रूपनारायण नदी: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''रूपनारायण नदी''' पूर्वोत्तर भारत में दक्षिण-मध्य [[...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
[[चित्र:Rupnarayan-River.jpg|thumb|250px|रूपनारायण नदी]] | |||
'''रूपनारायण नदी''' [[पूर्वोत्तर भारत]] में दक्षिण-मध्य [[पश्चिम बंगाल|पश्चिम बंगाल राज्य]] की नदी है। यह नदी पुरुलिया नगर के पूर्वोत्तर में [[छोटा नागपुर|छोटा नागपुर पठार]] की तलहटी से 'धलेश्वरी' (धलकिसोर) के नाम से निकलती है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत ज्ञानकोश, खण्ड-5|लेखक=इंदु रामचंदानी|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=130|url=}}</ref> | '''रूपनारायण नदी''' [[पूर्वोत्तर भारत]] में दक्षिण-मध्य [[पश्चिम बंगाल|पश्चिम बंगाल राज्य]] की नदी है। यह नदी पुरुलिया नगर के पूर्वोत्तर में [[छोटा नागपुर|छोटा नागपुर पठार]] की तलहटी से 'धलेश्वरी' (धलकिसोर) के नाम से निकलती है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत ज्ञानकोश, खण्ड-5|लेखक=इंदु रामचंदानी|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=130|url=}}</ref> | ||
Latest revision as of 11:09, 14 September 2014
thumb|250px|रूपनारायण नदी रूपनारायण नदी पूर्वोत्तर भारत में दक्षिण-मध्य पश्चिम बंगाल राज्य की नदी है। यह नदी पुरुलिया नगर के पूर्वोत्तर में छोटा नागपुर पठार की तलहटी से 'धलेश्वरी' (धलकिसोर) के नाम से निकलती है।[1]
- यह दक्षिण-पूर्व दिशा में टेढ़े-मेढ़े प्रवाह के बाद बांकुरा नगर से होकर बहती है, जहाँ इसे 'द्वारकेश्वर' के नाम से जाना जाता है।
- घटाल नगर के निकट इसमें 'सिलाबती' या 'सिलई' नदी मिलती है, जहाँ इसका नाम रूपनारायण हो जाता हैं।
- इसके बाद रूपनारायण नदी 240 कि.मी. का मार्ग पूरा कर हुगली नदी में मिल जाती है।
- रूपनारायण नदी मूल रूप से गंगा के पश्चिमी निकास का निर्माण करती है व सिंचाई की संभावना की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है।
- अपने संपूर्ण प्रवाह क्षेत्र में यह नदी ज्वारीय है एवं हुबली नदी में नौका चालन के लिए प्रमुख ख़तरा उत्पन्न करती है, क्योंकि जमी हुई गाद इस नदी में नौका चालन के लिए जल की मात्रा कम कर देती है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारत ज्ञानकोश, खण्ड-5 |लेखक: इंदु रामचंदानी |प्रकाशक: एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 130 |