गरुड़ गोविन्द मन्दिर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('thumb|गरुड़ गोविन्द '''गरुड़ गोविन्द मन...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
Line 14: Line 14:
[[Category:हिन्दू धार्मिक_स्थल]]
[[Category:हिन्दू धार्मिक_स्थल]]
[[Category:ब्रज]]
[[Category:ब्रज]]
[[Category:हिन्दू धर्म कोश]]
[[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Revision as of 12:14, 21 March 2014

thumb|गरुड़ गोविन्द गरुड़ गोविन्द मन्दिर उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा ज़िले स्थित है। मथुरा से दिल्ली जाते समय 'राष्ट्रीय राजमार्ग 2' पर पड़ने वाले छटीकरा के पास ही 'गरूड़ - गोविन्द' कृष्ण की विहार स्थली है। एक दिन श्रीकृष्ण गोचारण करते हुए सखाओं के साथ यहाँ नाना प्रकार की क्रीड़ाओं में मग्न थे। वे बाल क्रीड़ा करते हुए श्रीदाम सखा को गरुड़ बनाकर उसकी पीठ पर स्वयं बैठकर इस प्रकार खेलने लगे मानो स्वयं लक्ष्मीपति नारायण गरुड़ की पीठ पर सवार हों।

अन्य कथा

रामावतार में जब श्रीरामचन्द्र जी मेघनाद के द्वारा नागपाश में बंधकर असहाय जैसे हो गये, उस समय देवर्षि नारद से संवाद पाकर गरुड़ जी वहाँ उपस्थित हुए। उनको देखते ही नाग श्रीरामचन्द्र जी को छोड़कर भाग गये। इससे गरुड़ जी को श्रीराम की भगवत्ता में कुछ संदेह हो गया। पीछे से महात्मा काकभुषुण्डी के सत्संग से एवं तत्पश्चात श्रीकृष्ण लीला के समय श्रीकृष्ण दर्शन से उनका वह संदेह दूर हो गया। जहाँ उन्होंने गो, गोप एवं गऊओं के पालन करने वाले श्री गोविन्द का दर्शन किया था, उसे गरुड़ गोविन्द कहते हैं। उस समय श्रीकृष्ण ने उनके कंधे पर आरोहण कर उन्हें आश्वासन दिया था।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख