जेरेमी लालरिनुंगा: Difference between revisions
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जेरेमी लालरिनुंगा ने राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में पुरुषों के 67 कि.ग्रा. वर्ग में 305 कि.ग्रा. वजन उठाया था और स्वर्ण पदक जीता था। वो युवा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं। उन्होंने [[2018]] युवा ओलंपिक में पुरुषों की 62 कि.ग्रा. स्पर्धा में 274 कि.ग्रा. (124 कि.ग्रा. + 150 कि.ग्रा.) वजन उठाया था और स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। उस समय उनकी उम्र महज 15 साल थी। उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 306 कि.ग्रा. (140 कि.ग्रा. + 166 कि.ग्रा.) है। [[मिज़ोरम]] के रहने वाले जेरेमी लालरिनुंगा टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहे थे। | जेरेमी लालरिनुंगा ने राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में पुरुषों के 67 कि.ग्रा. वर्ग में 305 कि.ग्रा. वजन उठाया था और स्वर्ण पदक जीता था। वो युवा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं। उन्होंने [[2018]] युवा ओलंपिक में पुरुषों की 62 कि.ग्रा. स्पर्धा में 274 कि.ग्रा. (124 कि.ग्रा. + 150 कि.ग्रा.) वजन उठाया था और स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। उस समय उनकी उम्र महज 15 साल थी। उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 306 कि.ग्रा. (140 कि.ग्रा. + 166 कि.ग्रा.) है। [[मिज़ोरम]] के रहने वाले जेरेमी लालरिनुंगा टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहे थे। | ||
==कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में प्रदर्शन== | ==कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में प्रदर्शन== | ||
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कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में [[भारत]] के लिये जेरेमी लालरिनुंगा ने पांचवां पदक जीता। जेरेमी लालरिनुंगा ने वेटलिफ्टिंग में पांचवां पदक दिलाया। जेरेमी ने 67 किलोग्राम भारवर्ग में 300 किलोग्राम भार उठाकर स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने स्नैच में कॉमनवेल्थ रिकॉर्ड बनाते हुए 140 किलोग्राम वजन उठाया। पहले प्रयास में उन्होंने 136 किलोग्राम वजन उठाया था। दूसरे प्रयास में इसे और बेहतर करते हुए उन्होंने 140 किलोग्राम वजन उठाया। हालांकि, तीसरे प्रयास में वो 143 किलोग्राम वजन उठाने में असफल रहे। इसके बाद क्लीन एंड जर्क में उन्होंने पहले प्रयास में 154 किलोग्राम वजन उठाया। इस दौरान वो चोटिल हो गए, लेकिन हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास में 160 किलोग्राम वजन उठाया। तीसरे प्रयास में उन्होंने 165 किलोग्राम वजन उठाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे और उनकी कुहनी में भी चोट लग गई।<ref name="pp"/> | कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में [[भारत]] के लिये जेरेमी लालरिनुंगा ने पांचवां पदक जीता। जेरेमी लालरिनुंगा ने वेटलिफ्टिंग में पांचवां पदक दिलाया। जेरेमी ने 67 किलोग्राम भारवर्ग में 300 किलोग्राम भार उठाकर स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने स्नैच में कॉमनवेल्थ रिकॉर्ड बनाते हुए 140 किलोग्राम वजन उठाया। पहले प्रयास में उन्होंने 136 किलोग्राम वजन उठाया था। दूसरे प्रयास में इसे और बेहतर करते हुए उन्होंने 140 किलोग्राम वजन उठाया। हालांकि, तीसरे प्रयास में वो 143 किलोग्राम वजन उठाने में असफल रहे। इसके बाद क्लीन एंड जर्क में उन्होंने पहले प्रयास में 154 किलोग्राम वजन उठाया। इस दौरान वो चोटिल हो गए, लेकिन हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास में 160 किलोग्राम वजन उठाया। तीसरे प्रयास में उन्होंने 165 किलोग्राम वजन उठाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे और उनकी कुहनी में भी चोट लग गई।<ref name="pp"/> | ||
Revision as of 05:20, 3 August 2022
जेरेमी लालरिनुंगा
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पूरा नाम | जेरेमी लालरिनुंगा |
जन्म | 26 अक्टूबर, 2002 |
जन्म भूमि | मिज़ोरम |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | भारोत्तोलन |
प्रसिद्धि | भारतीय भारोत्तोलक |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | जेरेमी को वेटलिफ्टिंग के अलावा फ़ुटबॉल पसंद है और रोनाल्डो उनके फेवरेट खिलाड़ी हैं। वह रोनाल्डो को आदर्श के रूप में देखते हैं। |
अद्यतन | 10:38, 3 अगस्त 2022 (IST)
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जेरेमी लालरिनुंगा (अंग्रेज़ी: Jeremy Lalrinnunga, जन्म- 26 अक्टूबर, 2002) भारत के भारोत्तोलक खिलाड़ी हैं। बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 के तीसरे दिन भारतीय वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिनुंगा ने पुरुषों के 67 कि.ग्रा. वर्ग में रिकॉर्ड वजन उठाते हुए स्वर्ण पर कब्जा किया। स्नेच में उन्होंनेने कॉमनवेल्थ गेम्स में नया रिकॉर्ड स्थापित करते हुए 140 कि.ग्रा. वजन उठाया, वहीं क्लीन एंड जर्क में वह 160 कि.ग्रा. वजन के साथ कुल 300 कि.ग्रा. वजन उठाकर कॉमनवेल्थ गेम्स में अपनी कैटेगिरी में नया रिकॉर्ड स्थापित किया।
मुक्केबाज़ी छोड़ भारोत्तोलन में कॅरियर
जेरेमी लालरिनुंगा ने सिर्फ छह साल की उम्र में अपने पिता के मार्गदर्शन में एक मुक्केबाज के रूप में अपना प्रशिक्षण शुरू कर दिया था। उनके पिता राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सर थे। बाद में उन्होंने भारोत्तोलन में अभ्यास करना शुरू किया। मात्र 10 साल की उम्र में उन्होंने वजन उठाना शुरू कर दिया था। इसके बाद जेरेमी ने विजय शर्मा से प्रशिक्षण लिया और बाद में उन्होंने पुणे के आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग शुरू की। 2016 में उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया।[1]
कम आयु में कीर्तिमान
जेरेमी लालरिनुंगा ने राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में पुरुषों के 67 कि.ग्रा. वर्ग में 305 कि.ग्रा. वजन उठाया था और स्वर्ण पदक जीता था। वो युवा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं। उन्होंने 2018 युवा ओलंपिक में पुरुषों की 62 कि.ग्रा. स्पर्धा में 274 कि.ग्रा. (124 कि.ग्रा. + 150 कि.ग्रा.) वजन उठाया था और स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। उस समय उनकी उम्र महज 15 साल थी। उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 306 कि.ग्रा. (140 कि.ग्रा. + 166 कि.ग्रा.) है। मिज़ोरम के रहने वाले जेरेमी लालरिनुंगा टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहे थे।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में प्रदर्शन
thumb|left|250px|जेरेमी लालरिनुंगा स्वर्ण पदक जीतते हुए कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में भारत के लिये जेरेमी लालरिनुंगा ने पांचवां पदक जीता। जेरेमी लालरिनुंगा ने वेटलिफ्टिंग में पांचवां पदक दिलाया। जेरेमी ने 67 किलोग्राम भारवर्ग में 300 किलोग्राम भार उठाकर स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने स्नैच में कॉमनवेल्थ रिकॉर्ड बनाते हुए 140 किलोग्राम वजन उठाया। पहले प्रयास में उन्होंने 136 किलोग्राम वजन उठाया था। दूसरे प्रयास में इसे और बेहतर करते हुए उन्होंने 140 किलोग्राम वजन उठाया। हालांकि, तीसरे प्रयास में वो 143 किलोग्राम वजन उठाने में असफल रहे। इसके बाद क्लीन एंड जर्क में उन्होंने पहले प्रयास में 154 किलोग्राम वजन उठाया। इस दौरान वो चोटिल हो गए, लेकिन हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास में 160 किलोग्राम वजन उठाया। तीसरे प्रयास में उन्होंने 165 किलोग्राम वजन उठाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे और उनकी कुहनी में भी चोट लग गई।[1]
उनका मुकाबला समोआ के वैपावा नेवो के साथ था। वैपावा ने स्नैच में 127 कि.ग्रा. और क्लीन एंड जर्क में 166 कि.ग्रा. वजन उठाकर रजत पदक जीता। अपने आखिरी प्रयास में उन्होंने गोल्ड जीतने की चाहत में 174 किलोग्राम वजन उठाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। वहीं, नाइजीरिया के इडिडोंग ने स्नैच में 130 और क्लीन एंड जर्क में 160 कि.ग्रा. वजन उठाकर कांस्य पदक अपने नाम किया।
रोनाल्डो पसंदीदा खिलाड़ी
जेरेमी को वेटलिफ्टिंग के अलावा फ़ुटबॉल पसंद है और रोनाल्डो उनके फेवरेट खिलाड़ी हैं। वह रोनाल्डो को आदर्श के रूप में देखते हैं, क्योंकि पैसा और शोहरत होने के बावजूद रोनाल्डो अभी भी खेल में अपना 100 फीसदी देने के लिए जी-जान लगा देते हैं। उन्हें रोनाल्डो की यही बात प्रेरित करती है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 स्वर्ण जीतने वाले जेरेमी पिता की तरह बनना चाहते थे बॉक्सर (हिंदी) amarujala.com। अभिगमन तिथि: 31 जुलाई, 2022।
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