खजान सिंह: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 2: Line 2:
'''खजान सिंह''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Khajan Singh'', जन्म- [[6 मई]], [[1964]], [[दिल्ली]]) [[भारत]] के सर्वश्रेष्ठ तैराकों में से एक हैं। [[1985]] के दक्षिण फैडरेशन (सैफ) खेलों में [[काठमांडू]] में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था और नया राष्ट्रीय कीर्तिमान भी स्थापित किया था। खजान सिंह को [[1984]] में ‘[[अर्जुन पुरस्कार]]’ प्रदान किया गया।
'''खजान सिंह''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Khajan Singh'', जन्म- [[6 मई]], [[1964]], [[दिल्ली]]) [[भारत]] के सर्वश्रेष्ठ तैराकों में से एक हैं। [[1985]] के दक्षिण फैडरेशन (सैफ) खेलों में [[काठमांडू]] में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था और नया राष्ट्रीय कीर्तिमान भी स्थापित किया था। खजान सिंह को [[1984]] में ‘[[अर्जुन पुरस्कार]]’ प्रदान किया गया।
==परिचय==
==परिचय==
खजान सिंह का जन्म 6 मई सन 1964 को [[दिल्ली]] में हुआ था। भारत के आज तक के अति श्रेष्ठ तैराकों में खजान सिंह का नाम बहुत ऊपर आता है। तैराकी की प्राय: सभी प्रतियोगिताओं में भारतीय खिलाड़ी अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कोई विशेष अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। उनके बीच खजान सिंह का प्रदर्शन बेहतर कहा जा सकता है।<ref name="a">{{cite web |url=https://www.kaiseaurkya.com/khazan-singh-biography-in-hindi-language/ |title=विल्सन जोन्स का जीवन परिचय |accessmonthday=30 सितम्बर|accessyear= 2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= कैसे और क्या|language= हिंदी}}</ref>
खजान सिंह का जन्म 6 मई सन 1964 को [[दिल्ली]] में हुआ था। भारत के आज तक के अति श्रेष्ठ तैराकों में खजान सिंह का नाम बहुत ऊपर आता है। तैराकी की प्राय: सभी प्रतियोगिताओं में भारतीय खिलाड़ी अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कोई विशेष अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। उनके बीच खजान सिंह का प्रदर्शन बेहतर कहा जा सकता है।<ref name="a">{{cite web |url=https://www.kaiseaurkya.com/khazan-singh-biography-in-hindi-language/ |title=खजान सिंह का जीवन परिचय |accessmonthday=30 सितम्बर|accessyear= 2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= कैसे और क्या|language= हिंदी}}</ref>
==श्रेष्ठ प्रदर्शन==
==श्रेष्ठ प्रदर्शन==
खजान सिंह ने अपनी प्रथम तैराकी प्रतियोगिताओं में इतना अच्छा प्रदर्शन किया कि वह सुर्खियों में आ गए। [[1981]]-[[1982]] में राष्ट्रीय स्कूल चैंपियनशिप में उन्होंने पांच स्वर्ण पदक जीते। 1982 के राष्ट्रीय जल क्रीड़ा चैंपियनशिप मुकाबलों में खजान सिंह ने भाग लिया। [[दिल्ली]] में हुए इन मुकाबलों में खजान सिंह ने अपना वर्चस्व स्थापित करते हुए पांच स्वर्ण पदक जीते तथा 2 रजत और 1 कांस्य पदक भी जीता।
खजान सिंह ने अपनी प्रथम तैराकी प्रतियोगिताओं में इतना अच्छा प्रदर्शन किया कि वह सुर्खियों में आ गए। [[1981]]-[[1982]] में राष्ट्रीय स्कूल चैंपियनशिप में उन्होंने पांच स्वर्ण पदक जीते। 1982 के राष्ट्रीय जल क्रीड़ा चैंपियनशिप मुकाबलों में खजान सिंह ने भाग लिया। [[दिल्ली]] में हुए इन मुकाबलों में खजान सिंह ने अपना वर्चस्व स्थापित करते हुए पांच स्वर्ण पदक जीते तथा 2 रजत और 1 कांस्य पदक भी जीता।

Revision as of 06:45, 30 September 2016

thumb|250px|खजान सिंह खजान सिंह (अंग्रेज़ी: Khajan Singh, जन्म- 6 मई, 1964, दिल्ली) भारत के सर्वश्रेष्ठ तैराकों में से एक हैं। 1985 के दक्षिण फैडरेशन (सैफ) खेलों में काठमांडू में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था और नया राष्ट्रीय कीर्तिमान भी स्थापित किया था। खजान सिंह को 1984 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया।

परिचय

खजान सिंह का जन्म 6 मई सन 1964 को दिल्ली में हुआ था। भारत के आज तक के अति श्रेष्ठ तैराकों में खजान सिंह का नाम बहुत ऊपर आता है। तैराकी की प्राय: सभी प्रतियोगिताओं में भारतीय खिलाड़ी अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कोई विशेष अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। उनके बीच खजान सिंह का प्रदर्शन बेहतर कहा जा सकता है।[1]

श्रेष्ठ प्रदर्शन

खजान सिंह ने अपनी प्रथम तैराकी प्रतियोगिताओं में इतना अच्छा प्रदर्शन किया कि वह सुर्खियों में आ गए। 1981-1982 में राष्ट्रीय स्कूल चैंपियनशिप में उन्होंने पांच स्वर्ण पदक जीते। 1982 के राष्ट्रीय जल क्रीड़ा चैंपियनशिप मुकाबलों में खजान सिंह ने भाग लिया। दिल्ली में हुए इन मुकाबलों में खजान सिंह ने अपना वर्चस्व स्थापित करते हुए पांच स्वर्ण पदक जीते तथा 2 रजत और 1 कांस्य पदक भी जीता।

अन्तरराष्ट्रीय ख्याति

राष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करके सफलता अर्जित करने के साथ ही खजान सिंह ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी अच्छी ख्याति अर्जित की। उन्होंने 1986 में सिओल में हुए एशियाई खेलों में रजत पदक प्राप्त किया। एशियाई खेलों में आज तक कोई भी भारतीय खिलाड़ी तैराकी मुकाबले में ऐसा कारनामा नहीं कर सका है। 1985 में काठमांडू में हुए दक्षिण एशियाई फैडरेशन (सैफ) खेलों में खजान सिंह ने 100 मीटर फ्री स्टाइल तैराकी में स्वर्ण पदक जीता था और 55.34 सेकंड का नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी स्थापित किया था।

अर्जुन पुरस्कार

खजान सिंह ने 1988 के बीजिंग में हुए एशियाई तैराकी चैंपियनशिप मुकाबले में कांस्य पदक जीता था। उन्हें 1984 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया।

उपलब्धियां

  1. खजान सिंह ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर तैराकी में जो सफलता प्राप्त की है वैसी कोई अन्य भारतीय तैराक हासिल नहीं कर सका है।
  2. खजान सिंह ने 1981-82 में राष्ट्रीय स्कूल चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण पदक जीते।
  3. 1982 की राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खजान सिंह ने पांच स्वर्ण 2 रजत तथा एक कांस्य पदक जीता।
  4. 1985 के सैफ खेलों (काठमांडू) में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता। वैसा कोई अन्य भारतीय तैराक नहीं कर सका। सैफ खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर खजान सिंह ने 55.34 सेकंड का नया राष्ट्रीय कीर्तिमान बनाया।
  5. 1988 के बीजिंग एशियाई खेलों में उन्होंने कांस्य पदक जीता।
  6. 1984 में उन्हें ‘अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. खजान सिंह का जीवन परिचय (हिंदी) कैसे और क्या। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2016।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख