Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 54"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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+[[मास्टर सूर्य सेन]]
 
+[[मास्टर सूर्य सेन]]
 
||[[चित्र:Master-Surya-Sen.jpg|right|100px|मास्टर सूर्य सेन]]मास्टर सूर्य सेन [[भारत]] की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले प्रसिद्ध क्रांतिकारियों और अमर शहीदों में गिने जाते हैं। "चटगाँव आर्मरी रेड" के मुख्य नायक [[मास्टर सूर्य सेन]] ने [[अंग्रेज़]] सरकार को सीधे चुनौती दी थी। अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों के अंतर्गत उन्हें पहली सफलता तब मिली, जब उन्होंने दिन-दहाड़े [[23 दिसम्बर]], [[1923]] को [[चटगाँव]] में [[आसाम]]-[[बंगाल]] रेलवे के ट्रेजरी ऑफिस को लूटा। लेकिन उनको सबसे बड़ी सफलता 'चटगाँव आर्मरी रेड' के रूप में मिली थी, जिसने अंग्रेज़ सरकार को झकझोर कर रख दिया। यह सरकार को खुला सन्देश था कि भारतीय युवा मन अब अपने प्राण देकर भी दासता की बेड़ियों को तोड़ देना चाहता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मास्टर सूर्य सेन]]
 
||[[चित्र:Master-Surya-Sen.jpg|right|100px|मास्टर सूर्य सेन]]मास्टर सूर्य सेन [[भारत]] की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले प्रसिद्ध क्रांतिकारियों और अमर शहीदों में गिने जाते हैं। "चटगाँव आर्मरी रेड" के मुख्य नायक [[मास्टर सूर्य सेन]] ने [[अंग्रेज़]] सरकार को सीधे चुनौती दी थी। अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों के अंतर्गत उन्हें पहली सफलता तब मिली, जब उन्होंने दिन-दहाड़े [[23 दिसम्बर]], [[1923]] को [[चटगाँव]] में [[आसाम]]-[[बंगाल]] रेलवे के ट्रेजरी ऑफिस को लूटा। लेकिन उनको सबसे बड़ी सफलता 'चटगाँव आर्मरी रेड' के रूप में मिली थी, जिसने अंग्रेज़ सरकार को झकझोर कर रख दिया। यह सरकार को खुला सन्देश था कि भारतीय युवा मन अब अपने प्राण देकर भी दासता की बेड़ियों को तोड़ देना चाहता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मास्टर सूर्य सेन]]
 
{'[[कटारमल सूर्य मन्दिर]]' कहाँ पर अवस्थित है?
 
|type="()"}
 
-[[नैनीताल]]
 
+[[अल्मोड़ा]]
 
-[[कर्णप्रयाग]]
 
-[[देवलगढ़]]
 
||[[चित्र:Katarmal-Sun-Temple-Almora-Uttarakhand.jpg|right|100px|कटारमल सूर्य मन्दिर]]'कटारमल सूर्य मन्दिर' [[उत्तराखण्ड]] में [[अल्मोड़ा]] के [[कटारमल]] नामक स्थान पर स्थित है। इस कारण इसे '[[कटारमल सूर्य मन्दिर]]' कहा जाता है। यह सूर्य मन्दिर न सिर्फ़ समूचे [[कुमाऊँ मंडल]] का सबसे विशाल, ऊँचा और अनूठा मन्दिर है, बल्कि [[उड़ीसा]] के '[[कोणार्क सूर्य मन्दिर]]' के बाद एकमात्र प्राचीन सूर्य मन्दिर भी है। इस सूर्य मंदिर का [[इतिहास]] बहुत पुराना है। '[[भारतीय पुरातत्त्व विभाग]]' द्वारा इस मन्दिर को संरक्षित स्मारक घोषित किया जा चुका है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कटारमल सूर्य मन्दिर]]
 
 
{निम्नलिखित में से किस सुल्तान ने [[ख़लीफ़ा]] से 'खिलअत' प्राप्त किया?
 
|type="()"}
 
-[[क़ुतुबुद्दीन ऐबक|क़ुतुबुद्दीन]]
 
+[[इल्तुतमिश]]
 
-[[रज़िया सुल्तान]]
 
-[[ग़यासुद्दीन तुग़लक़]]
 
||[[चित्र:Iltutmish-Tomb-Qutab-Minar.jpg|right|100px|इल्तुतमिश का मक़बरा, क़ुतुब मीनार, दिल्ली]] इल्तुतमिश एक इल्बारी तुर्क था। खोखरों के विरुद्ध उसकी कार्य कुशलता से प्रभावित होकर [[मुहम्मद ग़ोरी]] ने उसे '''अमीर-उल-उमरा''' नामक महत्त्वपूर्ण पद प्रदान किया था। क्योंकि अकस्मात् मुत्यु के कारण [[क़ुतुबद्दीन ऐबक]] किसी उत्तराधिकारी का चुनाव नहीं कर सका था। अतः [[लाहौर]] के तुर्क अधिकारियों ने ऐबक के विवादित पुत्र [[आरामशाह]] को लाहौर की गद्दी पर बैठाया। परन्तु [[दिल्ली]] के तुर्की सरदारों एवं नागरिकों के विरोध के फलस्वरूप क़ुतुबद्दीन ऐबक के दामाद [[इल्तुतमिश]] को [[दिल्ली]] आमंत्रित कर राज्य सिंहासन पर बैठाया गया। [[फ़रवरी]], 1229 में [[बग़दाद]] के ख़लीफ़ा से इल्तुतमिश को सम्मान में ‘खिलअत’ एवं प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[इल्तुतमिश]]
 
 
{'मेरी मान्यता है कि कोई भी राष्ट्र [[धर्म]] के बिना वास्तविक प्रगति नहीं कर सकता।' यह कथन किसका है?
 
|type="()"}
 
-[[स्वामी विवेकानन्द]]
 
-[[वी. डी. सावरकर]]
 
+[[महात्मा गाँधी]]
 
-[[सुभाषचन्द्र बोस]]
 
||[[चित्र:Statue-of-Gandhiji-2.jpg|right|100px|लंदन स्थित गाँधीजी की प्रतिमा]] महात्मा गाँधी को ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ '[[भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन]]' का नेता और 'राष्ट्रपिता' माना जाता है। वर्ष [[1942]] के ग्रीष्म में [[महात्मा गाँधी]] ने [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] से तत्काल भारत छोड़ने की माँग की। फ़ाँसीवादी शक्तियों, विशेषकर [[जापान]] के ख़िलाफ़ युद्ध महत्त्वपूर्ण चरण में था। अंग्रेज़ों ने तुरन्त ही प्रतिक्रिया दिखाई और [[कांग्रेस]] के समूचे नेतृत्व को गिरफ़्तार कर लिया तथा पार्टी को हमेशा के लिए कुचल देने का प्रयास किया। इसके फलस्वरूप हिंसा भड़क उठी, जिसे सख़्ती से दबा दिया गया। [[भारत]] और ब्रिटेन के बीच की दूरी पहले से भी कहीं अधिक बढ़ गई।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महात्मा गाँधी]]
 
 
{निम्नलिखित में से कौन-सा [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] ग्रंथ सुजान राय भंडारी द्वारा लिखा गया था?
 
|type="()"}
 
-इबरतनामा
 
-खुलासत-उत-तवारीख
 
-[[शाहजहाँनामा]]
 
+[[मुंतख़ाब अत तवारीख़]]
 
 
{'[[भारतीय स्वतंत्रता संग्राम|स्वतंत्रता संग्राम]]' के दौरान [[अरुणा आसफ़ अली]] किस भूमिगत क्रियाकलाप की प्रमुख महिला संगठक थीं?
 
|type="()"}
 
-[[सविनय अवज्ञा आंदोलन]]
 
-[[असहयोग आंदोलन]]
 
+[[भारत छोड़ो आंदोलन]]
 
-[[स्वदेशी आंदोलन]]
 
||[[चित्र:Aruna-Asaf-Ali.jpg|right|100px|अरुणा आसफ़ अली]]'भारत छोड़ो आन्दोलन' [[9 अगस्त]], [[1942]] को राष्ट्रपिता [[महात्मा गाँधी]] के आह्वान पर प्रारम्भ हुआ था। '[[भारत छोड़ो आन्दोलन]]' के समय कई स्थानों पर अस्थायी सरकारों की स्थापना की गयी थी। [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] के [[मिदनापुर ज़िला|मिदनापुर ज़िले]] के [[तामलुक]] में गठिन राष्ट्रीय सरकार [[1944]] ई. तक चलती रही। यहाँ की सरकार को जातीय सरकार के नाम से जाना जाता है। सतीश सावंत के नेतृत्व में गठित इस जातीय सरकार ने स्कूलों को अनुदान दिये और 'सशस्त्र विद्युत वाहिनी सैन्य संगठन' बनाया। इस आन्दोलन से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र थे- [[बंगाल]], [[बिहार]], [[उत्तर प्रदेश]], [[मद्रास]] एवं [[बम्बई]]। [[जयप्रकाश नारायण]], [[राममनोहर लोहिया]] एवं [[अरुणा आसफ़ अली]] जैसे नेताओं ने भूमिगत रहकर इस आन्दोलन को नेतृत्व प्रदान किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भारत छोड़ो आंदोलन]]
 
 
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Revision as of 12:43, 21 August 2016

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


  1. REDIRECTsaancha:nilais vishay se sanbandhit lekh padhean:-
  2. REDIRECTsaancha:nila band itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh

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1 anekaantavad nimnalikhit mean se kisaka krod siddhaant evan darshan hai?

bauddh
jain
sikkh
vaishnav

2 sindhu sabhyata se sambaddh kin sthaloan se chaval ki kheti ke praman mile haian?

mohanajod do aur h dappa
lothal aur rangapur
kalibanga aur rojadi
inamean se koee nahian

3 'vyaktigat satyagrah' mean vinoba bhave ko pratham satyagrahi chuna gaya tha. doosara satyagrahi kaun tha?

d aau. rajendr prasad
pandit javaharalal neharoo
si. rajagopalachari
saradar vallabhabhaee patel

4 nimnalikhit mean se kaun sa yugm sahi sumelit nahian hai?

ikta - nagarik evan sainy seva ke lie diya jane vala rajasv niyat kary.
manasab - saltanat prashasan mean amiroan ki adhikarik sthiti.
khalasa - mugal samrat ke sidhe prashasanik adhikar mean ane vali bhoomi.
ijara - rajasv niyat kary ki ek anubandhatmak paddhati.

5 nimnalikhit mean se kaun 'kakori kand' se sanbandhit nahian tha?

ramaprasad bismil
chandrashekhar azad
ashafaq ulla khaan
mastar soory sen

panne par jaean
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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan