भाविना पटेल: Difference between revisions
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==प्रारंभिक जीवन== | ==प्रारंभिक जीवन== | ||
भाविना पटेल का पूरा नाम भाविना हसमुखभाई पटेल है। उनका जन्म 6 नवंबर, 1986 में गुजरात के मेहसाना नामक जिले में हुआ था। भाविना के गांव का नाम सुधिया है। वह बहुत अच्छा टेबल टेनिस खेलती हैं। अपने खेल को लेकर वह बेहद समर्पित हैं। उनके इसी जज्बे के कारण वे टेबल टेनिस खेलते हुए ओलंपिक्स तक पहुंची हैं। भाविना ने एक गुजराती [[परिवार]] में जन्म लिया है। उनके [[पिता]] का नाम हसमुखभाई पटेल है।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.deepawali.co.in/bhavina-patel-jeevan-parichay-biography-table-tennis-tokyo-paralympic-medal-hindi.html |title=भाविना हसमुखभाई पटेल का जीवन परिचय|accessmonthday=01 सितम्बर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=deepawali.co.in |language=हिंदी}}</ref> | भाविना पटेल का पूरा नाम भाविना हसमुखभाई पटेल है। उनका जन्म 6 नवंबर, 1986 में गुजरात के मेहसाना नामक जिले में हुआ था। भाविना के गांव का नाम सुधिया है। वह बहुत अच्छा टेबल टेनिस खेलती हैं। अपने खेल को लेकर वह बेहद समर्पित हैं। उनके इसी जज्बे के कारण वे टेबल टेनिस खेलते हुए ओलंपिक्स तक पहुंची हैं। भाविना ने एक गुजराती [[परिवार]] में जन्म लिया है। उनके [[पिता]] का नाम हसमुखभाई पटेल है।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.deepawali.co.in/bhavina-patel-jeevan-parichay-biography-table-tennis-tokyo-paralympic-medal-hindi.html |title=भाविना हसमुखभाई पटेल का जीवन परिचय|accessmonthday=01 सितम्बर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=deepawali.co.in |language=हिंदी}}</ref> | ||
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भाविना पटेल को [[टेबल टेनिस]] में ट्रेनिंग ललन दोषी एवं तेजलबेन लाखिया ने दी। जिसके बाद उनका [[खेल]] निखरता चला गया और वे पैराओलंपिक में रजत पदक हासिल कर पाईं। | भाविना पटेल को [[टेबल टेनिस]] में ट्रेनिंग ललन दोषी एवं तेजलबेन लाखिया ने दी। जिसके बाद उनका [[खेल]] निखरता चला गया और वे पैराओलंपिक में रजत पदक हासिल कर पाईं। | ||
==कॅरियर== | ==कॅरियर== | ||
भाविना पटेल टेबल टेनिस गेम की चैंपियन हैं। उन्होंने सिंगल और डबल दोनों में ही कई सारे मैच जीते हैं। टेबल टेनिस के खेल में भाविना ने अच्छे-अच्छे खिलाड़ियों को मात दी है। [[अक्टूबर]] [[2013]] में हुए वूमेंस सिंगल क्लास 4 (एशियन पैरा टेबल टेनिस चैम्पियनशिप) में भाविना पटेल ने [[भारत]] के लिए सिल्वर | भाविना पटेल टेबल टेनिस गेम की चैंपियन हैं। उन्होंने सिंगल और डबल दोनों में ही कई सारे मैच जीते हैं। टेबल टेनिस के खेल में भाविना ने अच्छे-अच्छे खिलाड़ियों को मात दी है। [[अक्टूबर]] [[2013]] में हुए वूमेंस सिंगल क्लास 4 (एशियन पैरा टेबल टेनिस चैम्पियनशिप) में भाविना पटेल ने [[भारत]] के लिए सिल्वर पदक जीता था। साल [[2017]] में [[चीन]] में आयोजित हुए अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस फेडरेशन, एशियन पैरा टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में जबरदस्त मैच खेलकर भारत को काँस्य दिलाया था। इस मैच में उन्होंने अपने अपोनेंट को 3-0 से हराया था जो वाकई काबिले तारीफ है।<ref name="pp"/> | ||
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[[भारत]] की भाविना पटेल ने बर्मिंघम, [[इंग्लैंड]] में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में पैरा टेबल टेनिस महिला वर्ग 3-5 इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर [[इतिहास]] रचा। उनका यह पहला कॉमनवेल्थ पदक है। फाइनल मुकाबले में नाइजिराई प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ भाविना पटेल हर तरह से बेहतर दिखीं। सीधे मुकाबले में हराकर उन्होंने स्वर्ण पर कब्जा जमाया। टोक्यो ओलंपिक, 2020 में भाविना पटेल ने रजत पदक जीतकर इतिहास रचाा था। पैरालंपिक में उन्हें फाइनल में चीन की झाउ यिंग से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन कॉमनवेल्थ गेम्स के फाइनल में उन्होंने किसी प्रकार का दवाब खुद पर हावी नहीं होने दिया। महज एक साल की उम्र में पोलियो का शिकार हुई भाविना का जीवन संघर्षों से भरा रह है, लेकिन उन्होंने जीत की जिद कभी नहीं छोड़ी। | |||
कॉमनवेल्थ गेम्स के महिला एकल वर्ग 3-5 के फाइनल मुकाबले में भारत की भाविना पटेल ने नाइजीरिया की इफेचुकुडे क्रिस्टियाना इकपोयी को 12-10, 11-2, 11-9 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। इस स्पर्धा में भारत के लिए स्वर्ण और कांस्य पदक आया। सोनलबेन मनुभाई पटेल ने कांस्य पदक जीता। साथ ही, कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को मिलने वाला यह पदक नंबर 14 रहा। भाविना पटेल ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया है। भाविना को पहले गेम में टक्कर मिली। हालांकि, इसे उन्होंने 12-10 से जीता। दूसरा गेम उन्होंने आसानी से 11-2 से अपने नाम किया। तीसरे गेम में विपक्षी खिलाड़ी ने उन्हें चुनौती देने की कोशिश की, लेकिन 11-9 से उन्होंने जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया।<ref>{{cite web |url=https://navbharattimes.indiatimes.com/sports/commonwealth-games/news/bhavina-patel-won-gold-medal-in-para-table-tennis-event-of-commonwealth-games-2022-know-about-her/articleshow/93399993.cms |title=भाविना पटेल ने जीता स्वर्ण, पैरा टेबल टेनिस में हासिल की जीत|accessmonthday=10 अगस्त|accessyear=2022 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=navbharattimes.indiatimes.com |language=हिंदी}}</ref> | |||
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Latest revision as of 06:03, 10 August 2022
भाविना पटेल
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पूरा नाम | भाविना हसमुखभाई पटेल |
जन्म | 6 नवम्बर, 1986 |
जन्म भूमि | महसाना, गुजरात |
अभिभावक | पिता- हसमुखभाई पटेल |
पति/पत्नी | निकुल पटेल |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | टेबल टेनिस |
शिक्षा | बीपीए से आईटीआई कोर्स |
प्रसिद्धि | भारतीय पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी, क्लास 4 |
नागरिकता | भारतीय |
कोच | ललन दोषी एवं तेजलबेन लाखिया |
पैरालम्पिक खेल | टोक्यो, 2020 - एकल क्लास 4 - रजत |
कॉमनवेल्थ गेम्स | बर्मिंघम, 2022 - एकल क्लास 3-5 - स्वर्ण |
अन्य जानकारी | अक्टूबर 2013 में हुए वूमेंस सिंगल क्लास 4 (एशियन पैरा टेबल टेनिस चैम्पियनशिप) में भाविना पटेल ने भारत के लिए सिल्वर पदक जीता था। |
अद्यतन | 11:33, 10 अगस्त 2022 (IST)
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भाविना हसमुखभाई पटेल (अंग्रेज़ी: Bhavina Hasmukhbhai Patel, जन्म- 6 नवम्बर, 1986, महसाना, गुजरात) भारत की पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं। उन्होंने बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में स्वर्ण पदक जीतकर एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 के महिला एकल वर्ग 3-5 के फाइनल मुकाबले में भाविना पटेल ने नाइजिया की प्रतिद्वंद्वी को सीधे सेटों में हराकर जीत हासिल की।
इससे पहले भाविना पटेल ने ग्रीष्मकालीन पैरालम्पिक, 2020 (टोक्यो पैरालम्पिक) में रजत पदक जीता था। टोक्यो में महिला एकल क्लास 4 वर्ग के फाइनल में भाविना पटेल को हार का सामना करना पड़ा था। इस हार के बावजूद भाविना पैरालंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बनीं। उन्होंने रजत पदक पर कब्जा किया था। भाविना पटेल को फाइनल में चीन की वर्ल्ड नंबर-1 झाउ यिंग ने 11-7, 11-5, 11-6 से मात मिली थी। भाविना पटेल ने सेमीफाइनल में चीन की ही झांग मियाओ को 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 से मात देकर फाइनल में जगह बनाई थी।
प्रारंभिक जीवन
भाविना पटेल का पूरा नाम भाविना हसमुखभाई पटेल है। उनका जन्म 6 नवंबर, 1986 में गुजरात के मेहसाना नामक जिले में हुआ था। भाविना के गांव का नाम सुधिया है। वह बहुत अच्छा टेबल टेनिस खेलती हैं। अपने खेल को लेकर वह बेहद समर्पित हैं। उनके इसी जज्बे के कारण वे टेबल टेनिस खेलते हुए ओलंपिक्स तक पहुंची हैं। भाविना ने एक गुजराती परिवार में जन्म लिया है। उनके पिता का नाम हसमुखभाई पटेल है।[1]
शिक्षा
भाविना पटेल अपनी शिक्षा गुजरात में ही हासिल की। उन्होंने ब्लाइंड पीपल्स एसोसियेशन से अपनी पढ़ाई की है।
दुर्घटना
एक साल की उम्र में जब भावना चलना सीख रही थीं, तब उनको एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना का सामना करना पड़ा। वह अजीब तरह से नीचे गिर गईं और इस घटना ने उनके कमर से नीचे के हिस्से को बेकार कर दिया। हालांकि, यह दुर्घटना उनकी महत्वाकांक्षा और क्षमता के बीच रोड़ा नहीं बन सकी। 12 साल की उम्र में वह कंप्यूटर सीखने के लिए अहमदाबाद के वस्त्रापुर में ब्लाइंड पीपुल्स एसोसिएशन चली गईं। यहीं पर उनकी मुलाकात टेबल टेनिस खेलने वाले विकलांग बच्चों से हुई और उन्होंने अनायास ही इस खेल को अपनाने का फैसला कर लिया।
कोच एवं ट्रेनिंग
भाविना पटेल को टेबल टेनिस में ट्रेनिंग ललन दोषी एवं तेजलबेन लाखिया ने दी। जिसके बाद उनका खेल निखरता चला गया और वे पैराओलंपिक में रजत पदक हासिल कर पाईं।
कॅरियर
भाविना पटेल टेबल टेनिस गेम की चैंपियन हैं। उन्होंने सिंगल और डबल दोनों में ही कई सारे मैच जीते हैं। टेबल टेनिस के खेल में भाविना ने अच्छे-अच्छे खिलाड़ियों को मात दी है। अक्टूबर 2013 में हुए वूमेंस सिंगल क्लास 4 (एशियन पैरा टेबल टेनिस चैम्पियनशिप) में भाविना पटेल ने भारत के लिए सिल्वर पदक जीता था। साल 2017 में चीन में आयोजित हुए अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस फेडरेशन, एशियन पैरा टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में जबरदस्त मैच खेलकर भारत को काँस्य दिलाया था। इस मैच में उन्होंने अपने अपोनेंट को 3-0 से हराया था जो वाकई काबिले तारीफ है।[1]
कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022
भारत की भाविना पटेल ने बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में पैरा टेबल टेनिस महिला वर्ग 3-5 इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। उनका यह पहला कॉमनवेल्थ पदक है। फाइनल मुकाबले में नाइजिराई प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ भाविना पटेल हर तरह से बेहतर दिखीं। सीधे मुकाबले में हराकर उन्होंने स्वर्ण पर कब्जा जमाया। टोक्यो ओलंपिक, 2020 में भाविना पटेल ने रजत पदक जीतकर इतिहास रचाा था। पैरालंपिक में उन्हें फाइनल में चीन की झाउ यिंग से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन कॉमनवेल्थ गेम्स के फाइनल में उन्होंने किसी प्रकार का दवाब खुद पर हावी नहीं होने दिया। महज एक साल की उम्र में पोलियो का शिकार हुई भाविना का जीवन संघर्षों से भरा रह है, लेकिन उन्होंने जीत की जिद कभी नहीं छोड़ी।
कॉमनवेल्थ गेम्स के महिला एकल वर्ग 3-5 के फाइनल मुकाबले में भारत की भाविना पटेल ने नाइजीरिया की इफेचुकुडे क्रिस्टियाना इकपोयी को 12-10, 11-2, 11-9 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। इस स्पर्धा में भारत के लिए स्वर्ण और कांस्य पदक आया। सोनलबेन मनुभाई पटेल ने कांस्य पदक जीता। साथ ही, कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को मिलने वाला यह पदक नंबर 14 रहा। भाविना पटेल ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया है। भाविना को पहले गेम में टक्कर मिली। हालांकि, इसे उन्होंने 12-10 से जीता। दूसरा गेम उन्होंने आसानी से 11-2 से अपने नाम किया। तीसरे गेम में विपक्षी खिलाड़ी ने उन्हें चुनौती देने की कोशिश की, लेकिन 11-9 से उन्होंने जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 भाविना हसमुखभाई पटेल का जीवन परिचय (हिंदी) deepawali.co.in। अभिगमन तिथि: 01 सितम्बर, 2021।
- ↑ भाविना पटेल ने जीता स्वर्ण, पैरा टेबल टेनिस में हासिल की जीत (हिंदी) navbharattimes.indiatimes.com। अभिगमन तिथि: 10 अगस्त, 2022।