भारत के फल: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "Category:फल Category:वनस्पति कोश" to "==सम्बंधित लिंक== {{फल}} Category:फल Category:वनस्पति कोश") |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
[[चित्र:Fruits.jpg|thumb|250px|फल<br />Fruits]] | [[चित्र:Fruits.jpg|thumb|250px|फल<br />Fruits]] | ||
वनस्पितियों, वृक्षों आदि में विशिष्ट ऋतुओं में | वनस्पितियों, वृक्षों आदि में विशिष्ट ऋतुओं में लगने वाला वह प्रसिद्ध अंग जो उनमें [[फूल]] आने के बाद लगता है, जो प्रायः खाया जाता है तथा जिसके अंदर प्रायः उस वनस्पति या वृक्ष के बीज और कुछ अवस्थाओं में गूदा और रस भी होता है। निषेचित, परिवर्तित एवं परिपक्व अंडाशय को फल कहते हैं। फल का निर्माण फूल के द्वारा होता है। फल का निर्माण फूल का स्त्री जननकोष अंडाशय निषेचन की प्रक्रिया द्वारा रूपान्तरित होकर करता है। कई पादप प्रजातियों में, फल के अंतर्गत पक्व अंडाशय के अतिरिक्त आसपास के ऊतक भी आते है। फल वह माध्यम है जिसके द्वारा पुष्पीय पादप अपने बीजों का प्रसार करते हैं, हालांकि सभी बीज फलों से नहीं आते हैं। | ||
फल विश्व के सबसे स्वादिष्ट भोजन हैं। फल ऐसे भोजन हैं जिन्हें खाया भी जाता है और रस निकाल कर | फल विश्व के सबसे स्वादिष्ट भोजन हैं। फल ऐसे भोजन हैं जिन्हें खाया भी जाता है और रस निकाल कर पीया भी जाता है। अनेक प्रकार के नमकीन व मीठे व्यंजनों में फलों का प्रयोग होता है। कहीं स्वाद के लिए कहीं रंग लाने के लिए तो कहीं सुगंध के लिए। फलों में किसी भी प्रकार के हानिकारक कार्बन या कैलोरी नहीं होते। फल [[विटामिन]], रेशों और [[खनिज]] के सर्वश्रेष्ठ स्रोत हैं। फलों में 80 प्रतिशत पानी पाया जाता है जो मानव शरीर के पानी के अनुपात के लगभग बराबर है।<ref>{{cite web |url=http://www.abhivyakti-hindi.org/ss/phalon_ka_phlit.htm |title= फलों का फलित |accessmonthday=[[22 अगस्त]] |accessyear=[[2010]] |authorlink= |format=एच टी एम |publisher=अभिव्यक्ति |language=हिन्दी }}</ref> | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति |
Revision as of 13:00, 26 August 2010
thumb|250px|फल
Fruits
वनस्पितियों, वृक्षों आदि में विशिष्ट ऋतुओं में लगने वाला वह प्रसिद्ध अंग जो उनमें फूल आने के बाद लगता है, जो प्रायः खाया जाता है तथा जिसके अंदर प्रायः उस वनस्पति या वृक्ष के बीज और कुछ अवस्थाओं में गूदा और रस भी होता है। निषेचित, परिवर्तित एवं परिपक्व अंडाशय को फल कहते हैं। फल का निर्माण फूल के द्वारा होता है। फल का निर्माण फूल का स्त्री जननकोष अंडाशय निषेचन की प्रक्रिया द्वारा रूपान्तरित होकर करता है। कई पादप प्रजातियों में, फल के अंतर्गत पक्व अंडाशय के अतिरिक्त आसपास के ऊतक भी आते है। फल वह माध्यम है जिसके द्वारा पुष्पीय पादप अपने बीजों का प्रसार करते हैं, हालांकि सभी बीज फलों से नहीं आते हैं।
फल विश्व के सबसे स्वादिष्ट भोजन हैं। फल ऐसे भोजन हैं जिन्हें खाया भी जाता है और रस निकाल कर पीया भी जाता है। अनेक प्रकार के नमकीन व मीठे व्यंजनों में फलों का प्रयोग होता है। कहीं स्वाद के लिए कहीं रंग लाने के लिए तो कहीं सुगंध के लिए। फलों में किसी भी प्रकार के हानिकारक कार्बन या कैलोरी नहीं होते। फल विटामिन, रेशों और खनिज के सर्वश्रेष्ठ स्रोत हैं। फलों में 80 प्रतिशत पानी पाया जाता है जो मानव शरीर के पानी के अनुपात के लगभग बराबर है।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ फलों का फलित (हिन्दी) (एच टी एम) अभिव्यक्ति। अभिगमन तिथि: 22 अगस्त, 2010।