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||चार्ल्स वुड के पत्र की सभी सिफ़ारिशें लागू कर दी गई। पुरानी [[शिक्षा]] परिषद और लोक शिक्षा समिति के स्थान पर [[1855]] में लोक शिक्षा विभाग स्थापित कर दिया गया। तीनों विश्वविद्यालय ([[कलकत्ता]], [[मद्रास]], [[बम्बई]]) [[1857]] में अस्तित्व में आए। | ||चार्ल्स वुड के पत्र की सभी सिफ़ारिशें लागू कर दी गई। पुरानी [[शिक्षा]] परिषद और लोक शिक्षा समिति के स्थान पर [[1855]] में लोक शिक्षा विभाग स्थापित कर दिया गया। तीनों विश्वविद्यालय ([[कलकत्ता]], [[मद्रास]], [[बम्बई]]) [[1857]] में अस्तित्व में आए। | ||
{[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के 1924 के अधिवेशन में [[महात्मा गाँधी]] द्वारा मात्र एक बार अध्यक्षता की गई। यह अधिवेशन कहाँ हुआ था। | {[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के [[1924]] के अधिवेशन में [[महात्मा गाँधी]] द्वारा मात्र एक बार अध्यक्षता की गई। यह अधिवेशन कहाँ हुआ था। | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-गया में | -[[गया]] में | ||
-[[अमृतसर]] में | -[[अमृतसर]] में | ||
+बेलगाँव में | +बेलगाँव में | ||
-[[कानपुर]] में | -[[कानपुर]] में | ||
|| | ||[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] का 39 वाँ अधिवेशन, जो 26-27 [[दिसम्बर]], [[1924]] में बेलगाँव में हुआ था, की अध्यक्षता [[महात्मा गाँधी]] ने की थी। | ||
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||विवरण दैमाबाद ([[महाराष्ट्र]]) अहमदनगर ज़िले में [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] की सहायक प्रवरा नदी के तट पर स्थित है। यह सिन्धु सभ्यता का अंतिम दक्षिणी स्थल है। दैमाबाद से ताँबे के रथ का साक्ष्य प्राप्त हुआ है। | ||विवरण दैमाबाद ([[महाराष्ट्र]]) अहमदनगर ज़िले में [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] की सहायक प्रवरा नदी के तट पर स्थित है। यह सिन्धु सभ्यता का अंतिम दक्षिणी स्थल है। दैमाबाद से ताँबे के रथ का साक्ष्य प्राप्त हुआ है। | ||
{ | {[[हड़प्पा]] वालों को निम्नलिखित में से किसका ज्ञान नहीं था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-कुओं का निर्माण | -कुओं का निर्माण | ||
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+मेहराब का निर्माण | +मेहराब का निर्माण | ||
{महावीर की मृत्यु के बाद जैन संघ का मुखिया किसे कहा जाता है? | {[[महावीर]] की मृत्यु के बाद जैन संघ का मुखिया किसे कहा जाता है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-जम्बु | -जम्बु | ||
Line 106: | Line 106: | ||
-भद्रबाहु | -भद्रबाहु | ||
+सुधर्मण | +सुधर्मण | ||
|| | ||[[महावीर]] ने अपने जीवनकाल में ही एक संघ की स्थापना की जिसमें 11 प्रमुख अनुयायी सम्मिलित थे। ये गणधर कहलाए। महावीर के जीवनकाल में ही 10 गणधर की मृत्यु हो गई, महावीर के बाद केवल सुधर्मण जीवित रहा, जो जैन संघ का प्रथम मुखिया या अध्यक्ष बना। | ||
Line 115: | Line 115: | ||
-रमनिया | -रमनिया | ||
-आम्रपाली | -आम्रपाली | ||
|| | ||[[राजगृह]] का राजकीय चिकित्सक जीवक, सलावती नामक गणिका का पुत्र था। | ||
{'दीवान-ए-मुस्तखराज' किसने स्थापित किया था? | {'दीवान-ए-मुस्तखराज' किसने स्थापित किया था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-कुतुबुद्दीन ऐबक | -[[कुतुबुद्दीन ऐबक]] | ||
-रजिया | -[[रजिया सुल्तान|रजिया]] | ||
-बलबन | -[[बलबन]] | ||
+अलाउद्दीन खिलजी | +[[अलाउद्दीन खिलजी]] | ||
|| | ||[[दिल्ली]] सल्तनत का सर्वशक्तिशाली शासक [[अलाउद्दीन खिलजी]] ने बकाया करों की वसूली तथा राजस्व एकत्र करने के लिए 'दीवान-ए-मुस्तखराज' नामक विभाग की स्थापना की। | ||
{इतिहासकार अबुल | {इतिहासकार [[अबुल फ़ज़ल]] का कत्ल किया था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-हेमू ने | -[[हेमू]] ने | ||
-बैरम खाँ ने | -[[बैरम खाँ]] ने | ||
-उदय सिंह ने | -उदय सिंह ने | ||
+वीर सिंह देव बुन्देला ने | +वीर सिंह देव बुन्देला ने |
Revision as of 09:15, 27 January 2011
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