ॠषिकेश: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
शिल्पी गोयल (talk | contribs) (→वीथिका) |
No edit summary |
||
Line 38: | Line 38: | ||
ऋषिकेश से संबंधित अनेक धार्मिक कथाएँ प्रचलित हैं। कहा जाता है कि [[समुद्र मंथन]] के दौरान निकला विष [[शिव]] ने इसी स्थान पर पिया था। विष पीने के बाद उनका गला नीला पड़ गया और उन्हें [[नीलकंठ महादेव]] के नाम से जाना गया। एक अन्य अनुश्रूति के अनुसार भगवान [[राम]] ने वनवास के दौरान यहाँ के जंगलों में अपना समय व्यतीत किया था। रस्सी से बना [[लक्ष्मण झूला ऋषिकेश|लक्ष्मण झूला]] इसका प्रमाण माना जाता है। 1939 ई. में लक्ष्मण झूले का पुनर्निर्माण किया गया। यह भी कहा जाता है कि ऋषि राभ्या ने यहाँ ईश्वर के दर्शन के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ऋषिकेश के अवतार में प्रकट हुए। तब से इस स्थान को ऋषिकेश नाम से जाना जाता है। | ऋषिकेश से संबंधित अनेक धार्मिक कथाएँ प्रचलित हैं। कहा जाता है कि [[समुद्र मंथन]] के दौरान निकला विष [[शिव]] ने इसी स्थान पर पिया था। विष पीने के बाद उनका गला नीला पड़ गया और उन्हें [[नीलकंठ महादेव]] के नाम से जाना गया। एक अन्य अनुश्रूति के अनुसार भगवान [[राम]] ने वनवास के दौरान यहाँ के जंगलों में अपना समय व्यतीत किया था। रस्सी से बना [[लक्ष्मण झूला ऋषिकेश|लक्ष्मण झूला]] इसका प्रमाण माना जाता है। 1939 ई. में लक्ष्मण झूले का पुनर्निर्माण किया गया। यह भी कहा जाता है कि ऋषि राभ्या ने यहाँ ईश्वर के दर्शन के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ऋषिकेश के अवतार में प्रकट हुए। तब से इस स्थान को ऋषिकेश नाम से जाना जाता है। | ||
==यातायात व परिवहन== | ==यातायात व परिवहन== | ||
====<u>वायुमार्ग</u>==== | ====<u>वायुमार्ग</u>==== | ||
ऋषिकेश से 18 किमी. की दूरी पर [[देहरादून]] के निकट जौली ग्रान्ट एयरपोर्ट नजदीकी एयरपोर्ट है। इंडियन एयरलाइन्स की फ्लाइटें इस एयरपोर्ट को [[दिल्ली]] से जोड़ती है। | ऋषिकेश से 18 किमी. की दूरी पर [[देहरादून]] के निकट जौली ग्रान्ट एयरपोर्ट नजदीकी एयरपोर्ट है। इंडियन एयरलाइन्स की फ्लाइटें इस एयरपोर्ट को [[दिल्ली]] से जोड़ती है। | ||
Line 50: | Line 49: | ||
चित्र:Triveni-Ghat.jpg|[[त्रिवेणी घाट ऋषिकेश|त्रिवेणी घाट]], ॠषिकेश<br />Triveni Ghat, Rishikesh | चित्र:Triveni-Ghat.jpg|[[त्रिवेणी घाट ऋषिकेश|त्रिवेणी घाट]], ॠषिकेश<br />Triveni Ghat, Rishikesh | ||
चित्र:Lord-Shiva-Statue-Rishikesh.jpg|भगवान [[शिव]] की मूर्ति, ॠषिकेश<br/> Lord Shiva Statue, Rishikesh | चित्र:Lord-Shiva-Statue-Rishikesh.jpg|भगवान [[शिव]] की मूर्ति, ॠषिकेश<br/> Lord Shiva Statue, Rishikesh | ||
चित्र:Ram-Jhula-Bridge.jpg|[[राम झूला ऋषिकेश|राम झूला]], ऋषिकेश<br/> Ram Jhula, Rishikesh | |||
</gallery> | </gallery> | ||
Revision as of 10:52, 29 June 2010
ॠषिकेश
| |
विवरण | ॠषिकेश प्राकृतिक सुन्दरता से घिरा एक धार्मिक स्थान है। |
राज्य | उत्तराखण्ड |
ज़िला | देहरादून ज़िला |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर-30°.1' पूर्व-78°.29' |
मार्ग स्थिति | दिल्ली से ॠषिकेश 222 किमी. तथा देहरादून से ऋषिकेश 18 किमी. की दूरी पर |
प्रसिद्धि | ॠषिकेश को पवित्र तीर्थ माना जाता है। |
हवाई अड्डा | जौली ग्रान्ट एयरपोर्ट एयरपोर्ट,देहरादून |
रेलवे स्टेशन | हरिद्वार रेलवे स्टेशन |
बस अड्डा | बस अड्डा, ॠषिकेश |
क्या देखें | झूले, मंदिर, पहाड़ियाँ, नदियाँ |
क्या ख़रीदें | हस्तशिल्प का सामान, साड़ियाँ, बेड कवर, हैन्डलूम फेबरिक, कॉटन फेबरिक आदि |
एस.टी.डी. कोड | 0135 |
ए.टी.एम | स्वाग आश्रम और देहरादून रोड़ |
चित्र:Map-icon.gif | ॠषिकेश का मानचित्र |
ॠषिकेश को पवित्र तीर्थ माना जाता है। गढ़वाल, उत्तरांचल में हिमालय पर्वतों के तल में बसा ॠषिकेश धार्मिक दृष्टि के अतिरिक्त अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। हिमालय की निचली पहाड़ियों और प्राकृतिक सुन्दरता से घिरे इस धार्मिक स्थान से बहती गंगा नदी इसे अतुल्य बनाती है। ऋषिकेश को केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का प्रवेशद्वार माना जाता है। कहा जाता है कि इस स्थान पर ध्यान लगाने से मोक्ष प्राप्त होता है। हर साल यहाँ के आश्रमों में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री ध्यान लगाने और मन की शान्ति के लिए आते हैं। ॠषिकेश पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल है। विदेशी पर्यटक भी यहाँ आध्यात्मिक सुख की चाह में नियमित रूप से आते रहते हैं।
स्थिति
भारत के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में एक ऋषिकेश है जो उत्तराखण्ड में समुद्र तल से 1360 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। हिमालय का प्रवेश द्वार ऋषिकेश हरिद्वार से लगभग 20-25 किमी की दूरी पर स्थित है यहाँ से पर्वतों के राजा हिमालय का साम्राज्य शुरू हो जाता है।
कथा
ऋषिकेश से संबंधित अनेक धार्मिक कथाएँ प्रचलित हैं। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकला विष शिव ने इसी स्थान पर पिया था। विष पीने के बाद उनका गला नीला पड़ गया और उन्हें नीलकंठ महादेव के नाम से जाना गया। एक अन्य अनुश्रूति के अनुसार भगवान राम ने वनवास के दौरान यहाँ के जंगलों में अपना समय व्यतीत किया था। रस्सी से बना लक्ष्मण झूला इसका प्रमाण माना जाता है। 1939 ई. में लक्ष्मण झूले का पुनर्निर्माण किया गया। यह भी कहा जाता है कि ऋषि राभ्या ने यहाँ ईश्वर के दर्शन के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ऋषिकेश के अवतार में प्रकट हुए। तब से इस स्थान को ऋषिकेश नाम से जाना जाता है।
यातायात व परिवहन
वायुमार्ग
ऋषिकेश से 18 किमी. की दूरी पर देहरादून के निकट जौली ग्रान्ट एयरपोर्ट नजदीकी एयरपोर्ट है। इंडियन एयरलाइन्स की फ्लाइटें इस एयरपोर्ट को दिल्ली से जोड़ती है।
रेलमार्ग
ऋषिकेश का नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार है जो 25 किमी. दूर है। हरिद्वार देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग
दिल्ली के कश्मीरी गेट से ऋषिकेश के लिए डीलक्स और निजी बसों की व्यवस्था है। राज्य परिवहन निगम की बसें नियमित रूप से दिल्ली और उत्तराखंड के अनेक शहरों से ऋषिकेश के लिए चलती हैं।
वीथिका
-
सूर्यास्त के समय गंगा का द्रश्य, ॠषिकेश
View Of Ganga River At Time Of Sunset, Rishikesh -
त्रिवेणी घाट, ॠषिकेश
Triveni Ghat, Rishikesh -
भगवान शिव की मूर्ति, ॠषिकेश
Lord Shiva Statue, Rishikesh -
राम झूला, ऋषिकेश
Ram Jhula, Rishikesh
सम्बंधित लिंक