अरविंद केजरीवाल: Difference between revisions
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अरविंद केजरीवाल
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पूरा नाम | अरविंद केजरीवाल |
जन्म | 6 जून, 1968 |
जन्म भूमि | हिसार, हरियाणा |
अभिभावक | पिता- गोविंदराम केजरीवाल |
पति/पत्नी | सुनीता केजरीवाल |
संतान | 2 |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | सामाजिक कार्यकर्ता, आम आदमी पार्टी के संयोजक |
पार्टी | आम आदमी पार्टी |
पद | दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री |
कार्य काल | 14 फ़रवरी, 2015 से अब तक |
शिक्षा | मैकेनिकल (यांत्रिक) इंजीनियरिंग में स्नातक |
विद्यालय | आईआईटी, खड़गपुर |
भाषा | हिंदी, अंग्रेज़ी |
पुरस्कार-उपाधि | रेमन मैग्सेसे पुरस्कार |
अन्य जानकारी | अरविंद केजरीवाल भारतीय राजनीति के इतिहास में पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री को चुनाव में सीधी टक्कर में हराकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। |
बाहरी कड़ियाँ | आम आदमी पार्टी |
अद्यतन | 14:16, 15 फ़रवरी 2015 (IST)
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अरविंद केजरीवाल (अंग्रेज़ी: Arvind Kejriwal, जन्म: 6 जून, 1968) दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। अरविंद केजरीवाल एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता रहे हैं। खड़गपुर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से स्नातक केजरीवाल को आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है। इन्हें 2006 में 'आकस्मिक नेतृत्व (इमरजिंग लीडरशिप)' के लिए रमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अरविंद केजरीवाल ने 26 नवंबर 2012 को एक नये राजनैतिक दल आम आदमी पार्टी का गठन किया और दिसम्बर 2013 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराकर राजनीति में धमाकेदार प्रवेश किया और 28 दिसम्बर, 2013 को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अरविंद केजरीवाल की सरकार सिर्फ 49 दिन ही चल सकी। विधानसभा में जनलोकपाल बिल पेश करने में नाकाम रहने के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा शुक्रवार 14 फ़रवरी, 2014 को उपराज्यपाल नजीब जंग को सौंप दिया। इसके ठीक एक साल बाद अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव 2015 में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 14 फ़रवरी, 2015 को दुबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
जीवन परिचय
अरविंद केजरीवाल का जन्म 6 जून, 1968 में हरियाणा के हिसार में हुआ और उन्होंने 1989 में आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल (यांत्रिक) इंजीयरिंग में स्नातक (बीटेक) की उपाधि प्राप्त की। पिता गोविंदराम केजरीवाल जिंदल स्टील में इंजीनियर थे। टाटा स्टील कंपनी के साथ अपनी नौकरी छोड़ने के बाद, वह मिशनरीज ऑफ चैरिटी और पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में रामकृष्ण मिशन के साथ काम करते रहे। बाद में, 1992 में वे भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस/सिविल सर्विसेस, भारतीय सिविल सेवा का एक हिस्सा) में आ गए, और पहली पोस्टिंग में उन्हें दिल्ली में आयकर विभाग में आयकर आयुक्त (कमिश्नर) नियुक्त किया गया। उन्होंने कुछ विदेशी कंपनियों के काले कारनामे पकड़े कि किस तरह वे भारतीय आयकर क़ानून को तोड़ती हैं। उन्हें धमकियां मिलीं और फिर तबादला भी हो गया, जिसके बाद उनका सरकारी सेवा से मोहभंग हो गया। thumb|left|अरविंद केजरीवाल
भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जंग
जनवरी 2000 में, उन्होंने काम से विश्राम ले लिया और दिल्ली आधारित एक नागरिक आन्दोलन 'परिवर्तन' नामक संस्था की स्थापना की, जो एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। इसके बाद, फ़रवरी 2006 में, उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया, और पूरे समय के लिए सिर्फ 'परिवर्तन' में ही काम करने लगे।
सूचना अधिकार अधिनियम के लिए अभियान
राजस्थान कैडर की आईएएस अधिकारी अरुणा रॉय और कई अन्य लोगों के साथ मिलकर, उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम के लिए अभियान शुरू किया, जो जल्दी ही एक मूक सामाजिक आन्दोलन बन गया। दिल्ली में सूचना अधिकार अधिनियम को 2001 में पारित किया गया और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संसद ने 2005 में सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई) को पारित कर दिया। इसके बाद, जुलाई 2006 में, उन्होंने पूरे भारत में आरटीआई के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक अभियान शुरू किया।
आम आदमी पार्टी का गठन
- REDIRECTसाँचा:मुख्य
2 अक्तूबर 2012 को महात्मा गाँधी और लालबहादुर शास्त्री के चित्रों से सजी पृष्ठभूमि वाले मंच से अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक सफर की औपचारिक शुरुआत कर दी। उन्होंने बाकायदा गांधी टोपी, जो अब "अण्णा टोपी" भी कहलाने लगी है, पहनी थी। वो शायद वही नारा लिखना पसंद करते जो पूरे "अन्ना आंदोलन" के दौरान टोपियों पर दिखाई देता रहा, "मैं अन्ना हजारे हूं।" लेकिन उन्हें अन्ना के नाम और तस्वीर के इस्तेमाल की इजाज़त नहीं है। इसलिए उन्होंने लिखवाया, "मैं आम आदमी हूं।" उन्होंने 2 अक्टूबर 2012 को ही अपने भावी राजनीतिक दल का दृष्टिकोण पत्र भी जारी किया। आम आदमी पार्टी के गठन की आधिकारिक घोषणा अरविंद केजरीवाल एवं लोकपाल आंदोलन के बहुत से सहयोगियों द्वारा 26 नवम्बर 2012, भारतीय संविधान अधिनियम की 63 वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली स्थित स्थानीय जंतर मंतर पर की गई।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013
2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा जहां उनकी सीधी टक्कर लगातार 15 साल से दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से थी। उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट से तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 22 हज़ार मतों से हराया। नौकरशाह से सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता से राजनीतिज्ञ बने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की राजनीति में धमाकेदार प्रवेश किया। आम आदमी पार्टी ने 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीतकर प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। सत्तारूढ़ काँग्रेस पार्टी सिर्फ़ 10 सीटें लेकर तीसरे स्थान पर खिसक गयी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015
दिल्ली विधान सभा चुनाव 2015, 7 फ़रवरी 2015 को आयोजित किया गया और परिणाम 10 फ़रवरी 2015 को घोषित किया गया। यह चुनाव दिल्ली के 70 विधानसभा सीटों पर लड़ा गया। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने 70 में से रिकॉर्ड 67 सीटें जीत कर भारी बहुमत हासिल किया। 14 फ़रवरी 2015 को वे दोबारा दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी केवल 3 सीट जीत पाई और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला।
सम्मान और पुरस्कार
- 2004: अशोक फैलो, सिविक अंगेजमेंट
- 2005: 'सत्येन्द्र दुबे मेमोरियल अवार्ड', आईआईटी कानपुर, सरकार पारदर्शिता में लाने के लिए उनके अभियान हेतु
- 2006: उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार
- 2006: लोक सेवा में सीएनएन आईबीएन, 'इन्डियन ऑफ़ द इयर'
- 2009: विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार, उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए आईआईटी खड़गपुर।
पुस्तकें
सूचना का अधिकार: व्यवहारिक मार्गदर्शिका- सह लेखक - विष्णु राजगडिया, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2007 में प्रकाशित।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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