Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 76"

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{प्रसिद्ध '[[विरुपाक्ष मंदिर]]' कहाँ अवस्थित है?
 
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-[[भद्राचलम]]
 
-[[चिदम्बरम]]
 
+[[हम्पी]]
 
-श्रीकालहस्ति
 
||[[चित्र:Virupraksha-Temple-Hampi.jpg|right|120px|विरुपाक्ष मन्दिर]]'विरुपाक्ष मंदिर' को 'पंपापटी मंदिर' भी कहा जाता है, यह हेमकुटा पहाड़ियों के निचले हिस्से में स्थित है। [[हम्पी]] के कई आकर्षणों में से यह मुख्य है। 1509 में अपने अभिषेक के समय [[कृष्णदेव राय]] ने 'गोपुड़ा' का निर्माण करवाया था। भगवान 'विठाला' या भगवान [[विष्णु]] को यह मंदिर समर्पित है। 15वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर बाज़ार क्षेत्र में स्थित है। यह नगर के सबसे प्राचीन स्मारकों में से एक है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हम्पी]]
 
 
{[[अकबर]] द्वारा बनवाई गई कौन-सी इमारत का नक्शा [[बौद्ध विहार]] की तरह है?
 
|type="()"}
 
+पंचमहल
 
-दीवान ए ख़ास
 
-जोधाबाई का महल
 
-[[बुलंद दरवाज़ा]]
 
 
{किस [[सिक्ख]] गुरु ने [[गुरु नानक]] की जीवनी लिखी थी?
 
|type="()"}
 
-[[गुरु अंगद देव]] ने
 
-गुरु रामदास ने
 
-गुरु अमरदास ने
 
+गुरु अर्जुनदेव ने
 
 
{दक्षिण अफ़्रीका में [[महात्मा गाँधी]] द्वारा प्रकाशित पत्रिका का नाम क्या था?
 
|type="()"}
 
-नवजीवन
 
+इंडियन ओपिनियन
 
-हरिजन
 
-अफ़्रीकन न्यूज
 
 
{उपन्यास 'दुर्गेश नन्दनी' के लेखक कौन हैं?
 
|type="()"}
 
-[[रवीन्द्र नाथ टैगोर]]
 
-स्वर्ण कुमारी
 
+[[बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय]]
 
-तारकनाथ गंगोपाध्याय
 
||[[चित्र:Bankim-Chandra-Chatterjee.jpg|बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय|100px|right]]'बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय' ने [[साहित्य]] के क्षेत्र में कुछ कविताएँ लिखकर प्रवेश किया। उस समय [[बांग्ला भाषा]] में गद्य या उपन्यास कहानी की रचनाएँ कम लिखी जाती थीं। बंकिम ने इस दिशा में पथ-प्रदर्शक का काम किया। 27 वर्ष की उम्र में उन्होंने 'दुर्गेश नंदिनी' नाम का उपन्यास लिखा। इस ऐतिहासिक उपन्यास से ही साहित्य में उनकी धाक जम गई। फिर उन्होंने 'बंग दर्शन' नामक साहित्यिक पत्र का प्रकाशन प्रारम्भ किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय]]
 
  
 
{[[जहाँगीर]] ने किसे 'ख़ान' की उपाधि से सम्मानित किया था?
 
{[[जहाँगीर]] ने किसे 'ख़ान' की उपाधि से सम्मानित किया था?
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+[[बौद्ध दर्शन|बौद्ध धर्म दर्शन]]
 
+[[बौद्ध दर्शन|बौद्ध धर्म दर्शन]]
 
-[[रसायन विज्ञान]]
 
-[[रसायन विज्ञान]]
||[[चित्र:Nalanda-University-Bihar.jpg|नालंदा विश्विविद्यालय, नालंदा, बिहार|100px|right]]नालंदा में [[बौद्ध धर्म]] के अतिरिक्त 'हेतुविद्या', 'शब्दविद्या', 'चिकित्सा शास्त्र', [[अथर्ववेद]] तथा [[सांख्य दर्शन]] से संबधित विषय भी पढ़ाए जाते थे। [[युवानच्वांग]] ने लिखा था कि, '[[नालंदा]] के एक सहस्त्र विद्वान आचार्यों में से सौ ऐसे थे, जो सूत्र और शास्त्र जानते थे। पांच सौ, 3 विषयों में पारंगत थे, और बीस, 50 विषयों में। केवल शीलभद्र ही ऐसे थे, जिनकी सभी विषयों में समान गति थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बौद्ध दर्शन]]  
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||[[चित्र:Nalanda-University-Bihar.jpg|नालंदा विश्विविद्यालय, नालंदा, बिहार|100px|right]]नालंदा में [[बौद्ध धर्म]] के अतिरिक्त 'हेतुविद्या', 'शब्दविद्या', 'चिकित्सा शास्त्र', [[अथर्ववेद]] तथा [[सांख्य दर्शन]] से संबंधित विषय भी पढ़ाए जाते थे। [[युवानच्वांग]] ने लिखा था कि, '[[नालंदा]] के एक सहस्त्र विद्वान् आचार्यों में से सौ ऐसे थे, जो सूत्र और शास्त्र जानते थे। पांच सौ, 3 विषयों में पारंगत थे, और बीस, 50 विषयों में। केवल शीलभद्र ही ऐसे थे, जिनकी सभी विषयों में समान गति थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बौद्ध दर्शन]]  
  
 
{किस [[विदेशी यात्री]] ने [[भारत]] का दौरा सबसे पहले किया था?
 
{किस [[विदेशी यात्री]] ने [[भारत]] का दौरा सबसे पहले किया था?
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+[[मैगस्थनीज़]]
 
+[[मैगस्थनीज़]]
 
-[[फाह्यान]]
 
-[[फाह्यान]]
||[[चन्द्रगुप्त मौर्य]] एवं [[सेल्युकस]] के मध्य हुई संधि के अंतर्गत, जहाँ सेल्यूकस ने अनेक क्षेत्र 'एरिया', 'अराकोसिया', 'जेड्रोशिया', 'पेरापनिसदाई' आदि चन्द्रगुप्त को प्रदान किये, वहीं उसने [[मैगस्थनीज़]] नामक [[यूनानी]] राजदूत भी [[मौर्य]] दरबार में भेजा। [[भारत]] में राजदूत नियुक्त होने से पूर्व मैगस्थनीज़ 'एराक्रोशिया' के क्षत्रप 'सिबाइर्टिओस' के यहां महत्त्वपूर्ण अधिकारी के पद पर कार्यरत था। मैगस्थनीज़ ने 'इण्डिका' में भारतीय जीवन, परम्पराओं, रीति-रिवाजों का वर्णन किया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मैगस्थनीज़]]
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||[[चन्द्रगुप्त मौर्य]] एवं [[सेल्युकस]] के मध्य हुई संधि के अंतर्गत, जहाँ सेल्यूकस ने अनेक क्षेत्र 'एरिया', 'अराकोसिया', 'जेड्रोशिया', 'पेरापनिसदाई' आदि चन्द्रगुप्त को प्रदान किये, वहीं उसने [[मैगस्थनीज़]] नामक [[यूनानी]] राजदूत भी [[मौर्य]] दरबार में भेजा। [[भारत]] में राजदूत नियुक्त होने से पूर्व मैगस्थनीज़ 'एराक्रोशिया' के क्षत्रप 'सिबाइर्टिओस' के यहां महत्त्वपूर्ण अधिकारी के पद पर कार्यरत था। मैगस्थनीज़ ने '[[इण्डिका]]' में भारतीय जीवन, परम्पराओं, रीति-रिवाजों का वर्णन किया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मैगस्थनीज़]]
  
 
{'[[आदिग्रंथ]]' किसने संकलित किया था?
 
{'[[आदिग्रंथ]]' किसने संकलित किया था?
 
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-[[गुरु नानक]] ने
 
-[[गुरु नानक]] ने
+गुरु अर्जुन ने
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+[[गुरु अर्जन देव]] ने
-गुरु रामदास ने
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-[[गुरु रामदास]] ने
 
-[[गुरु गोविन्द सिंह]] ने
 
-[[गुरु गोविन्द सिंह]] ने
  
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-[[बाबर]]
 
-[[बाबर]]
 
-[[अकबर]]
 
-[[अकबर]]
||[[चित्र:Humayun.jpg|हुमायूँ|100px|right]]'नासिरुद्दीन मुहम्मद हुमायूँ' का जन्म [[बाबर]] की पत्नी ‘माहम बेगम’ के गर्भ से 6 मार्च, 1508 ई. को [[काबुल]] में हुआ था। [[बाबर]] के 4 पुत्रों-हुमायूँ, [[कामरान शाहज़ादा|कामरान]], [[अस्करी]] और [[हिन्दाल]] में [[हुमायूँ]] सबसे बड़ा था। बाबर ने उसे अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था। [[भारत]] में राज्याभिषेक के पूर्व 1520 ई. में 12 वर्ष की अल्वायु में उसे बदख्शाँ का सूबेदार नियुक्त किया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हुमायूँ]]
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||[[चित्र:Humayun.jpg|हुमायूँ|100px|right]]'नासिरुद्दीन मुहम्मद हुमायूँ' का जन्म [[बाबर]] की पत्नी ‘माहम बेगम’ के गर्भ से 6 मार्च, 1508 ई. को [[काबुल]] में हुआ था। [[बाबर]] के 4 पुत्रों-हुमायूँ, [[कामरान शाहज़ादा|कामरान]], [[अस्करी]] और [[हिन्दाल]] में [[हुमायूँ]] सबसे बड़ा था। बाबर ने उसे अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था। [[भारत]] में राज्याभिषेक के पूर्व 1520 ई. में 12 वर्ष की अल्पायु में उसे बदख्शाँ का [[सूबेदार]] नियुक्त किया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हुमायूँ]]
 
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Latest revision as of 08:25, 13 October 2017

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


  1. REDIRECTsaancha:nilais vishay se sanbandhit lekh padhean:-
  2. REDIRECTsaancha:nila band itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh

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1 jahaangir ne kise 'khan' ki upadhi se sammanit kiya tha?

viliyam h aaukians
t aaumas ro
edavard tairi
inamean se koee nahian

2 nalanda vishvavidyalay kisalie vishv prasiddh tha?

chikitsa vijnan
tarkashastr
bauddh dharm darshan
rasayan vijnan

3 kis videshi yatri ne bharat ka daura sabase pahale kiya tha?

hven tsaang
itsiang
maigasthaniz
phahyan

4 'adigranth' kisane sankalit kiya tha?

guru nanak ne
guru arjan dev ne
guru ramadas ne
guru govind sianh ne

panne par jaean
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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan