मैरी कॉम: Difference between revisions
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Revision as of 14:12, 22 September 2013
मैरी कॉम
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पूरा नाम | मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम |
जन्म | 1 मार्च, 1983 |
जन्म भूमि | चुराचांदपुर ज़िला, मणिपुर |
खेल-क्षेत्र | मुक्केबाज़ी |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री, अर्जुन पुरस्कार, राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार |
नागरिकता | भारतीय |
ऊँचाई | 158 सेमी[1] |
अद्यतन | 16:53, 13 अगस्त 2012 (IST)
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मैरी कॉम का पूरा नाम मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम (अंग्रेज़ी:Mangte Chungneijang Merykom) है परंतु मैरी कॉम अधिक लोकप्रिय है। मैरी कॉम एक भारतीय महिला मुक्केबाज़ हैं। मैरी कॉम भारत के मणिपुर राज्य से हैं।
जीवन परिचय
मैरी कॉम का जन्म 1 मार्च, 1983 को मणिपुर के चुराचांदपुर ज़िले में एक ग़रीब किसान के परिवार में हुआ। मैरी काम के जीवन की कहानी मुश्किलों में भी हार न मानने के जज्बे को बयान करती है। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए मैरी कॉम के लिए खेलों में अपनी रूचि के आधार पर इस क्षेत्र में प्रोफेशनल ट्रेनिंग और उपलब्धियों का ख्वाब संजोना कठिन था, पर जहाँ चाह हो, वहाँ राह निकल ही आती है। पूर्व में मैरी कॉम एथलीट थीं। उनके भीतर बॉक्सिंग का शौक़ 1999 में उस समय उत्पन्न हुआ जब उन्होंने खुमान लम्पक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में कुछ लड़कियों को बॉक्सिंग रिंग में लड़कों के साथ बॉक्सिंग के दांव-पेंच आजमाते देखा। मैरी कॉम बताती है कि मैं वह नजारा देख कर स्तब्ध थी। मुझे लगा कि जब वे लड़कियां बॉक्सिंग कर सकती है तो मैं क्यों नहीं? मैंने बॉक्सिंग के क्षेत्र में अपनी कोशिशों को परखने का फैसला किया, जिसकी बदौलत आज मैं इतना कुछ हासिल कर सकी हूँ। मैरी कॉम के अनुसार शुरुआत में उनके पिता उनके इस फैसले के ख़िलाफ़ थे। पिता को लगता था कि बॉक्सिंग महिलाओं के लिए निषेध है।[2]
पहली सफलता
मैरी कॉम ने वर्ष 2001 में पहली बार नेशनल वुमन्स बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीती। प्रथम अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के अपने अनुभव के बारे में वह बताती है कि मैं काफ़ी घबराई हुई थी। तब मैंने सोचा मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है, पर पाने के लिए बहुत कुछ है। इस सोच के साथ मैरी कॉम ने वर्ल्ड वुमन्स बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया।
प्रमुख उपलब्धियाँ
- 2001 में एआईबीए वर्ल्ड वुमन्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
- 2002 में एआईबीए वर्ल्ड वुमन्स सीनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
- 2003 में एशियन वुमन्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
- 2004 में ताईवान में आयोजित एशियन वुमन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
- 2005 में एआईबीए वुमन्स वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
- 2006 में एआईबीए वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
- 2008 में चीन में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
- 2010 में एआईबीए वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
- 2012 लंदन ओलम्पिक में कांस्य पदक
सम्मान और पुरस्कार
मुक्केबाज की दुनिया में भारत का नाम रोशन करने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2003 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से नवाजा एवं वर्ष 2006 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। 29 जुलाई, 2009 को वे भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए मुक्केबाज विजेंदर कुमार तथा पहलवान सुशील कुमार के साथ संयुक्त रूप से चुनीं गयीं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 158 सेमी = 5 फुट 2 इंच लगभग
- ↑ सिंह, कीर्ति। सफलता के लिए मज़बूत इरादा जरूरी: मैरी कॉम (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) जागरण याहू इंडिया। अभिगमन तिथि: 21 मई, 2012।
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