अमानसता

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अमानसता (ऐमनीज्हिआ) का अर्थ है स्मरणशक्ति का खो जाना। या तो यह मनोवैज्ञानिक कारणों से उत्पन्न होती है या शारीरिक विकार से (उदाहरणत:, सिर में चोट लगने से)। बुढ़ापे में और मस्तिष्क की धमनियों के पथरा जाने पर (आर्टीरियोस्किलरोसिस में) अमानसता बहुधा होती है। बुढ़ापे के कारण उत्पन्न अमानसता में स्मरणशक्ति का ह्रास धीरे धीरे होता है। पहले रोगी यह बता नहीं पाता कि सबेरे क्या खाया था या कल क्या हुआ था। फिर स्मरणनाश बढ़ता जाता है और सुदूर भूतकाल की बातें भी सब भूल जाती हैं। धमनियों के पथराने में स्मरणशक्ति विचित्र ढंग से मिटती है। विशेष जाति की बातें भूल जाती हैं, अन्य बातें अच्छी तरह स्मरण रहती हैं। कभी कभी दो चार दिन या एक दो सप्ताह के लिए बातें भूल जाती हैं और फिर वे अच्छी तरह याद हो आती हैं। कोई पुरानी बातें भूलता है, कोई नवीन बातें भूलता है।

मिरगी (द्र. अपस्मार) आदि रोगों में स्मरणशक्ति धीरे धीरे नष्ट होती है। अंतराबंध में (उसे देखें) सदा ही स्मरणशक्ति क्षीण रहती है। मनोवैज्ञानिक कारणों से उत्पन्न अमानसता में, उदाहरणत: किसी प्रिय व्यक्ति के मरण से उत्पन्न अमानसता में, बहुधा केवल उसी प्रिय व्यक्ति से संबंध रखनेवाली बातें भूल जाती हैं।

युद्धकाल में नकली अमानसता बहुत देखने में आती थी। लड़ाई पर भेजे जाने से छुट्टी पाने के लिए अमानसता का बहाना करना बचने की सरल रीति थी। इन दशाओं में इसकी जाँच की जाती थी कि कोई उत्पादक कारण-जैसे मदिरापान, मिरगी, हिस्टीरिया, विषण्णता, पागलपन आदि-तो नहीं विद्यमान है। पीछे कुछ अन्य रीतियाँ निकलीं (उदाहरणत:, रोरशाप की रीति) जिससे अधिक अच्छी तरह पता चलता है कि अमानसता असली है या नकली।

अमानसता सीसा धातु के विषाक्त लवणों, कारबन मोनोआक्साइड नामक विषाक्त गैस तथा अन्य मादक विषों से अथवा मूत्ररक्तता, विटैमिन बी की कमी, मस्तिष्क का उपदंश आदि से भी उत्पन्न होती है। मनोवैज्ञानिक कारणों से उत्पन्न अमानसता के उपचार के लिए मनोविकार विज्ञान शीर्षक लेख देखें।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 204 |

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