मुरली श्रीशंकर: Difference between revisions
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Latest revision as of 11:55, 5 August 2022
मुरली श्रीशंकर
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पूरा नाम | मुरली श्रीशंकर |
जन्म | 27 मार्च, 1999 |
जन्म भूमि | पलक्कड, केरल |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | लम्बी कूद |
प्रसिद्धि | भारतीय एथलीट |
नागरिकता | भारतीय |
कॉमनवेल्थ गेम्स | बर्मिंघम, 2022 - रजत |
एशियन जूनियर ऐथलेटिक्स चैम्पियनशिप |
गिफू, 2018 - कांस्य |
अन्य जानकारी | मुरली श्रीशंकर का परिवार खेलों से जुड़ा हुआ है। पिता और माता दोनों पूर्व एथलीट रहे हैं। पिता भारत के लिए दक्षिण एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत चुके हैं। |
अद्यतन | 17:24, 5 अगस्त 2022 (IST)
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मुरली श्रीशंकर (अंग्रेज़ी: Murali Sreeshankar, जन्म- 27 मार्च, 1999, पलक्कड, केरल) भारत के लम्बी कूद के खिलाड़ी हैं। उन्होंने बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में कमाल कर दिखाया है। पुरुषों की लम्बी कूद में मुरली श्रीशंकर ने फाइनल में 8.08 मीटर की बेहतरीन कूद के साथ देश के लिये रजत पदक जीता है। वह कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में लम्बी कूद में भारत के लिए मेडल जीतने वाले पहले पुरुष एथलीट बन गए हैं।
परिचय
मूल रूप से केरल के रहने वाले मुरली श्रीशंकर का जन्म 27 मार्च, 1999 को पल्लकड में हुआ था। उनका परिवार खेलों से जुड़ा हुआ है। उनके खून में खेल बहता है। पिता और माता दोनों पूर्व एथलीट रहे हैं। पिता भारत के लिए दक्षिण एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत चुके हैं। उन्होंने ही मुरली को प्रशिक्षण दिया है और वही उनके कोच भी हैं। मुरली की मां ने साल 1992 में एशियाई जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 800 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता था। उनकी बहन श्रीपारवती भी हैप्थेलॉन की खिलाड़ी हैं।
जब मुरली श्रीशंकर चार साल के थे, तब वो अपने पिता के साथ प्रैक्टिस में जाते थे। उनके पिता को उनके अंदर एक तेज धावक बनने के लक्षण दिखे। इसके बाद उन्हें इसके लिए प्रशिक्षण मिलना शुरू हो गया। अंडर-10 चैंपियनशिप में वो 50 मीटर और 100 मीटर स्पर्धा के स्टेट चैंपियन बन गए थे। लेकिन 13 साल की उम्र में उन्होंने दौड़ की जगह ट्रिपल जंप में कॅरियर बनाने का फैसला किया।[1]
राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप, 2018
मुरली श्रीशंकर का नाम वर्ष 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल हुआ था लेकिन पथरी की शिकायत के कारण उन्होंने टूर्नामेंट की लिस्ट से अपना नाम कटवा दिया था। वह हॉस्पिटल में भर्ती हो गए। ठीक होने के बाद जब वह वापस घर आए तो उनके 65 किलो वजन में से 6 किलो वजन घट गया था। उन्होंने महासंघ से कहा कि वह आगामी एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप, 2018 में अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर सकते। लेकिन फिर भी उन्हें भेजा गया। 7.95 मीटर की सर्वश्रेष्ठ छलांग के साथ केवल छठा स्थान ही प्राप्त कर सके।
उस असफलता के बाद उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत की। परिवार से भी उन्हें अच्छा सहयोग मिला। उनके पिता और माता दोनों अपने समय के पूर्व एथलीट थे। हालाँकि, श्रीशंकर अपने खेल के रूप में ट्रिपल जंप को चुनकर अपने पिता के नक्शेकदम पर चल सकते थे लेकिन उन्होंने नहीं चुना। आखिरकार उनकी कड़ी मेहनत एक दिन रंग लाई। वर्ष 2018 में भुवनेश्वर, ओडिशा में आयोजित राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने 8.20 मीटर की छलांग के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा।[2]
ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020
ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो ओलिंपिक) में एथलेटिक्स में भारत को निराशा हाथ लगी। उसके लम्बी कूद के खिलाड़ी मुरली श्रीशंकर ने 31 जुलाई, 2021 (शनिवार) को चल रहे खेलों में 7.69 मीटर की सर्वश्रेष्ठ छलांग लगाकर 13वां स्थान हासिल किया और बाहर हो गए। भारतीय एथलीट ने अपने अंतिम प्रयास में 7.51 मीटर की छलांग लगाई। इससे पहले उन्होंने 7.69 मीटर और 7.43 मीटर की छलांग लगाई थी। ऐसे में मुरली श्रीशंकर आगे के चरणों के लिए क्वालीफाई करने से चूक गए।[3]
- 21 जुलाई, 2021 को हुए फिटनेस ट्रायल्स में मुरली श्रीशंकर ने 7.48 मीटर का जम्प किया था। उन्होंने 8.26 मीटर के निजी सर्वश्रेष्ठ के साथ टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था।
कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022
साल 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में मुरली श्रीशंकर ने फाइनल में 8.08 मीटर की बेहतरीन कूद के साथ रजत पदक जीता। स्वर्ण मेडल के प्रबल दावेदार मुरली श्रीशंकर ने अपने पांचवें प्रयास में 8.08 मीटर की दूरी के साथ रजत मेडल अपने नाम किया। स्वर्ण जीतने वाले बहामास के लेकुआन नेर्न ने भी अपनी दूसरी कोशिश में 8.08 मीटर का ही सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया। लेकुआन का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रयास हालांकि 7.98 मीटर का रहा जो श्रीशंकर के 7.84 मीटर के दूसरे सर्वश्रेष्ठ प्रयास से बेहतर रहा। इस वजह से नेर्न को विजेता घोषित किया गया। साथ ही लेकुआन ने अपने दूसरे प्रयास में यह दूरी हासिल की और उन्हें हवा से कम सहायता मिली।[4]
मुरली श्रीशंकर के प्रयास के समय हवा की गति प्लस 1.5 मीटर प्रति सेकेंड जबकि नेर्न के प्रयास के समय माइनस 0.1 मीटर प्रति सेकेंड थी। दक्षिण अफ्रीका के योवान वान वुरेन ने 8.06 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य मेडल अपने नाम किया। श्रीशंकर और याहिया दोनों क्रमश: 8.36 मीटर और 8.15 मीटर के अपने निजी और सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से काफी पीछे रहे। अगर ये दोनों अपने निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी करते तो भारत को स्वर्ण और रजत मेडल मिल सकते थे। श्रीशंकर क्वालीफाइंग दौर में एकमात्र खिलाड़ी थे, जिन्होंने 8.05 मीटर के साथ आठ मीटर का स्वत: क्वालीफाइंग स्तर हासिल किया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ जानिए कौन हैं भारत के लिए लंबी कूद में स्वर्ण पदक जीतने वाले मुरली श्रीशंकर (हिंदी) timesnowhindi.com। अभिगमन तिथि: 05 जुलाई, 2022।
- ↑ मुरली श्रीशंकर जीवन परिचय (हिंदी) hindi.starsunfolded.com। अभिगमन तिथि: 05 जुलाई, 2022।
- ↑ एथलेटिक्स में फिर भारत के हाथों लगी निराशा, लांग जंपर श्रीशंकर हुए बाहर (हिंदी) jagran.com। अभिगमन तिथि: 19 अगस्त, 2021।
- ↑ मुरली श्रीशंकर ने सिल्वर जीत रचा इतिहास (हिंदी) hindi.news18.com। अभिगमन तिथि: 05 जुलाई, 2022।
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