वंदना कटारिया: Difference between revisions

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==पिता की मृत्यु==
==पिता की मृत्यु==
टोक्यो ओलंपिक 2020 में पहुंचने के लिए वंदना कटारिया का सफर इतना आसान नहीं था। जब वे ओलंपिक के लिए हॉकी का तैयारी कर रही थीं, तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई। ट्रेनिंग के चलते वे अपने पिता को आखिरी बार देख भी नहीं पाईं।<ref name="pp"/>
टोक्यो ओलंपिक 2020 में पहुंचने के लिए वंदना कटारिया का सफर इतना आसान नहीं था। जब वे ओलंपिक के लिए हॉकी का तैयारी कर रही थीं, तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई। ट्रेनिंग के चलते वे अपने पिता को आखिरी बार देख भी नहीं पाईं।<ref name="pp"/>

Revision as of 12:14, 5 August 2021

वंदना कटारिया
पूरा नाम वंदना कटारिया
जन्म 15 अप्रॅल, 1992
जन्म भूमि रोशनाबाद, उत्तराखंड
अभिभावक पिता- नाहर सिंह
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र हॉकी
प्रसिद्धि भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी
नागरिकता भारतीय
लम्बाई 1.59 मीटर या 159 सेंटीमीटर
खेल स्थान फॉरवर्ड
अन्य जानकारी वर्ष 2021 में खेले जा रहे 'ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक-2020' (टोक्यो ओलम्पिक) में वंदना कटारिया हॉकी में हैट्रिक बनाने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं।
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वंदना कटारिया (अंग्रेज़ी: Vandana Katariya, जन्म- 15 अप्रॅल, 1992, रोशनाबाद, उत्तराखंड) भारतीय फील्ड हॉकी खिलाड़ी हैं जो भारतीय राष्ट्रीय टीम में फॉरवर्ड के रूप में खेलती हैं। 2021 में खेले जा रहे 'ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक-2020' (टोक्यो ओलम्पिक) में वह हॉकी में हैट्रिक बनाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। उन्होंने सीनियर राष्ट्रीय टीम के लिए 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं।

परिचय

भारत के उत्तराखंड की रहने वाली वंदना कटारिया का जन्म 15 अप्रैल, 1992 को रोशनाबाद में हुआ था। उनके पिता का नाम नाहर सिंह है। वे हरिद्वार में स्थित बीएचईएल में टेक्नीशियन थे। उनके पिता अपने जमाने के पहलवान रह चुके थे। वंदना कटारिया ने 2006 में जूनियर इंटरनेशनल में डेब्यू किया। वहीं 2010 में उन्हें सीनियर नेशनल टीम में शामिल किया गया।[1]

वंदना कटारिया के लिए इस मुकाम तक पहुंचना इतना आसान नहीं था। वे एक ऐसे गांव से रहती थीं, जहां लड़कियों को खेल से दूर रखा जाता था। लेकिन वंदना इन सब से परे होकर अपने खेल का अभ्यास करती रहीं। जानकारी के अनुसार, वंदना पेड़ की शाखाओं से अपने खेल का अभ्यास करती थीं। वहीं उनके इस जुनून के खिलाफ हर कोई था, सिवाय उनके पिता के। उनके पिता ने उनका साथ उस समय दिया, जब सब चाहते थे कि वंदना हॉकी खेलने का जुनून छोड़ दे। वंदना की दादी हमेशा उन्हें खाना बनाने और घर के काम करने के लिए कहा करती थीं। thumb|left|250px|वंदना कटारिया

पिता की मृत्यु

टोक्यो ओलंपिक 2020 में पहुंचने के लिए वंदना कटारिया का सफर इतना आसान नहीं था। जब वे ओलंपिक के लिए हॉकी का तैयारी कर रही थीं, तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई। ट्रेनिंग के चलते वे अपने पिता को आखिरी बार देख भी नहीं पाईं।[1]

पदक

वंदना कटारिया ने अपने खेल में अब तक चार मेडल हासिल किये हैं, जिसमें एक स्वर्ण, एक रजत और दो काँस्य पदक शामिल हैं। साल 2017 में जापान में आयोजित एशियन कप में वंदना कटारिया स्वर्ण पदक विजेता रह चुकी हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 पेड़ की शाखाओं से किया हॉकी का अभ्यास (हिंदी) newstrack.com। अभिगमन तिथि: 01 अगस्त, 2021।

बाहरी कड़ियाँ

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