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पिलानी भारत के उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले शहरों में गिना जाने लगा है। यहाँ आने वाले छात्र-छात्रों ने पिलानी में विद्या विहार परिसर को लघु भारत का स्वरूप दे दिया है। यहाँ भारत सरकार का एक उपक्रम 'केन्द्रीय इलेक्ट्रोनिकी आभियांत्रिकी अनुसन्धान संस्थान' (सीरी) भी है, जो देश के विज्ञान और तकनीकी विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है। यहाँ का अभियांत्रिकी महाविद्यालय भारत के दस सबसे उच्च महाविद्यालयों में से एक है। जाने-माने व्यवसायिक तथा राष्ट्रपिता [[महात्मा गाँधी]] के सहयोगी रहे [[घनश्याम दास बिड़ला]] ने इस संस्था की नींव रखी थी। | पिलानी [[भारत]] के उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले शहरों में गिना जाने लगा है। यहाँ आने वाले छात्र-छात्रों ने पिलानी में विद्या विहार परिसर को लघु भारत का स्वरूप दे दिया है। यहाँ भारत सरकार का एक उपक्रम 'केन्द्रीय इलेक्ट्रोनिकी आभियांत्रिकी अनुसन्धान संस्थान' (सीरी) भी है, जो देश के विज्ञान और तकनीकी विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है। यहाँ का अभियांत्रिकी महाविद्यालय भारत के दस सबसे उच्च महाविद्यालयों में से एक है। जाने-माने व्यवसायिक तथा राष्ट्रपिता [[महात्मा गाँधी]] के सहयोगी रहे [[घनश्याम दास बिड़ला]] ने इस संस्था की नींव रखी थी। | ||
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पिलानी का 'बिरला म्यूजियम' [[एशिया]] के संग्राहलयों में अपना विशेष स्थान रखता है। वहीं 'बिरला हवेली' में बिरला परिवार की ऐतिहासिकता से साक्षात्कार कराने वाला संग्रहालय भी दर्शनीय है। पंचवटी परिसर में मातुराम वर्मा द्वारा बनाई और तराशी गई सजीव मूर्तियाँ सैलानियों को आकर्षित करती हैं, तो संगमरमर से बना सरस्वती मन्दिर भी पर्यटकों के दिल और दिमाग में रच बस जाता है। | पिलानी का 'बिरला म्यूजियम' [[एशिया]] के संग्राहलयों में अपना विशेष स्थान रखता है। वहीं 'बिरला हवेली' में बिरला परिवार की ऐतिहासिकता से साक्षात्कार कराने वाला संग्रहालय भी दर्शनीय है। पंचवटी परिसर में मातुराम वर्मा द्वारा बनाई और तराशी गई सजीव मूर्तियाँ सैलानियों को आकर्षित करती हैं, तो संगमरमर से बना सरस्वती मन्दिर भी पर्यटकों के दिल और दिमाग में रच बस जाता है। |
Revision as of 08:36, 26 December 2012
पिलानी झुंझुनू ज़िला, राजस्थान का प्रमुख शहर है। तकनीकी शिक्षा का राष्ट्रिय सिरमौर पिलानी न केवल झुंझुनू का अपितु पूरे भारत का गौरव स्थल है। देश के विभिन्न राज्यों से शिक्षा प्राप्ति के लिए यहाँ छात्र बड़ी संख्या में आते हैं। किसी जमाने में राजस्थान का एक छोटा गाँव रहा पिलानी देश के एक प्रधान व्यवसायिक परिवार 'बिरला' का मूल स्थान है। यह शहर 'बिरला प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान संस्थान' (बीआईटीएस) के लिये भी जाना जाता है।
उच्च शिक्षा का क्षेत्र
पिलानी भारत के उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले शहरों में गिना जाने लगा है। यहाँ आने वाले छात्र-छात्रों ने पिलानी में विद्या विहार परिसर को लघु भारत का स्वरूप दे दिया है। यहाँ भारत सरकार का एक उपक्रम 'केन्द्रीय इलेक्ट्रोनिकी आभियांत्रिकी अनुसन्धान संस्थान' (सीरी) भी है, जो देश के विज्ञान और तकनीकी विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है। यहाँ का अभियांत्रिकी महाविद्यालय भारत के दस सबसे उच्च महाविद्यालयों में से एक है। जाने-माने व्यवसायिक तथा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के सहयोगी रहे घनश्याम दास बिड़ला ने इस संस्था की नींव रखी थी।
पर्यटन स्थल
पिलानी का 'बिरला म्यूजियम' एशिया के संग्राहलयों में अपना विशेष स्थान रखता है। वहीं 'बिरला हवेली' में बिरला परिवार की ऐतिहासिकता से साक्षात्कार कराने वाला संग्रहालय भी दर्शनीय है। पंचवटी परिसर में मातुराम वर्मा द्वारा बनाई और तराशी गई सजीव मूर्तियाँ सैलानियों को आकर्षित करती हैं, तो संगमरमर से बना सरस्वती मन्दिर भी पर्यटकों के दिल और दिमाग में रच बस जाता है।
- अन्य दर्शनीय स्थल
यहाँ के अन्य आकर्षक स्थल हैं-
- बीआईटीएस संग्रहालय
- शिव गंगा
- सरस्वती मंदिर
- पंचवटी
कैसे पहुँचें
पिलानी जाने के लिए राजधानी दिल्ली तथा जयपुर से सड़क मार्ग द्वारा जाया जा सकता है। इसका नजदीकी रेल स्टेशन चिरावा है। यहाँ यात्रियों के ठहरने के लिए अच्छे होटल भी उपलब्ध हैं।
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