कर्णवेल: Difference between revisions
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कर्णवेल जबलपुर के निकट स्थित है। 11वीं शती में कलचुरिवंश के शासकों की कर्णवेल में राजधानी थी। कर्णावती को मूलत: कलचुरिनरेश कर्णदेव (1041-1073 ई.) ने अपने पुत्र का राज्याभिषेक करने के पश्चात स्वयं अपने निवास के लिए बसाया था, बाद में कलचुरियों ने कर्णवेल में अपनी राजधानी ही बना ली। कलचुरिनरेशों के आराध्य देव शिव थे और इसी कारण इस नगर में उन्होंने शिव के विशाल मंदिर बनवाए थे। आज भी कर्णवेल के प्राचीन ध्वस्त क़िले के चिह्न दो वर्ग मील के क्षेत्र में दिखाई देते हैं।