लॉर्ड विलिंगटन: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
m (आशा चौधरी ने लॉर्ड विलिंगटन से पुनर्निर्देश हटाकर लॉर्ड विलिंगडन को उसपर स्थानांतरित किया) |
||
(No difference)
|
Latest revision as of 03:20, 9 March 2022
लॉर्ड विलिंगडन 1931 ई. से 1936 ई. तक भारत का वाइसराय रहा। 1931 ई. में लॉर्ड इरविन के बाद विलिंगडन को वाइसराय बनाकर भारत भेजा गया था। इसके समय में 7 सितम्बर से 2 दिसम्बर, 1931 ई. तक 'द्वितीय गोलमेज सम्मेलन' का आयोजन लन्दन में हुआ।
- इस सम्मेलन में गाँधी जी ने कांग्रेस (राष्ट्रीय) का प्रतिनिधित्व किया था।
- महात्मा गाँधी एवं अम्बेडकर के बीच 24 सितम्बर, 1932 ई. को पूना समझौता हुआ।
- अगस्त 1932 ई. में 'रैम्जे मैकडानल्ड' ने प्रसिद्ध साम्प्रदायिक निर्णय की घोषणा की थी।
- दिसम्बर, 1932 ई. में लॉर्ड विलिंगडन के समय में ही 'तृतीय गोलमेज सम्मेलन' का आयोजन लन्दन में हुआ।
- 1 अगस्त, 1933 ई. को गाँधी जी ने दोबारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारम्भ किया।
- 5 जनवरी, 1934 ई. को बिहार में आये भूकम्प के झटके से काफ़ी नुकसान हुआ।
- 'भारत सरकार अधिनियम 1935' इसी समय पास किया गया।
|
|
|
|
|