मंजीत सिंह: Difference between revisions

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'''मंजीत सिंह''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Manjeet Singh'', जन्म- [[10 अक्टूबर]], [[1988]]) भारतीय रोवर खिलाड़ी हैं। वह दो बार ओलंपिक में हिस्सा ले चुके हैं और एशियन गेम्स में खेलते हुए दो सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर चुके हैं। मंजीत सिंह ने [[चंडीगढ़]] से रोइंग की ट्रेनिंग ली और जूनियर नेशनल खेले। इसके बाद वह जूनियर एशियन टीम के लिए चयनित हुए। उन्हें कड़ी मेहनत से लगातार सफलता मिलती गई। हर प्रतियोगिता में मेडल जीतने के बाद मंजीत सिंह ने भारतीय रोइंग टीम में भी अपनी जगह बनाई। 
'''मंजीत सिंह''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Manjeet Singh'', जन्म- [[10 अक्टूबर]], [[1988]]) भारतीय रोवर एथलीट हैं। वह दो बार ओलंपिक में हिस्सा ले चुके हैं और एशियन गेम्स में खेलते हुए दो सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर चुके हैं। मंजीत सिंह ने [[चंडीगढ़]] से रोइंग की ट्रेनिंग ली और जूनियर नेशनल खेले। इसके बाद वह जूनियर एशियन टीम के लिए चयनित हुए। उन्हें कड़ी मेहनत से लगातार सफलता मिलती गई। हर प्रतियोगिता में मेडल जीतने के बाद मंजीत सिंह ने भारतीय रोइंग टीम में भी अपनी जगह बनाई। 
==परिचय==
==परिचय==
मंजीत सिंह मूलरूप से फिरोजपुर के रहने वाले हैं। रोइंग के खेल में दिलचस्पी उन्हें चंडीगढ़ खींच लाई। यहां पर उन्होंने पढ़ाई के साथ सुखना लेक स्थित 'चंडीगढ़ रोइंग एसोसिएशन' की ओर से ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी। यहां कोच अरविंद सहगल ने मंजीत के अंदर छिपी प्रतिभा और सीखने की कला का पहचान लिया और मंजीत को तराशने का काम शुरू कर दिया। जल्द ही इसके परिणाम भी सामने आने लगे।
मंजीत सिंह मूलरूप से फिरोजपुर के रहने वाले हैं। रोइंग के खेल में दिलचस्पी उन्हें चंडीगढ़ खींच लाई। यहां पर उन्होंने पढ़ाई के साथ सुखना लेक स्थित 'चंडीगढ़ रोइंग एसोसिएशन' की ओर से ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी। यहां कोच अरविंद सहगल ने मंजीत के अंदर छिपी प्रतिभा और सीखने की कला का पहचान लिया और मंजीत को तराशने का काम शुरू कर दिया। जल्द ही इसके परिणाम भी सामने आने लगे।

Revision as of 08:29, 30 September 2021

मंजीत सिंह (अंग्रेज़ी: Manjeet Singh, जन्म- 10 अक्टूबर, 1988) भारतीय रोवर एथलीट हैं। वह दो बार ओलंपिक में हिस्सा ले चुके हैं और एशियन गेम्स में खेलते हुए दो सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर चुके हैं। मंजीत सिंह ने चंडीगढ़ से रोइंग की ट्रेनिंग ली और जूनियर नेशनल खेले। इसके बाद वह जूनियर एशियन टीम के लिए चयनित हुए। उन्हें कड़ी मेहनत से लगातार सफलता मिलती गई। हर प्रतियोगिता में मेडल जीतने के बाद मंजीत सिंह ने भारतीय रोइंग टीम में भी अपनी जगह बनाई। 

परिचय

मंजीत सिंह मूलरूप से फिरोजपुर के रहने वाले हैं। रोइंग के खेल में दिलचस्पी उन्हें चंडीगढ़ खींच लाई। यहां पर उन्होंने पढ़ाई के साथ सुखना लेक स्थित 'चंडीगढ़ रोइंग एसोसिएशन' की ओर से ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी। यहां कोच अरविंद सहगल ने मंजीत के अंदर छिपी प्रतिभा और सीखने की कला का पहचान लिया और मंजीत को तराशने का काम शुरू कर दिया। जल्द ही इसके परिणाम भी सामने आने लगे।

कॅरियर

वर्ष 2004 से लेकर 2007 तक कई जूनियर नेशनल में चंडीगढ़ रोइंग एसोसिएशन की तरफ से खेलते हुए मंजीत सिंह ने कई मेडल हासिल किए। इसके बाद एशियन जूनियर रोइंग कैंप के लिए उनका चयनप हुआ। हैदराबाद में लगे कैंप में चीफ नेशनल कोच इस्माइल बेग की देखरेख में वह आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं।रोइंग में बेहतरीन प्रदर्शन कर भारत का नाम रौशन करने वाले मंजीत सिंह को सेना मे नौकरी मिल गई। मंजीत मौजूदा समय में सेना में सूबेदार के पद पर तैनात हैं।

ध्यानचंद पुरस्कार

उनकी उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकार द्वारा मंजीत सिंह को साल 2020 में 'ध्यानचंद पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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