फैसल अली डार: Difference between revisions
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*फैसल अली डार ब्रूस ली के बहुत बड़े फैन हैं। बचपन में उनकी खूब फिल्में देखी। ब्रूस ली से प्रभावित होकर ही फैसल ने मार्शल आर्ट में कॅरियर बनाने का फैसला किया और यहीं से उनका सफर भी शुरू हुआ। | *फैसल अली डार ब्रूस ली के बहुत बड़े फैन हैं। बचपन में उनकी खूब फिल्में देखी। ब्रूस ली से प्रभावित होकर ही फैसल ने मार्शल आर्ट में कॅरियर बनाने का फैसला किया और यहीं से उनका सफर भी शुरू हुआ। |
Revision as of 10:32, 5 June 2022
फैसल अली डार
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पूरा नाम | फैसल अली डार |
जन्म | 2 दिसम्बर, 1988 |
जन्म भूमि | जम्मू-कश्मीर |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | मार्शल आर्ट |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री, 2022 बी.आर. अम्बेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार |
प्रसिद्धि | प्रशिक्षक मार्शल आर्ट |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | फैसल अली डार ब्रूस ली के बहुत बड़े फैन हैं। बचपन में उनकी खूब फिल्में देखी। ब्रूस ली से प्रभावित होकर ही फैसल ने मार्शल आर्ट में कॅरियर बनाने का फैसला किया। |
अद्यतन | 15:57, 5 जून 2022 (IST)
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फैसल अली डार (अंग्रेज़ी: Faisal Ali Dar, जन्म- 2 दिसम्बर, 1988) मार्शल आर्ट प्रशिक्षक हैं। वह भारत के जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखते हैं। आतंकवाद प्रभावित बांदीपोरा जिले के रहने वाले फैसल अली डार कश्मीर में मार्शल आर्ट की अकैडमी चलाते हैं। वह लगभग 4000 बच्चों को फ्री में मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देते हैं। भारत सरकार ने उन्हें 2022 में पद्म श्री से सम्मानित किया है।
- फैसल अली डार ब्रूस ली के बहुत बड़े फैन हैं। बचपन में उनकी खूब फिल्में देखी। ब्रूस ली से प्रभावित होकर ही फैसल ने मार्शल आर्ट में कॅरियर बनाने का फैसला किया और यहीं से उनका सफर भी शुरू हुआ।
- उन्होंने साल 2003 में सबसे पहले वुशु में अपना कॅरियर बनाने का फैसला किया। द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित कुलदीप हांडू से ट्रेनिंग ली, लेकिन वुशु में कामयाबी नहीं मिली। नेशनल स्तर पर एक भी मेडल नहीं जीत सके।
- इसके बाद फैसल अली डार ने किक बॉक्सिंग में कॅरियर बनाया और साल 2010 में पुणे में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड भी जीता, लेकिन ज्यादा पहचान नहीं मिल पाने के कारण 2013 में किक बॉक्सिंग छोड़ दी।
- इसके बाद फैसल अली डार ने अकैडमी खोली और बच्चों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देनी शुरू की।
- साल 2022 में भारत सरकार द्वारा उन्हें 'पद्म श्री' से नवाजा गया। पद्म श्री सम्मान पाने के बाद फैसल ने कहा, "ये मेरे लिए सम्मान की बात है। मेरा चार साल का बेटा है और उसने कल रात में ही 'पद्म श्री' बोलना सीखा है। ये मेरे, कश्मीर और पूरे देश के लिए गर्व की बात है कि मुझे पद्म श्री मिला। मैं उस जिले से आता हूं, जहां स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर कुछ भी नहीं है। काफी पिछड़ा इलाका है। ये अवॉर्ड मुझे आगे बढ़ने के लिए और भी ज्यादा मोटिवेट करेगा।"
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