बजरंग पुनिया: Difference between revisions
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इससे पहले वह [[2013]] में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीत चुके हैं, जिसमें उन्होंने देश के लिए कांस्य जीता था। [[2018]] विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में रजत जीतने के बाद उन्होंने 65 कि.ग्रा. वर्ग में विश्व नंबर एक का दावा किया। बजरंग पुनिया ने [[रूस]] के डैन कोलोव-निकोला पेट्रोव टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को समर्पित किया था। ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो ओलम्पिक) में बजरंग पुनिया ने 65 किलो भार वर्ग के फ्रीस्टाइल [[कुश्ती]] मुकाबले में कजाकिस्तान के दौलत नियाजबेकोव को हराकर काँस्य पदक पर अपना कब्जा जमाया है। यह [[भारत]] का टोक्यो ओलंपिक में छठा पदक है। | |||
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बजरंग पुनिया का जन्म 26 फ़रवरी 1994 को झज्जर गाँव, [[हरियाणा]] में हुआ था। उनके [[पिता]] का नाम बलवान सिंह पुनिया तथा [[माता]] का नाम ओमप्यारी है। उनके पिता एक पेशेवर पहलवान हैं। उनके भाई का नाम हरिंदर पुनिया हैं और वे भी एक पहलवान हैं।<ref name="pp">{{cite web |url= https://jivanihindi.com/bajrang-punia-biography-hindi/|title=बजरंग पुनिया की जीवनी|accessmonthday=07 अगस्त|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= jivanihindi.com|language=हिंदी}}</ref> | बजरंग पुनिया का जन्म 26 फ़रवरी 1994 को झज्जर गाँव, [[हरियाणा]] में हुआ था। उनके [[पिता]] का नाम बलवान सिंह पुनिया तथा [[माता]] का नाम ओमप्यारी है। उनके पिता एक पेशेवर पहलवान हैं। उनके भाई का नाम हरिंदर पुनिया हैं और वे भी एक पहलवान हैं।<ref name="pp">{{cite web |url= https://jivanihindi.com/bajrang-punia-biography-hindi/|title=बजरंग पुनिया की जीवनी|accessmonthday=07 अगस्त|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= jivanihindi.com|language=हिंदी}}</ref> | ||
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*[[2018]] एशियन गेम्स – [[19 अगस्त]] को बजरंग पुनिया ने पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम रेसलिंग में गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने जापानी पहलवान तकातनानी दाची को 11-8 से हराया, स्कोर पहले राउंड के बाद 6-6 पर अटक गया था। | *[[2018]] एशियन गेम्स – [[19 अगस्त]] को बजरंग पुनिया ने पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम रेसलिंग में गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने जापानी पहलवान तकातनानी दाची को 11-8 से हराया, स्कोर पहले राउंड के बाद 6-6 पर अटक गया था। | ||
*बजरंग पूनिया अब तक कुल 5 गोल्ड, 3 ब्रोन्ज, 4 सिल्वर मेडल जीत चुके हैं। उन्होंने [[2013]] में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीता, जिसमें देश के लिए कांस्य जीता। | *बजरंग पूनिया अब तक कुल 5 गोल्ड, 3 ब्रोन्ज, 4 सिल्वर मेडल जीत चुके हैं। उन्होंने [[2013]] में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीता, जिसमें देश के लिए कांस्य जीता। | ||
*[[2018]] विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में रजत जीतने के बाद उन्होंने 65 | *[[2018]] विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में रजत जीतने के बाद उन्होंने 65 कि.ग्रा. वर्ग में विश्व नंबर एक का दावा किया। | ||
*बजरंग पुनिया ने [[रूस]] के डैन कोलोव-निकोला पेट्रोव टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को समर्पित किया। | *बजरंग पुनिया ने [[रूस]] के डैन कोलोव-निकोला पेट्रोव टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को समर्पित किया। | ||
==कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022== | |||
बजरंग पुनिया ने बर्मिंघम, [[इंग्लैंड]] में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में देश के लिये स्वर्ण पदक जीता है। उन्होंने पुरुषों के 65 कि.ग्रा. भार वर्ग के फ्रीस्टाइल [[कुश्ती]] मुक़ाबले के फ़ाइनल में कनाडा के लाचलन मैकनील को 9-2 से हराकर यह पदक जीता। टोक्यो ओलंपिक, 2020 के कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया ने मैच की शुरुआत से ही मेकनील पर दबाव बनाना शुरू कर दिया, जबकि मेकनील उनके सामने बेअसर नजर आये। गत चैम्पियन बजरंग पुनिया मौरिशस के जीन गुलियाने जोरिस बांडोऊ को महज एक मिनट में पटखनी देकर 6-0 की जीत से सेमीफाइनल में पहुंचे थे। उन्हें क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में दो मिनट से भी कम समय लगा, जिसके लिये उन्होंने शुरूआती दौर में नौरू के लोवे बिंघम को गिराकर 4-0 से आसान जीत दर्ज की। बजरंग पुनिया ने एक मिनट अपने प्रतिद्वंद्वी को समझने में लिया और फिर 'जकड़ने' की स्थिति से अचानक बिघंम को पटक कर मुकाबला खत्म कर दिया। बिंघम को इस अचानक से हुए दांव का पता नहीं चला और भारतीय पहलवान ने आसानी से जीत दर्ज की। | |||
==पुरस्कार== | ==पुरस्कार== | ||
#[[2015]] में बजरंग पुनिया को [[अर्जुन पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया। | #[[2015]] में बजरंग पुनिया को [[अर्जुन पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया। | ||
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Revision as of 08:08, 6 August 2022
बजरंग पुनिया
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पूरा नाम | बजरंग पुनिया |
जन्म | 26 फ़रवरी, 1994 |
जन्म भूमि | झज्जर, हरियाणा |
अभिभावक | पिता- बलवान सिंह पुनिया माता- का नाम ओमप्यारी है। |
पति/पत्नी | संगीता फोगाट |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | कुश्ती |
पुरस्कार-उपाधि | अर्जुन पुरस्कार (2015) |
प्रसिद्धि | भारतीय पहलवान |
नागरिकता | भारतीय |
क़द | 1.66 मी. |
ओलिम्पिक खेल | टोक्यो, 2020 - 65 कि.ग्रा. - कांस्य |
विश्व चैंपियनशिप | बुडापेस्ट, 2018 - 65 कि.ग्रा. - रजत बुडापेस्ट, 2013 - 60 कि.ग्रा. - कांस्य |
एशियाई खेल | जकार्ता, 2018 - 65 कि.ग्रा. - स्वर्ण इंचियोन, 2014 - 61 कि.ग्रा. - स्वर्ण |
राष्ट्रमंडल खेल | बर्मिंघम, 2022 - 65 कि.ग्रा. - स्वर्ण गोल्ड कोस्ट, 2018 - 65 कि.ग्रा. - स्वर्ण |
एशियाई चैम्पियनशिप | नई दिल्ली, 2017 - 65 कि.ग्रा. - स्वर्ण शीआन, 2019 - 65 कि.ग्रा. - स्वर्ण |
अन्य जानकारी | 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में बजरंग पुनिया ने पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम श्रेणी में गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने वेल्स के केन चरिग को हराकर यह स्वर्ण पदक जीता था। |
अद्यतन | 13:38, 6 अगस्त 2022 (IST)
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बजरंग पुनिया (अंग्रेज़ी: Bajrang Punia, जन्म- 26 फ़रवरी, 1994, झज्जर, हरियाणा) प्रसिद्ध भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान हैं। उन्हें भारत के सबसे होनहार फ्रीस्टाइल पहलवानों में से एक माना जाता है। बजरंग पुनिया टीटीई (यात्रा टिकट परीक्षक) के पद पर भारतीय रेलवे में तैनात हैं। उन्होंने हाल ही में बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में देश के लिये स्वर्ण पदक जीता है। उन्होंने पुरुषों के 65 कि.ग्रा. भार वर्ग के फ्रीस्टाइल कुश्ती मुक़ाबले के फ़ाइनल में कनाडा के लाचलन मैकनील को 9-2 से हराकर यह पदक जीता।
इससे पहले वह 2013 में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीत चुके हैं, जिसमें उन्होंने देश के लिए कांस्य जीता था। 2018 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में रजत जीतने के बाद उन्होंने 65 कि.ग्रा. वर्ग में विश्व नंबर एक का दावा किया। बजरंग पुनिया ने रूस के डैन कोलोव-निकोला पेट्रोव टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को समर्पित किया था। ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो ओलम्पिक) में बजरंग पुनिया ने 65 किलो भार वर्ग के फ्रीस्टाइल कुश्ती मुकाबले में कजाकिस्तान के दौलत नियाजबेकोव को हराकर काँस्य पदक पर अपना कब्जा जमाया है। यह भारत का टोक्यो ओलंपिक में छठा पदक है।
परिचय
बजरंग पुनिया का जन्म 26 फ़रवरी 1994 को झज्जर गाँव, हरियाणा में हुआ था। उनके पिता का नाम बलवान सिंह पुनिया तथा माता का नाम ओमप्यारी है। उनके पिता एक पेशेवर पहलवान हैं। उनके भाई का नाम हरिंदर पुनिया हैं और वे भी एक पहलवान हैं।[1]
शिक्षा
बजरंग पुनिया की प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव में ही पूरी हुई। 7 साल की उम्र में कुश्ती शुरू की और उन्हें उनके पिता द्वारा बहुत सहयोग मिला। जिसके बाद बजरंग ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। बजरंग पूनिया ने भारतीय रेलवे में टिकट परीक्षक का भी काम किया। योगेश्वर दत्त उनके कोच हैं।
कॅरियर
- 2013 में एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप सेमीफाइनल में भारत, नई दिल्ली में बजरंग पुनिया ने दक्षिण कोरिया के ‘ह्वांग रियॉन्ग-हाक’ को 3-1 से हराकर पुरुष फ्री स्टाइल 60 किलो वर्ग में कांस्य पदक जीता। 16वें राउंड में बजरंग पुनिया ने जापान के ‘शोगो मेदा’ का सामना किया और उन्हें 3-1 से हराया। क्वार्टर फाइनल में उनके प्रतिद्वंद्वी ईरान के ‘मोराद हसन’ थे, बजरंग पुनिया ने सेमीफाइनल में जाने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी ‘मोराद हसन’ को 3-1 से हराया।[1]
- इसके बाद में बजरंग ने 2013 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप बुडापेस्ट, हंगरी में 60 कि.ग्रा वर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया था।
- 2014 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप -16वें राउंड में, बजरंग पुनिया ने इंग्लैंड के ‘साशा मद्यार्किक’ का सामना किया और उन्हें 4-0 से हराया। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के ‘मार्नो प्लाजाजी’ का सामना किया और 4-1 से जीत दर्ज की। नाइजीरियाई पहलवान ‘अमास डैनियल’ सेमीफाइनल में बजरंग पुनिया के प्रतिद्वंद्वी थे और ‘अमास डैनियल’ ने 3-1 से बजरंग पुनिया को हराया। इस प्रकार इन्हें 2014 की वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता।
- 2014 एशियन गेम्स – दक्षिण कोरिया के इचियन में, बजरंग पुनिया ने ईरान के ‘मसूद एस्मेलिपूरजौबारी’ से मुकाबला किया और 1-3 से ‘मसूद एस्मेलिपूरजौबारी’ को हराकर पुरुषों की फ्रीस्टाइल 61 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल जीता। साल 2014 के राष्ट्रमंडल खेल ग्लासगो, स्कॉटलैंड में 61 कि.ग्रा वर्ग में रजत पदक जीता।
- साल 2014 में ही एशियाई खेल इनचियन, दक्षिण कोरिया में फिर से रजत पदक अपने नाम किया।
- 2015 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप – अपने साथी नरसिंह यादव के विपरीत, बजरंग पुनिया लास वेगास में टूर्नामेंट में पदक जीतने में कामयाब नहीं हो पाए और 5वें स्थान पर रहे। 32वें राउंड में मंगोलिया के ‘बैटबोल्डिन नोमिन’ बजरंग पुनिया के प्रतिद्वंद्वी थे, जिन्होंने बजरंग पुनिया को 10-0 से हराया।
- एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप 2017, दिल्ली में बजरंग पूनिया ने गोल्ड मेडल जीता था।
- 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स - ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में बजरंग पुनिया ने पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम श्रेणी में गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने वेल्स के केन चरिग को हराकर यह स्वर्ण पदक जीता था।
- 2018 एशियन गेम्स – 19 अगस्त को बजरंग पुनिया ने पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम रेसलिंग में गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने जापानी पहलवान तकातनानी दाची को 11-8 से हराया, स्कोर पहले राउंड के बाद 6-6 पर अटक गया था।
- बजरंग पूनिया अब तक कुल 5 गोल्ड, 3 ब्रोन्ज, 4 सिल्वर मेडल जीत चुके हैं। उन्होंने 2013 में एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीता, जिसमें देश के लिए कांस्य जीता।
- 2018 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में रजत जीतने के बाद उन्होंने 65 कि.ग्रा. वर्ग में विश्व नंबर एक का दावा किया।
- बजरंग पुनिया ने रूस के डैन कोलोव-निकोला पेट्रोव टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को समर्पित किया।
कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022
बजरंग पुनिया ने बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में देश के लिये स्वर्ण पदक जीता है। उन्होंने पुरुषों के 65 कि.ग्रा. भार वर्ग के फ्रीस्टाइल कुश्ती मुक़ाबले के फ़ाइनल में कनाडा के लाचलन मैकनील को 9-2 से हराकर यह पदक जीता। टोक्यो ओलंपिक, 2020 के कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया ने मैच की शुरुआत से ही मेकनील पर दबाव बनाना शुरू कर दिया, जबकि मेकनील उनके सामने बेअसर नजर आये। गत चैम्पियन बजरंग पुनिया मौरिशस के जीन गुलियाने जोरिस बांडोऊ को महज एक मिनट में पटखनी देकर 6-0 की जीत से सेमीफाइनल में पहुंचे थे। उन्हें क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में दो मिनट से भी कम समय लगा, जिसके लिये उन्होंने शुरूआती दौर में नौरू के लोवे बिंघम को गिराकर 4-0 से आसान जीत दर्ज की। बजरंग पुनिया ने एक मिनट अपने प्रतिद्वंद्वी को समझने में लिया और फिर 'जकड़ने' की स्थिति से अचानक बिघंम को पटक कर मुकाबला खत्म कर दिया। बिंघम को इस अचानक से हुए दांव का पता नहीं चला और भारतीय पहलवान ने आसानी से जीत दर्ज की।
पुरस्कार
- 2015 में बजरंग पुनिया को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- 2019 में उन्हें पद्म श्री से नवाजा गया।
- 29 अगस्त 2019 को उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिया जाना था, लेकिन खेल प्रतिबद्धताओं के कारण वे राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में शिरकत नहीं कर सके।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 बजरंग पुनिया की जीवनी (हिंदी) jivanihindi.com। अभिगमन तिथि: 07 अगस्त, 2021।
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