प्रयोग:रिंकू9: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
रिंकू बघेल (talk | contribs) No edit summary |
रिंकू बघेल (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 84: | Line 84: | ||
-[[तारा (बालि की पत्नी)|तारा]] | -[[तारा (बालि की पत्नी)|तारा]] | ||
-[[रूमा]] | -[[रूमा]] | ||
||[[रेवती]] [[रेवत]] की कन्या और [[बलराम]] की पत्नी थीं। रेवत कुकुड्मी अपने सौ भाइयों में सबसे बड़े थे। महाराज रेवत अपनी पुत्री रेवती को लेकर [[ब्रह्मा]] के पास गये। वह उसके योग्य वर की खोज में थे। उस समय हाहा, हूहू नामक दो [[गंधर्व]] गान प्रस्तुत कर रहे थे। गान समाप्त होने के उपरांत उन्होंने [[ब्रह्मा]] से इच्छित प्रश्न पूछा। ब्रह्मा ने कहा, "यह गान जो तुम्हें अल्पकालिक लगा, वह चतुर्युग तक चला। जिन वरों की तुम चर्चा कर रहे हो, उनके पुत्र-पौत्र भी अब जीवित नहीं हैं। तुम [[विष्णु]] के साथ इसका पाणिग्रहण कर दो। वह बलराम के रूप में अवतरित हैं।" राजा रेवती को लेकर [[पृथ्वी]] पर गये। विभिन्न नगर जैसे छोड़ गये थे, वैसे अब शेष नहीं थे। मनुष्यों की लम्बाई बहुत कम हो गयी थी। बलराम ने रेवती से विवाह कर लिया। उसे लंबा देखकर हलधर (बलराम) ने अपने हल की नोक से दबाकर उसकी लंबाई कम कर दी। | ||[[रेवती (बलराम की पत्नी)|रेवती]] [[रेवत]] की कन्या और [[बलराम]] की पत्नी थीं। रेवत कुकुड्मी अपने सौ भाइयों में सबसे बड़े थे। महाराज रेवत अपनी पुत्री रेवती को लेकर [[ब्रह्मा]] के पास गये। वह उसके योग्य वर की खोज में थे। उस समय हाहा, हूहू नामक दो [[गंधर्व]] गान प्रस्तुत कर रहे थे। गान समाप्त होने के उपरांत उन्होंने [[ब्रह्मा]] से इच्छित प्रश्न पूछा। ब्रह्मा ने कहा, "यह गान जो तुम्हें अल्पकालिक लगा, वह चतुर्युग तक चला। जिन वरों की तुम चर्चा कर रहे हो, उनके पुत्र-पौत्र भी अब जीवित नहीं हैं। तुम [[विष्णु]] के साथ इसका पाणिग्रहण कर दो। वह बलराम के रूप में अवतरित हैं।" राजा रेवती को लेकर [[पृथ्वी]] पर गये। विभिन्न नगर जैसे छोड़ गये थे, वैसे अब शेष नहीं थे। मनुष्यों की लम्बाई बहुत कम हो गयी थी। बलराम ने रेवती से विवाह कर लिया। उसे लंबा देखकर हलधर (बलराम) ने अपने हल की नोक से दबाकर उसकी लंबाई कम कर दी। | ||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} |