इसलिंगटन कमीशन: Difference between revisions
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Latest revision as of 09:54, 8 August 2012
इसलिंगटन कमीशन की नियुक्ति 1912 ई. में की गई थी। इसका उद्देश्य उच्च पदों पर, विशेष रूप से इण्डियन सिविल सर्विस में भारतीयों की भर्ती की समस्या पर विचार करना था।
- लॉर्ड इसलिंगटन कमीशन के चेयरमैन थे, और भारतीय तथा ब्रिटिश सार्वजनिक नेता उसके सदस्य थे।
- कमीशन ने सिफ़ारिश की कि, जो भी भारतीय लन्दन में होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता प्राप्त कर 'इण्डियन सिविल सर्विस' (भारतीय प्रशासनिक सेवा) में प्रवेश करते हैं, उनके अतिरिक्त इण्डियन सिविल सर्विस के 25 प्रतिशत पद भारतीयों की सीधी भर्ती तथा प्रान्तीय सिविल सर्विस से पदोन्नति करके भरे जायें।
- उसने इण्डियन सिविल सर्विस में भारतीयों की भर्ती के लिए भारत में परीक्षा लेने की सिफ़ारिश की।
- यह रिपोर्ट 1917 ई. में प्रकाशित हुई। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह माँग पिछले 30 वर्षों के पूर्व से भी कर रही थी।
- रिपोर्ट में उसकी माँग स्वीकार कर ली गई, परन्तु कमेटी ने आई.सी.एस. अफ़सरों के वेतनों में जो भारी वृद्धि की सिफ़ारिश की, उस पर भारतीयों के द्वारा तीव्र आक्रोश व्यक्त किया गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 57।