डी. वी. पलुस्कर: Difference between revisions

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* डी. वी. पलुस्कर की आवाज़ बहुत मधुर और सुरीली थी। उनके [[आलाप]] उनके गाये [[राग]] का स्पष्ट रेखांकन करते थे; इसके बाद उनकी सहज शैली की तानों से सुसज्जित बंदिशें आती थीं।  
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* उन्हें थोड़ी ही अवधि में राग का संपूर्ण आकर्षक चित्र प्रस्तुत करने में महारत हासिल थी। शुद्ध शास्त्रीय संगीत के अतिरिक्त वे महान भजन गायक भी थे।  
* उन्हें थोड़ी ही अवधि में राग का संपूर्ण आकर्षक चित्र प्रस्तुत करने में महारत हासिल थी। शुद्ध शास्त्रीय संगीत के अतिरिक्त वे महान भजन गायक भी थे।  
* उन्हें फिल्म बैजू बावरा (1952 फिल्म) में उस्ताद अमीर ख़ान के साथ एक अविस्मरणीय युगलबंदी के लिए भी जाना जाता है।  
* उन्हें फ़िल्म [[बैजू बावरा (फ़िल्म)|बैजू बावरा]] (1952 फ़िल्म) में उस्ताद अमीर ख़ान के साथ एक अविस्मरणीय युगलबंदी के लिए भी जाना जाता है।  
* पंडित डी. वी. पलुस्कर का निधन [[26 अक्तूबर]], [[1955]] को मात्र 34 वर्ष की अवस्था में ही एनसिफिलाइटिस के कारण हो गया।  
* पंडित डी. वी. पलुस्कर का निधन [[26 अक्तूबर]], [[1955]] को मात्र 34 वर्ष की अवस्था में ही एनसिफिलाइटिस के कारण हो गया।  



Revision as of 14:11, 25 April 2013

डी. वी. पलुस्कर
पूरा नाम पंडित दत्तात्रेय विष्णु पलुस्कर
जन्म 28 मई, 1921
जन्म भूमि नासिक, महाराष्ट्र
मृत्यु 26 अक्तूबर, 1955
कर्म-क्षेत्र गायक
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी शुद्ध शास्त्रीय संगीत के अतिरिक्त वे महान भजन गायक भी थे।

पंडित दत्तात्रेय विष्णु पलुस्कर (अंग्रेज़ी:Pandit Dattatreya Vishnu Paluskar, जन्म: 28 मई 1921 – मृत्यु: 26 अक्तूबर, 1955) हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के गायक थे। उन्हें एक विलक्षण बालक के तौर पर जाना जाता है।

जीवन परिचय

  • पंडित डी. वी. पलुस्कर का जन्म 28 मई, 1921 को नासिक, महाराष्ट्र में एक विख्यात हिंदुस्तानी संगीतकार विष्णु दिगम्बर पलुस्कर के यहाँ हुआ था।
  • जब उनके पिता का देहांत हुआ वे केवल दस वर्ष के थे और तत्पश्चात उन्हें पंडित विनायकराव पटवर्धन और पंडित नारायणराव व्यास ने प्रशिक्षित किया। उन्हें पंडित चिंतामनराव और पंडित मिराशी बुवा ने भी प्रशिक्षण दिया।
  • डी. वी. पलुस्कर ने अपना पहला कार्यक्रम चौदह वर्ष की आयु में पंजाब में हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन में दिया। उत्तराधिकार में उन्हें ग्वालियर घराना और गंधर्व महाविद्यालय मिला, परंतु वे अन्य घरानों और शैलियों की सुंदर विशेषताओं को अपनाने के लिए हमेशा तैयार रहते थे।
  • डी. वी. पलुस्कर की आवाज़ बहुत मधुर और सुरीली थी। उनके आलाप उनके गाये राग का स्पष्ट रेखांकन करते थे; इसके बाद उनकी सहज शैली की तानों से सुसज्जित बंदिशें आती थीं।
  • उन्हें थोड़ी ही अवधि में राग का संपूर्ण आकर्षक चित्र प्रस्तुत करने में महारत हासिल थी। शुद्ध शास्त्रीय संगीत के अतिरिक्त वे महान भजन गायक भी थे।
  • उन्हें फ़िल्म बैजू बावरा (1952 फ़िल्म) में उस्ताद अमीर ख़ान के साथ एक अविस्मरणीय युगलबंदी के लिए भी जाना जाता है।
  • पंडित डी. वी. पलुस्कर का निधन 26 अक्तूबर, 1955 को मात्र 34 वर्ष की अवस्था में ही एनसिफिलाइटिस के कारण हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

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