एरविकुलम राष्ट्रीय उद्यान: Difference between revisions

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दक्षिण भारत के लुप्तप्राय पहाड़ी बकरे नीलगिरि ताहर, जिसका जंतु वैज्ञानिक नाम 'हेमीट्रैगस हाइलोक्रियस' है, का ये राष्ट्रीय उद्यान निवास है। यह उद्यान कन्नन देवन पहाड़ियों में फैला हुआ है। उद्यान का विस्तार लगभग 97 किलोमीटर के क्षेत्र में है। अपनी लहरदार घास की भूमि और शोला वन के लिए यह अभयारण्य जाना जाता है।
दक्षिण भारत के लुप्तप्राय पहाड़ी बकरे नीलगिरि ताहर, जिसका जंतु वैज्ञानिक नाम 'हेमीट्रैगस हाइलोक्रियस' है, का ये राष्ट्रीय उद्यान निवास है। यह उद्यान कन्नन देवन पहाड़ियों में फैला हुआ है। उद्यान का विस्तार लगभग 97 किलोमीटर के क्षेत्र में है। अपनी लहरदार घास की भूमि और शोला वन के लिए यह अभयारण्य जाना जाता है।
====वनस्पति तथा जीव====
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[[हिमालय]] के दक्षिण की सबसे ऊँची चोटी [[अनामुडी शिखर]] (2695 मीटर) इस राष्ट्रीय उद्यान के मुख्य हिस्से में स्थित है। इस [[पर्वत]] की ढालों पर अनेक प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियाँ पाई जाती हैं, जिनमें शामिल हैं- टेरेस्ट्रियल और एपिफाइट ऑर्किड्स और खूबसूरत जंगली बालसम। यहाँ के सबसे महत्वपूर्ण जीव हैं, नीलगिरि ताहर, नीलगिरि लंगूर, [[तेंदुआ]], [[बाघ]], इंडियन बाइसन आदि।
[[हिमालय]] के दक्षिण की सबसे ऊँची चोटी [[अनामुडी शिखर]] (2695 मीटर) इस राष्ट्रीय उद्यान के मुख्य हिस्से में स्थित है। इस [[पर्वत]] की ढालों पर अनेक प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियाँ पाई जाती हैं, जिनमें शामिल हैं- टेरेस्ट्रियल और एपिफाइट ऑर्किड्स और खूबसूरत जंगली बालसम। यहाँ के सबसे महत्त्वपूर्ण जीव हैं, नीलगिरि ताहर, नीलगिरि लंगूर, [[तेंदुआ]], [[बाघ]], इंडियन बाइसन आदि।
==क्षेत्र विभाजन==
==क्षेत्र विभाजन==
आरक्षित क्षेत्र के रूप में यह उद्यान तीन हिस्सों में बंटा है-
आरक्षित क्षेत्र के रूप में यह उद्यान तीन हिस्सों में बंटा है-

Revision as of 07:59, 1 August 2013

एरविकुलम राष्ट्रीय उद्यान केरल के प्रसिद्ध अभयारण्यों में से एक है। यह अभयारण्य मुन्नार से लगभग पन्द्रह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस अभयारण्य में पर्यटक सुबह के सात बजे से शाम के छ: बजे तक भ्रमण कर सकते हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान दक्षिण भारत के लुप्तप्राय पहाड़ी बकरे नीलगिरि ताहर के विशेष रूप से जाना जाता है।

नीलगिरि ताहर

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दक्षिण भारत के लुप्तप्राय पहाड़ी बकरे नीलगिरि ताहर, जिसका जंतु वैज्ञानिक नाम 'हेमीट्रैगस हाइलोक्रियस' है, का ये राष्ट्रीय उद्यान निवास है। यह उद्यान कन्नन देवन पहाड़ियों में फैला हुआ है। उद्यान का विस्तार लगभग 97 किलोमीटर के क्षेत्र में है। अपनी लहरदार घास की भूमि और शोला वन के लिए यह अभयारण्य जाना जाता है।

वनस्पति तथा जीव

हिमालय के दक्षिण की सबसे ऊँची चोटी अनामुडी शिखर (2695 मीटर) इस राष्ट्रीय उद्यान के मुख्य हिस्से में स्थित है। इस पर्वत की ढालों पर अनेक प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियाँ पाई जाती हैं, जिनमें शामिल हैं- टेरेस्ट्रियल और एपिफाइट ऑर्किड्स और खूबसूरत जंगली बालसम। यहाँ के सबसे महत्त्वपूर्ण जीव हैं, नीलगिरि ताहर, नीलगिरि लंगूर, तेंदुआ, बाघ, इंडियन बाइसन आदि।

क्षेत्र विभाजन

आरक्षित क्षेत्र के रूप में यह उद्यान तीन हिस्सों में बंटा है-

  1. मुख्य क्षेत्र
  2. बफर क्षेत्र
  3. पर्यटन क्षेत्र

उद्यान में आने वाले पर्यटकों को केवल पर्यटन क्षेत्र राजमला तक ही जाने की अनुमति है। यह इलाका एरविकुलम में सड़क से प्रवेश करने के बाद आता है। यहाँ नीलगिरि ताहर को बड़े निकट से देखा जा सकता है। यह अभयारण्य ऊच्च भूमि वाले शोला तृणभूमि पारिस्थितिक तंत्र की जैव विविधता के अवलोकन के लिए एक उपयुक्त स्थान है। पर्यटकों को वन विभाग की गाड़ियों से राजमला ले जाया जाता है, जहाँ उन्हें यह सब कुछ देखने का सुनहरा अवसर मिलता है। निजी वाहनों को यहाँ लाने की अनुमति नहीं है। पहाड़ी बकरे नीलगिरि ताहर के प्रजनन के समय, आमतौर पर हर वर्ष के शुरुआती महीनों में, इस राष्ट्रीय उद्यान को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाता है।

कब जाएँ

वर्ष के शुरुआती महीनों में इस राष्ट्रीय उद्यान में आने के विषय में नहीं सोचना चाहिए, क्योंकि प्रायः इसी समय में पहाड़ी बकरे ताहर का प्रजनन समय होता है, जिस कारण उद्यान को पर्यटकों के लिए बंद रखा जाता है। इसीलिए पर्यटकों को वर्ष के शुरुआती तीन-चार महीनों के बाद ही यहाँ आना चाहिए।

कैसे पहुँचें

'एरविकुलम राष्ट्रीय उद्यान' तक पहुँचने के लिए कई साधन हैं। मुन्नार से यह उद्यान पन्द्रह किलोमीटर की दूरी पर है। निकटतम रेलवे स्टेशन कोट्टयम, मुन्नार से लगभग 142 किलोमीटर दूर है। एर्नाकुलम, मुन्नार से 130 किलोमीटर है। यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा तमिलनाडु का मदुरै है, जो 142 किलोमीटर दूर है। यहाँ से कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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