिवजी ने बनाया था। हिरण्यकेषी मंदिर को यह नाम [[पार्वती]] से मिला था, जो उन्हीं का एक नाम है। एक हिल स्टेशन होने के कारण अंबोली में अनेक दशनीय स्थल हैं, जैसे- सी व्यू प्वाइंट, कावेलसद प्वाइंट, परीक्षित प्वाइंट और महादेव प्वाइंट। इन सभी जगहों से [[अरब सागर]] और कोंकण तट के संगम के मनोरम दृश्य दिखाई देते हैं।<ref name="ab"/>
यहाँ का नंगर्ता झरना पिकनिक और आराम के लिए एक बेहतरीन जगह है। हिरण्यकेषी झरने की गुफ़ाओं के मुख के पास एक छोटा-सा पुरातन [[शिव]] का मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर स्वयं शिवजी ने बनाया था। हिरण्यकेषी मंदिर को यह नाम [[पार्वती]] से मिला था, जो उन्हीं का एक नाम है। एक हिल स्टेशन होने के कारण अंबोली में अनेक दशनीय स्थल हैं, जैसे- सी व्यू प्वाइंट, कावेलसद प्वाइंट, परीक्षित प्वाइंट और महादेव प्वाइंट। इन सभी जगहों से [[अरब सागर]] और कोंकण तट के संगम के मनोरम दृश्य दिखाई देते हैं।<ref name="ab"/>
====अन्य स्थल====
====अन्य स्थल====
अंबोली गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर है, जिसे 'हिरन्याकेशी' भी कहा जाता है। यहाँ से एक [[जल]] की धारा निकलकर [[कृष्णा नदी]] में मिलती है। ये शिव मंदिर एक गुफ़ा में स्थित हैं और यहीं से ये धारा निकलती है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ करीब 108 शिव मंदिर है, लेकिन इनमें से अभी तक कुछ ही उजागर हो पाए हैं। यहाँ आने वाले पर्यटक पिकनिक का मजा भी उठा सकते हैं। घने जंगलों और गहरी घाटियों के बीच से कोंकण तट का नज़ारा भी बहुत संदर दिखता है। इस हिल स्टेशन से 10 किलोमीटर की दूरी पर पर्यटक बाक्साइट की खान भी देख सकते है। अगर पर्यटक मछली पकड़ने के शौकीन हैं तो हिरन्याकेशी में घंटों इसका मजा ले सकते हैं। यहाँ माधवगढ़ किले के [[अवशेष]] भी देखे जा सकते हैं। अंबोली की मुख्य सड़क पर एक युद्ध स्मारक भी अवस्थित है।
अंबोली गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर है, जिसे 'हिरन्याकेशी' भी कहा जाता है। यहाँ से एक [[जल]] की धारा निकलकर [[कृष्णा नदी]] में मिलती है। ये शिव मंदिर एक गुफ़ा में स्थित हैं और यहीं से ये धारा निकलती है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ क़रीब 108 शिव मंदिर है, लेकिन इनमें से अभी तक कुछ ही उजागर हो पाए हैं। यहाँ आने वाले पर्यटक पिकनिक का मजा भी उठा सकते हैं। घने जंगलों और गहरी घाटियों के बीच से कोंकण तट का नज़ारा भी बहुत संदर दिखता है। इस हिल स्टेशन से 10 किलोमीटर की दूरी पर पर्यटक बाक्साइट की खान भी देख सकते है। अगर पर्यटक मछली पकड़ने के शौकीन हैं तो हिरन्याकेशी में घंटों इसका मजा ले सकते हैं। यहाँ माधवगढ़ किले के [[अवशेष]] भी देखे जा सकते हैं। अंबोली की मुख्य सड़क पर एक युद्ध स्मारक भी अवस्थित है।
==कब जाएँ==
==कब जाएँ==
क्योंकि अधिक ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ का मौसम ठंडा रहता है, इसलिए गर्मियों में यहाँ आना अधिक अच्छा है। मानसून में यहाँ का [[तापमान]] 20 डिग्री सेन्टीग्रेट हो जाने से इस जगह पर रहना सुखद होता है। सर्दियों में भी यहाँ आना अच्छा रहेगा। [[मानसून]] के समय में यहाँ होने वाली अच्छी [[वर्षा]] से यहाँ मौजूद झरने और धुंध से यहाँ की प्राकृतिक छटा की सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है। बारिश का मजा और कुछ दिनों के एकांत के लिए अंबोली एक शानदार सैरगाह है।
क्योंकि अधिक ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ का मौसम ठंडा रहता है, इसलिए गर्मियों में यहाँ आना अधिक अच्छा है। मानसून में यहाँ का [[तापमान]] 20 डिग्री सेन्टीग्रेट हो जाने से इस जगह पर रहना सुखद होता है। सर्दियों में भी यहाँ आना अच्छा रहेगा। [[मानसून]] के समय में यहाँ होने वाली अच्छी [[वर्षा]] से यहाँ मौजूद झरने और धुंध से यहाँ की प्राकृतिक छटा की सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है। बारिश का मजा और कुछ दिनों के एकांत के लिए अंबोली एक शानदार सैरगाह है।

Revision as of 14:08, 16 November 2014

अंबोली
विवरण अंबोली महाराष्ट्र में एक ख़ूबसूरत पहाड़ी स्थान है। यहाँ कई ऐसी जगह हैं, जहाँ से हरे-भरे पर्वत और उपजाऊ धरती के मनोरम दृश्य का भरपूर आनंद लिया जा सकता है।
राज्य महाराष्ट्र
ज़िला सिंधुदुर्ग ज़िला
भौगोलिक स्थिति सहयाद्रि पहाड़ियों की दक्षिणी शृंखला में।
कब जाएँ अधिक ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ का मौसम ठंडा रहता है, इसलिए गर्मियों में यहाँ आना अधिक अच्छा है।
हवाई अड्डा गोवा
रेलवे स्टेशन सावंतवाड़ी
क्या देखें श्रीगाँवकर झरना, महादेव झरना, नंगर्ता झरना, प्राचीन शिव मंदिर, माधवगढ़ क़िला आदि।
कहाँ ठहरें होटल व्हिस्लिंग वूड्स, साइलेंट वैली रिसॉर्ट शांति दर्शन और होटल शिव माल्हार आदि।
अन्य जानकारी मानसून के समय में होने वाली अच्छी वर्षा से यहाँ मौजूद झरने और धुंध से यहाँ की प्राकृतिक छटा की सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है।

अंबोली महाराष्ट्र में स्थित एक छोटा-सा पहाड़ी क्षेत्र है। यह प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सहयाद्रि पर्वतमाला में है, जो सिंधुदुर्ग ज़िले में आता है। सन 1880 में अंबोली को हिल स्टेशन का दर्जा प्रदान किया गया था। परिवार आदि के साथ यह स्थान छुट्टियाँ बिताने के लिए एक बेहतरीन जगह है। यहाँ का मौसम अधिकांशत: ठण्डा रहता है, इसीलिए यहाँ गर्मी के दिनों में आना ठीक रहता है।

स्थिति

वर्षा की फुहारों का आनन्द अगर किसी हिल स्टेशन पर लिया जाए, तो ये अनुभव अपने आप में ही अनूठा होता है। कुछ ऐसा ही एहसास दिलाने वाली जगह है 'अंबोली'। यह ख़ूबसूरत स्थान सिंधुदुर्ग ज़िले की सहयाद्रि पहाड़ियों की दक्षिणी शृंखला में स्थित है। इस स्थान के शानदार प्राकृतिक दृश्य किसी का भी मन मोह लेने की क्षमता रखते हैं। यहाँ कई ऐसे जगह हैं, जहाँ से हरे-भरे पर्वत और उपजाऊ धरती के मनोरम दृश्य का भरपूर आनंद लिया जा सकता है। अंबोली समस्त परिवार के साथ छुट्टियों आदि बिताने के लिए एकदम सही स्थान है।

इतिहास

ब्रिटिश शासन के दौरान अंबोली शहर का उपयोग एक ऊँची पोस्ट के रूप में होता था, जहाँ से मध्य व दक्षिण भारत में सैनिकों के लिए चौकियाँ बनाई जाती थीं। 1880 में अंबोली को एक हिल स्टेशन घोषित कर दिया गया। सावंतवाड़ी के स्थानीय लोगों ने अंग्रेज़ों से भी पहले इस जगह की ख़ूबसूरती को खोज लिया था। मानसून में महाराष्ट्र का सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान होने के कारण अंग्रेज़ों ने मेथरन को गर्मियों में अपना पसंदीदा स्थल बना लिया। परिणामस्वरुप एक लंबे समय तक महाराष्‍ट्र के नक्‍शे पर अंबोली एक महत्‍वपूर्ण स्थान बना रहा।[1]

पर्यटन स्थल

सप्ताहांत बिताने के लिए अंबोली एक बहुत ही अच्छी जगह है। इसके साथ ही यह एक रोमांटिक स्थान भी है। भागती-दौड़ती जिन्दगी की रफ़्तार कुछ कम करने के लिए पर्यटक यहाँ आ सकते हैं। अंबोली झरनों का स्वर्ग है। यहाँ पाए जाने वाले अनेक झरनों में से कुछ झरनें हैं-

  1. श्रीगाँवकर झरना
  2. महादेव झरना
  3. नंगर्ता झरना

यहाँ का नंगर्ता झरना पिकनिक और आराम के लिए एक बेहतरीन जगह है। हिरण्यकेषी झरने की गुफ़ाओं के मुख के पास एक छोटा-सा पुरातन शिव का मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर स्वयं शिवजी ने बनाया था। हिरण्यकेषी मंदिर को यह नाम पार्वती से मिला था, जो उन्हीं का एक नाम है। एक हिल स्टेशन होने के कारण अंबोली में अनेक दशनीय स्थल हैं, जैसे- सी व्यू प्वाइंट, कावेलसद प्वाइंट, परीक्षित प्वाइंट और महादेव प्वाइंट। इन सभी जगहों से अरब सागर और कोंकण तट के संगम के मनोरम दृश्य दिखाई देते हैं।[1]

अन्य स्थल

अंबोली गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर है, जिसे 'हिरन्याकेशी' भी कहा जाता है। यहाँ से एक जल की धारा निकलकर कृष्णा नदी में मिलती है। ये शिव मंदिर एक गुफ़ा में स्थित हैं और यहीं से ये धारा निकलती है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ क़रीब 108 शिव मंदिर है, लेकिन इनमें से अभी तक कुछ ही उजागर हो पाए हैं। यहाँ आने वाले पर्यटक पिकनिक का मजा भी उठा सकते हैं। घने जंगलों और गहरी घाटियों के बीच से कोंकण तट का नज़ारा भी बहुत संदर दिखता है। इस हिल स्टेशन से 10 किलोमीटर की दूरी पर पर्यटक बाक्साइट की खान भी देख सकते है। अगर पर्यटक मछली पकड़ने के शौकीन हैं तो हिरन्याकेशी में घंटों इसका मजा ले सकते हैं। यहाँ माधवगढ़ किले के अवशेष भी देखे जा सकते हैं। अंबोली की मुख्य सड़क पर एक युद्ध स्मारक भी अवस्थित है।

कब जाएँ

क्योंकि अधिक ऊँचाई पर स्थित होने के कारण यहाँ का मौसम ठंडा रहता है, इसलिए गर्मियों में यहाँ आना अधिक अच्छा है। मानसून में यहाँ का तापमान 20 डिग्री सेन्टीग्रेट हो जाने से इस जगह पर रहना सुखद होता है। सर्दियों में भी यहाँ आना अच्छा रहेगा। मानसून के समय में यहाँ होने वाली अच्छी वर्षा से यहाँ मौजूद झरने और धुंध से यहाँ की प्राकृतिक छटा की सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है। बारिश का मजा और कुछ दिनों के एकांत के लिए अंबोली एक शानदार सैरगाह है।

कहाँ ठहरें

अंबोली में कुछ अच्छे और सस्ते होटल हैं। इनमें होटल 'व्हिस्लिंग वूड्स', 'साइलेंट वैली रिसॉर्ट शांति दर्शन' और 'होटल शिव माल्हार' प्रमुख हैं। इनके साथ ही 'महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम' के रिसॉर्ट भी यहाँ मौजूद हैं। लगभग सभी में रेस्टोरेंट, रूम सर्विस और कैब सर्विस मौजूद हैं।

परिवहन

सावंतवाड़ी और गोवा के निकट स्थित होने के कारण वायु, रेल व सड़क मार्ग द्वारा आसानी से अंबोली पहुँचा जा सकता है। वायुमार्ग से आने के लिए लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोवा का घरेलू हवाई अड्डा सबसे समीप है। रेलमार्ग से आने के लिए सावंतवाड़ी रेलवे स्टेशन का प्रयोग किया जा सकता है। रेलवे स्टेशन से टैक्सी लेकर पर्यटक अंबोली पहुँच सकते हैं। 550 किलोमीटर की दूरी पर मुंबई और 400 किलोमीटर की दूरी पर पुणे होने से अनेक बसें न केवल इन दो शहरों से बल्कि अन्य शहरों से भी उपलब्ध होती है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 अंबोली (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 25 जनवरी, 2013।

संबंधित लेख