सचिन तेंदुलकर: Difference between revisions
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राजापुर के सारस्वत ब्राह्मण परिवार मे जन्मे सचिन का नाम उनके पिता '''रमेश तेंदुलकर''' ने उनके चहेते संगीतकार [[सचिन देव बर्मन]] के नाम पर रखा था। उनके बड़े भाई '''अजीत तेंदुलकर''' ने उन्हें खेलने के लिये प्रोत्साहित किया था। सचिन के एक भाई '''नितिन तेंदुलकर''' और एक बहन '''सवितई तेंदुलकर''' भी हैं। [[1995]] मे सचिन तेंदुलकर का विवाह [[अंजलि तेंदुलकर]] से हुआ। सचिन की दो संतान है- पुत्री सारा और पुत्र अर्जुन। | राजापुर के सारस्वत ब्राह्मण परिवार मे जन्मे सचिन का नाम उनके पिता '''रमेश तेंदुलकर''' ने उनके चहेते संगीतकार [[सचिन देव बर्मन]] के नाम पर रखा था। उनके बड़े भाई '''अजीत तेंदुलकर''' ने उन्हें खेलने के लिये प्रोत्साहित किया था। सचिन के एक भाई '''नितिन तेंदुलकर''' और एक बहन '''सवितई तेंदुलकर''' भी हैं। [[1995]] मे सचिन तेंदुलकर का विवाह [[अंजलि तेंदुलकर]] से हुआ। सचिन की दो संतान है- पुत्री सारा और पुत्र अर्जुन। | ||
==आरंभिक जीवन== | ==आरंभिक जीवन== | ||
सचिन ने शारदाश्रम विद्यामंदिर मे अपनी शिक्षा ग्रहण की। | सचिन ने शारदाश्रम विद्यामंदिर मे अपनी शिक्षा ग्रहण की। तेज [[गेंदबाज़]] बनने के लिये उन्होने एम.आर.एफ. पेस फाउंडेशन के अभ्यास कार्यक्रम मे शिरकत की। पर वहाँ तेज गेंदबाज़ी के कोच डेनिस लिली ने उन्हे पूर्ण रूप से अपनी [[बल्लेबाज़ी]] पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। '''रमाकांत आचरेकर''' के निर्देशन में अल्पायु में ही क्रिकेट खेलना शुरू करके तेंदुलकर ने [[1988]] में स्कूल के एक हॅरिस शील्ड मॅच में [[विनोद कांबली]] के साथ खेलते हुए 664 रन की भागीदारी बनाकर स्कूल क्रिकेट में विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। इस धमाकेदार जोडी के अद्वितीय प्रदर्शन के कारण एक गेंदबाज तो रो ही दिया और विरोधी पक्ष ने मैच आगे खेलने से इंकार कर दिया। सचिन ने इस मैच मे 320 रन और प्रतियोगिता मे हज़ार से भी ज्यादा रन बनाये। युवाकाल मे तेंदुलकर घंटों अपने कोच के साथ अभ्यास करते थे। उनके कोच स्टम्प्स पर एक रुपये का सिक्का रख देते, और जो गेंदबाज़ सचिन को आउट करता, वह् सिक्का उसी को मिलता था। और यदि सचिन बिना आउट हुये पूरे समय बल्लेबाज़ी करने मे सफल हो जाते, तो ये सिक्का उन्हें मिलता था। सचिन के अनुसार उस समय उनके द्वारा जीते गये 13 सिक्के आज भी उन्हे सबसे ज्यादा प्रिय हैं। | ||
==अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मे पदार्पण== | ==अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मे पदार्पण== | ||
सचिन ने अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट मे पदार्पण [[15 नवम्बर]], [[1989]] को [[पाकिस्तान]] के ख़िलाफ़ किया तथा सचिन ने अपना पहला एकदिवसीय क्रिकेट मैच भी पाकिस्तान के ख़िलाफ़ [[18 दिसम्बर]] 1989 को खेला। सचिन 27 वर्ष की आयु तक 59 शतक (टेस्ट मैचों में 28, और एकदिवसीय क्रिकेट में 31) बना चुके थे। 46 शतक बनाकर उन्होंने [[सुनील गावस्कर]], डेस्मंड हेन्स और '''विवियन रिचडर्स''' जैसे क्रिकेट के पूर्व महारथियों के स्थापित कीर्तिमान तोड़ दिए। वह एकदिवसीय क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी हैं। वह दो बार भारतीय टीम के कप्तान बने। टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी तेंदुलकर ने 16 वर्ष की उम्र में [[1989]] में [[पाकिस्तान]] के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच में अपने क्रिकेट जीवन की शुरुआत की। अद्भुत बल्लेबाज़ी करते हुए 20वीं सदी के अंत तक लगभग 11 वर्षो के पेशेवर खेल जीवन में उन्होंने 54.84 रन का ख़ासा ऊँचा टेस्ट औसत बनाए रखा, जो ग्रेग चैपल, विवियन रिचडर्स, जावेद मियांदाद, ब्रायन लारा और सुनील गावस्कर जैसे धुरंधरों के रन औसत से कहीं अधिक है। पाँच फुट चार इंच लंबे तेंदुलकर अपने क़द की कमी को अपने पैरों के फुर्तीलेपन से पूरा करते हैं। क्रिकेट इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में से एक '''सर डोनॉल्ड ब्रेडमैन''' ने तेंदुलकर की यह कहते प्रशंसा की कि पिछले 50 वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले बेशुमार बल्लेबाज़ों में सिर्फ़ तेंदुलकर उनकी शैली के निकट पहुँच सके हैं। | सचिन ने अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट मे पदार्पण [[15 नवम्बर]], [[1989]] को [[पाकिस्तान]] के ख़िलाफ़ किया तथा सचिन ने अपना पहला एकदिवसीय क्रिकेट मैच भी पाकिस्तान के ख़िलाफ़ [[18 दिसम्बर]] 1989 को खेला। सचिन 27 वर्ष की आयु तक 59 शतक (टेस्ट मैचों में 28, और एकदिवसीय क्रिकेट में 31) बना चुके थे। 46 शतक बनाकर उन्होंने [[सुनील गावस्कर]], डेस्मंड हेन्स और '''विवियन रिचडर्स''' जैसे क्रिकेट के पूर्व महारथियों के स्थापित कीर्तिमान तोड़ दिए। वह एकदिवसीय क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी हैं। वह दो बार भारतीय टीम के कप्तान बने। टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी तेंदुलकर ने 16 वर्ष की उम्र में [[1989]] में [[पाकिस्तान]] के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच में अपने क्रिकेट जीवन की शुरुआत की। अद्भुत बल्लेबाज़ी करते हुए 20वीं सदी के अंत तक लगभग 11 वर्षो के पेशेवर खेल जीवन में उन्होंने 54.84 रन का ख़ासा ऊँचा टेस्ट औसत बनाए रखा, जो ग्रेग चैपल, विवियन रिचडर्स, जावेद मियांदाद, ब्रायन लारा और सुनील गावस्कर जैसे धुरंधरों के रन औसत से कहीं अधिक है। पाँच फुट चार इंच लंबे तेंदुलकर अपने क़द की कमी को अपने पैरों के फुर्तीलेपन से पूरा करते हैं। क्रिकेट इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में से एक '''सर डोनॉल्ड ब्रेडमैन''' ने तेंदुलकर की यह कहते प्रशंसा की कि पिछले 50 वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले बेशुमार बल्लेबाज़ों में सिर्फ़ तेंदुलकर उनकी शैली के निकट पहुँच सके हैं। |
Revision as of 11:47, 24 September 2010
- सचिन रमेश तेंदुलकर को भारतीय क्रिकेट मे भगवान की तरह माना जाता है। 20वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में भारत के महानतम बल्लेबाज़ों में से एक हैं। सचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल, 1973 को मुम्बई में हुआ।
- सचिन क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। वे बल्लेबाज़ी में कई कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं।
- सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट व एकदिवसीय क्रिकेट, दोनों मे सर्वाधिक शतक अर्जित किये हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ है। इसके साथ टेस्ट क्रिकेट में 12000 से अधिक रन बनाने वाले वे विश्व के एकमात्र खिलाड़ी हैं। एकदिवसीय मैचों मे भी उन्हें कुल सर्वाधिक रन बनाने का कीर्तिमान प्राप्त है।
- सचिन राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वे सन 2008 मे पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है।
- वे क्रिकेट जगत के सर्वाधिक प्रायोजित खिलाड़ी हैं और विश्वभर मे उनके अनेक प्रशंसक हैं। उनके प्रशंसक उन्हें प्यार से लिटिल मास्टर व मास्टर ब्लास्टर कह कर बुलाते हैं।
पारिवारिक परिचय
राजापुर के सारस्वत ब्राह्मण परिवार मे जन्मे सचिन का नाम उनके पिता रमेश तेंदुलकर ने उनके चहेते संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा था। उनके बड़े भाई अजीत तेंदुलकर ने उन्हें खेलने के लिये प्रोत्साहित किया था। सचिन के एक भाई नितिन तेंदुलकर और एक बहन सवितई तेंदुलकर भी हैं। 1995 मे सचिन तेंदुलकर का विवाह अंजलि तेंदुलकर से हुआ। सचिन की दो संतान है- पुत्री सारा और पुत्र अर्जुन।
आरंभिक जीवन
सचिन ने शारदाश्रम विद्यामंदिर मे अपनी शिक्षा ग्रहण की। तेज गेंदबाज़ बनने के लिये उन्होने एम.आर.एफ. पेस फाउंडेशन के अभ्यास कार्यक्रम मे शिरकत की। पर वहाँ तेज गेंदबाज़ी के कोच डेनिस लिली ने उन्हे पूर्ण रूप से अपनी बल्लेबाज़ी पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। रमाकांत आचरेकर के निर्देशन में अल्पायु में ही क्रिकेट खेलना शुरू करके तेंदुलकर ने 1988 में स्कूल के एक हॅरिस शील्ड मॅच में विनोद कांबली के साथ खेलते हुए 664 रन की भागीदारी बनाकर स्कूल क्रिकेट में विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। इस धमाकेदार जोडी के अद्वितीय प्रदर्शन के कारण एक गेंदबाज तो रो ही दिया और विरोधी पक्ष ने मैच आगे खेलने से इंकार कर दिया। सचिन ने इस मैच मे 320 रन और प्रतियोगिता मे हज़ार से भी ज्यादा रन बनाये। युवाकाल मे तेंदुलकर घंटों अपने कोच के साथ अभ्यास करते थे। उनके कोच स्टम्प्स पर एक रुपये का सिक्का रख देते, और जो गेंदबाज़ सचिन को आउट करता, वह् सिक्का उसी को मिलता था। और यदि सचिन बिना आउट हुये पूरे समय बल्लेबाज़ी करने मे सफल हो जाते, तो ये सिक्का उन्हें मिलता था। सचिन के अनुसार उस समय उनके द्वारा जीते गये 13 सिक्के आज भी उन्हे सबसे ज्यादा प्रिय हैं।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मे पदार्पण
सचिन ने अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट मे पदार्पण 15 नवम्बर, 1989 को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ किया तथा सचिन ने अपना पहला एकदिवसीय क्रिकेट मैच भी पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 18 दिसम्बर 1989 को खेला। सचिन 27 वर्ष की आयु तक 59 शतक (टेस्ट मैचों में 28, और एकदिवसीय क्रिकेट में 31) बना चुके थे। 46 शतक बनाकर उन्होंने सुनील गावस्कर, डेस्मंड हेन्स और विवियन रिचडर्स जैसे क्रिकेट के पूर्व महारथियों के स्थापित कीर्तिमान तोड़ दिए। वह एकदिवसीय क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी हैं। वह दो बार भारतीय टीम के कप्तान बने। टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी तेंदुलकर ने 16 वर्ष की उम्र में 1989 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच में अपने क्रिकेट जीवन की शुरुआत की। अद्भुत बल्लेबाज़ी करते हुए 20वीं सदी के अंत तक लगभग 11 वर्षो के पेशेवर खेल जीवन में उन्होंने 54.84 रन का ख़ासा ऊँचा टेस्ट औसत बनाए रखा, जो ग्रेग चैपल, विवियन रिचडर्स, जावेद मियांदाद, ब्रायन लारा और सुनील गावस्कर जैसे धुरंधरों के रन औसत से कहीं अधिक है। पाँच फुट चार इंच लंबे तेंदुलकर अपने क़द की कमी को अपने पैरों के फुर्तीलेपन से पूरा करते हैं। क्रिकेट इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में से एक सर डोनॉल्ड ब्रेडमैन ने तेंदुलकर की यह कहते प्रशंसा की कि पिछले 50 वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले बेशुमार बल्लेबाज़ों में सिर्फ़ तेंदुलकर उनकी शैली के निकट पहुँच सके हैं।
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संबंधित लेख
टीका टिप्पणी और संदर्भ