रामायण सामान्य ज्ञान 2: Difference between revisions
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<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{[[इन्द्र]] के विमान का नाम है? | {निम्न में से [[इन्द्र]] के विमान का नाम क्या है? | ||
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-पाञ्जन्य | -पाञ्जन्य | ||
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+पुष्पक | +पुष्पक | ||
{[[समुद्र मंथन]] से क्या नहीं | {[[समुद्र मंथन]] से क्या प्राप्त नहीं हुआ था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[ऐरावत]] | -[[ऐरावत]] | ||
-[[कामधेनु]] | -[[कामधेनु]] | ||
-पारिजात | -[[पारिजात]] | ||
+सिमंतक मणि | +सिमंतक मणि | ||
{गर्भवती [[सीता]] किसके आश्रम में रही? | {गर्भवती [[सीता]] किसके आश्रम में रही थीं? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[विश्वामित्र]] | -[[विश्वामित्र]] | ||
Line 27: | Line 27: | ||
+[[वाल्मीकि]] | +[[वाल्मीकि]] | ||
-[[तुलसीदास]] | -[[तुलसीदास]] | ||
||[[संस्कृत]] भाषा के आदि कवि और आदि काव्य '[[रामायण]]' के रचयिता के रूप में वाल्मीकि की प्रसिद्धि है। इनके पिता महर्षि [[कश्यप]] के पुत्र [[वरुण देवता|वरुण]] या [[आदित्य देवता|आदित्य]] थे। [[उपनिषद]] के विवरण के अनुसार ये भी अपने भाई [[भृगु]] की भांति परम ज्ञानी थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें- [[वाल्मीकि]] | ||[[संस्कृत]] भाषा के आदि कवि और आदि काव्य '[[रामायण]]' के रचयिता के रूप में [[वाल्मीकि]] की प्रसिद्धि है। इनके [[पिता]] महर्षि [[कश्यप]] के पुत्र [[वरुण देवता|वरुण]] या [[आदित्य देवता|आदित्य]] थे। [[उपनिषद]] के विवरण के अनुसार ये भी अपने भाई [[भृगु]] की भांति परम ज्ञानी थे। वनवास के समय भगवान श्री [[राम]] ने स्वयं इन्हें दर्शन देकर कृतार्थ किया। जब [[सीता]] जी का राम ने त्याग कर दिया, तब सीता ने अपने वनवास का अन्तिम काल इनके आश्रम पर व्यतीत किया। महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में ही [[लव कुश|लव]] और [[लवकुश|कुश]] का जन्म हुआ। वाल्मीकि जी ने उन्हें [[रामायण]] का गान सिखाया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें- [[वाल्मीकि]] | ||
{[[श्लोक]] शब्द का अर्थ होता है? | {[[श्लोक]] शब्द का अर्थ क्या होता है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-गीत | -गीत | ||
Line 36: | Line 36: | ||
+दुःख | +दुःख | ||
{[[हनुमान]] कितनी बार [[लंका]] गये थे? | {[[रामायण]] के अनुसार [[हनुमान]] कितनी बार [[लंका]] गये थे? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-एक बार | -एक बार | ||
Line 43: | Line 43: | ||
-चार बार | -चार बार | ||
{[[राम]] ने [[लंका]] में अपना दूत किसे | {[[राम]] ने [[लंका]] में अपना दूत किसे बनाकर भेजा था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[हनुमान]] | -[[हनुमान]] | ||
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+[[अंगद (बाली पुत्र)|अंगद]] | +[[अंगद (बाली पुत्र)|अंगद]] | ||
-[[विभीषण]] | -[[विभीषण]] | ||
||युवराज अंगद [[बालि]] के पुत्र थे। बालि इनसे सर्वाधिक प्रेम करता था। ये परम बुद्धिमान, अपने पिता के समान बलशाली तथा भगवान श्री [[राम]] के परम भक्त थे। | ||युवराज 'अंगद' [[बालि]] के पुत्र थे। बालि इनसे सर्वाधिक प्रेम करता था। ये परम बुद्धिमान, अपने [[पिता]] के समान बलशाली तथा भगवान श्री [[राम]] के परम [[भक्त]] थे। भगवान श्री राम का अंगद के शौर्य और बुद्धिमत्ता पर पूर्ण विश्वास था, इसीलिये उन्होंने [[रावण]] की सभा में युवराज अंगद को अपना दूत बनाकर भेजा। रावण भी नीतिज्ञ था और उसने भेदनीति से काम लेते हुए अंगद से कहा- 'बाली मेरा मित्र था। ये [[राम]]-[[लक्ष्मण]] बाली को मारने वाले हैं। यह बड़ी लज्जा की बात है कि तुम अपने पितृघातियों के लिये दूतकर्म कर रहे हो।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें- [[अंगद (बाली पुत्र)|अंगद]] | ||
{[[मेघनाद]] का दूसरा नाम क्या था? | {[[मेघनाद]] का दूसरा नाम क्या था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[कुम्भकर्ण]] | -[[कुम्भकर्ण]] | ||
-विचित्रवीर्य | -[[विचित्रवीर्य]] | ||
+ | +[[इन्द्रजित]] | ||
-दशानन | -दशानन | ||
||'मेघनाद' [[लंका]] के राजा [[रावण]] का बेटा था। मेघनाद ने युवास्था में ही दैत्यों के गुरु [[शुक्राचार्य]] की सहायता से 'सप्तयज्ञ' किए और [[शिव]] के आशीर्वाद से रथ, दिव्यास्त्र और तामसी माया प्राप्त की थी। उसने [[राम]] की सेना से मायावी युद्ध किया था। कभी वह अंतर्धान हो जाता तो कभी प्रकट हो जाता। [[विभीषण]] प्रज्ञास्त्र द्वारा उन दोनों को होश में लाया तथा वानर राज [[सुग्रीव]] ने अभिमन्त्रित विशल्या नामक औषधि से उन्हें स्वस्थ किया। [[मेघनाद]] को 'इन्द्रजित' कहकर भी पुकारा जाता था, क्योंकि उसने युद्ध में देवराज [[इन्द्र]] को भी पराजित किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें- [[इन्द्रजित]] | |||
{[[हनुमान]] किसके पेट के भीतर जाकर वापस आ गये थे? | {[[हनुमान]] किसके पेट के भीतर जाकर वापस आ गये थे? | ||
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-[[शूर्पणखा]] | -[[शूर्पणखा]] | ||
{[[बालि]] की पत्नी का नाम क्या था? | |||
{[[बालि]] की पत्नी का नाम था? | |||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[तारा (बालि की पत्नी)|तारा]] | +[[तारा (बालि की पत्नी)|तारा]] | ||
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-विपाशा | -विपाशा | ||
{[[राम]] | {[[राम]] और [[लक्ष्मण]] को आश्रमों की रक्षा करने के लिए वन में कौन-से ब्रह्म ॠषि ले गये थे? | ||
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-[[दुर्वासा]] | -[[दुर्वासा]] |
Revision as of 14:00, 10 April 2012
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