Difference between revisions of "उत्तरकाशी"

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[[उत्तराखंड]] के सुरम्य व मनोरम स्थल उत्तरकाशी को देवाधिदेव भगवान [[शंकर]] का निवास माना जाता है और यह कहा जाता है कि उन्होंने इस स्थान पर गोपी का रूप धारण करके तप किया था। जिस जगह उन्होंने तपस्या की, वह स्थान आज भी 'गोपेश्वर महादेव' के नाम से प्रसिद्ध है। उत्तरकाशी [[ऋषिकेश]] से 155 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह शहर [[भागीरथी नदी]] के तट पर बसा हुआ है। उत्तरकाशी धार्मिक दृष्‍िट से भी महत्‍वपूर्ण शहर है। यहाँ भगवान विश्‍वनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है। यह शहर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहाँ एक तरफ जहाँ पहाड़ों के बीच बहती नदियाँ दिखती हैं वहीं दूसरी तरफ पहाड़ों पर घने जंगल भी दिखते हैं। यहाँ आप पहाड़ों पर चढ़ाई का लुफ्त भी उठा सकते हैं। उत्तरकाशी को प्राचीन समय में विश्वनाथ की नगरी कहा जाता था। कालांतर में इसे उत्तरकाशी कहा जाने लगा। केदारखंड और [[पुराण|पुराणों]] में उत्तरकाशी के लिए 'बाडाहाट' शब्द का प्रयोग किया गया है। केदारखंड में ही बाडाहाट में विश्वनाथ मंदिर का उल्लेख मिलता है। पुराणों में इसे 'सौम्य काशी' भी कहा गया है। [[हिमालय]] की सुरम्य घाटी में उत्तरकाशी समुद्र तल से एक हजार छह सौ इक्कीस फुट की ऊँचाई पर गंगोत्री मार्ग पर [[गंगा नदी|गंगा]]-भागीरथी के दाएं तट पर स्थित है तथा पूर्व और दक्षिण की ओर नदी से घिरा है। इसके उत्तर में [[अस्सी गंगा]] और पश्चिम में [[वरणा नदी]] है। वरणा और अस्सी के मध्य का क्षेत्र 'वाराणसी' के नाम से प्रसिद्ध है। इसे 'पंचकाशी' भी कहा जाता है। यह वरुणावर्त पर्वत की घाटी में स्थित है तथा इसके पूर्व में केदारघाट और दक्षिण में [[मणिकर्णिका घाट]] हैं।
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|लेख का नाम=उत्तरकाशी
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[[चित्र:View-of-Uttarkashi-2.jpg|thumb|250px|उत्तरकाशी का एक दृश्य <br /> A View Of Uttarkashi]]
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उत्तरकाशी धरासू से 18 मील दूर [[गंगोत्री]] के मार्ग पर स्थित प्राचीन तीर्थ है। [[विश्वनाथ मन्दिर|विश्वनाथ के मंदिर]] के कारण ही इसका नाम उत्तर-काशी हुआ है। [[उत्तराखंड]] के सुरम्य व मनोरम स्थल उत्तरकाशी को देवाधिदेव भगवान [[शंकर]] का निवास माना जाता है और यह कहा जाता है कि उन्होंने इस स्थान पर गोपी का रूप धारण करके तप किया था। जिस जगह उन्होंने तपस्या की, वह स्थान आज भी 'गोपेश्वर महादेव' के नाम से प्रसिद्ध है। उत्तरकाशी [[ऋषिकेश]] से 155 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह शहर [[भागीरथी नदी]] के तट पर बसा हुआ है। उत्तरकाशी धार्मिक दृष्‍िट से भी महत्‍वपूर्ण शहर है। यहाँ भगवान विश्‍वनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है। यह शहर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहाँ एक तरफ जहाँ पहाड़ों के बीच बहती नदियाँ दिखती हैं वहीं दूसरी तरफ पहाड़ों पर घने जंगल भी दिखते हैं। यहाँ आप पहाड़ों पर चढ़ाई का लुफ्त भी उठा सकते हैं। उत्तरकाशी को प्राचीन समय में विश्वनाथ की नगरी कहा जाता था। कालांतर में इसे उत्तरकाशी कहा जाने लगा। केदारखंड और [[पुराण|पुराणों]] में उत्तरकाशी के लिए 'बाडाहाट' शब्द का प्रयोग किया गया है। केदारखंड में ही बाडाहाट में विश्वनाथ मंदिर का उल्लेख मिलता है। पुराणों में इसे 'सौम्य काशी' भी कहा गया है। [[हिमालय]] की सुरम्य घाटी में उत्तरकाशी समुद्र तल से एक हज़ार छह सौ इक्कीस फुट की ऊँचाई पर गंगोत्री मार्ग पर [[गंगा नदी|गंगा]]-भागीरथी के दाएं तट पर स्थित है तथा पूर्व और दक्षिण की ओर नदी से घिरा है। इसके उत्तर में [[अस्सी गंगा]] और पश्चिम में [[वरणा नदी]] है। वरणा और अस्सी के मध्य का क्षेत्र 'वाराणसी' के नाम से प्रसिद्ध है। इसे 'पंचकाशी' भी कहा जाता है। यह वरुणावर्त पर्वत की घाटी में स्थित है तथा इसके पूर्व में केदारघाट और दक्षिण में [[मणिकर्णिका घाट]] हैं।
 
==खानपान==
 
==खानपान==
 
उत्तरकाशी के अधिकांश रेस्‍टोरेंटों में शाकाहारी खाना मिलता है। यहाँ का प्रमुख भोजन झंगुरा, मंडुआ तथा भट्ट है। इसके साथ-साथ रायता तथा रोटी भी यहाँ के लोग खाते हैं। कुछ होटलों में विशेष अनुरोध पर गढ़वाली भोजन बनाया जाता है।   
 
उत्तरकाशी के अधिकांश रेस्‍टोरेंटों में शाकाहारी खाना मिलता है। यहाँ का प्रमुख भोजन झंगुरा, मंडुआ तथा भट्ट है। इसके साथ-साथ रायता तथा रोटी भी यहाँ के लोग खाते हैं। कुछ होटलों में विशेष अनुरोध पर गढ़वाली भोजन बनाया जाता है।   
 
==यातायात और परिवहन==
 
==यातायात और परिवहन==
'''हवाई मार्ग''' यहाँ सबसे नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून में जौली ग्रांट है। यहाँ [[दिल्‍ली]] से एयर डक्‍कन की प्रतिदिन दो उड़ाने जाती है। 
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[[चित्र:View-of-Uttarkashi-1.jpg|thumb|250px|उत्तरकाशी का एक दृश्य <br /> A View Of Uttarkashi]]
'''रेल मार्ग''' [[देहरादून]] यहाँ का सबसे नजदीकी रेल स्‍टेशन है। दिल्‍ली, [[मुंबई]] तथा [[जयपुर]] से यहाँ के लिए सीधी रेल सेवा है। 
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;<u>हवाई मार्ग</u>
'''सड़क मार्ग''' उत्तरकाशी सड़क मार्ग द्वारा देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हूआ है। दिल्‍ली के कश्‍मीरी गेट से उत्तरकाशी के लिए बस खुलती हैं। इसके अलावा देहरादून से भी उत्तरकाशी के लिए सीधी बस सेवा है। ऋषिकेश से भी यहाँ के लिए बसें खुलती है।
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यहाँ सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा [[देहरादून]] में जौली ग्रांट है। यहाँ [[दिल्ली]] से एयर डक्‍कन की प्रतिदिन दो उड़ाने जाती है। <br />
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;<u>रेल मार्ग</u>
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देहरादून यहाँ का सबसे नज़दीकी रेल स्‍टेशन है। दिल्‍ली, [[मुंबई]] तथा [[जयपुर]] से यहाँ के लिए सीधी रेल सेवा है। <br />
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;<u>सड़क मार्ग</u>
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उत्तरकाशी सड़क मार्ग द्वारा देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हूआ है। दिल्‍ली के कश्‍मीरी गेट से उत्तरकाशी के लिए बस खुलती हैं। इसके अलावा देहरादून से भी उत्तरकाशी के लिए सीधी बस सेवा है। ऋषिकेश से भी यहाँ के लिए बसें खुलती है।
  
[[Category:उत्तराखंड]][[Category:उत्तराखंड_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:उत्तराखंड_के_नगर]][[Category:उत्तरकाशी के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]]__INDEX__
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==पर्यटन==
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{{main|उत्तरकाशी पर्यटन}}
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उत्तरकाशी ऋषिकेश से 155किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह शहर भागीरथी नदी के तट पर बसा हुआ है। उत्तरकाशी धार्मिक दृष्‍िट से भी महत्‍वपूर्ण शहर है। यहां भगवान विश्‍वनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है। उत्तरकाशी पर्यटकों के लिए लोकप्रिय स्थल है, यहाँ कई तीर्थस्थल भी है और कई मनोहर प्राकृतिक दृश्य भी। यहीं गंगा औऱ [[यमुना नदी|यमुना]] जैसे नदियों का उद्गम स्थल है।
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{{प्रचार}}
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==संबंधित लेख==
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{{उत्तराखंड के पर्यटन स्थल}}
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Latest revision as of 10:18, 27 January 2015

uttarakashi uttarakashi paryatan uttarakashi zila

shiv ki nagari
thumb|250px|uttarakashi ka ek drishy
A View Of Uttarkashi
uttarakashi dharasoo se 18 mil door gangotri ke marg par sthit prachin tirth hai. vishvanath ke mandir ke karan hi isaka nam uttar-kashi hua hai. uttarakhand ke suramy v manoram sthal uttarakashi ko devadhidev bhagavan shankar ka nivas mana jata hai aur yah kaha jata hai ki unhoanne is sthan par gopi ka roop dharan karake tap kiya tha. jis jagah unhoanne tapasya ki, vah sthan aj bhi 'gopeshvar mahadev' ke nam se prasiddh hai. uttarakashi rrishikesh se 155 kilomitar ki doori par sthit hai. yah shahar bhagirathi nadi ke tat par basa hua hai. uttarakashi dharmik drishh‍it se bhi mahath‍vapoorn shahar hai. yahaan bhagavan vishh‍vanath ka prasiddh mandir hai. yah shahar prakritik sauandary se bharapoor hai. yahaan ek taraph jahaan paha doan ke bich bahati nadiyaan dikhati haian vahian doosari taraph paha doan par ghane jangal bhi dikhate haian. yahaan ap paha doan par chadhaee ka lupht bhi utha sakate haian. uttarakashi ko prachin samay mean vishvanath ki nagari kaha jata tha. kalaantar mean ise uttarakashi kaha jane laga. kedarakhand aur puranoan mean uttarakashi ke lie 'badahat' shabd ka prayog kiya gaya hai. kedarakhand mean hi badahat mean vishvanath mandir ka ullekh milata hai. puranoan mean ise 'saumy kashi' bhi kaha gaya hai. himalay ki suramy ghati mean uttarakashi samudr tal se ek hazar chhah sau ikkis phut ki ooanchaee par gangotri marg par ganga-bhagirathi ke daean tat par sthit hai tatha poorv aur dakshin ki or nadi se ghira hai. isake uttar mean assi ganga aur pashchim mean varana nadi hai. varana aur assi ke madhy ka kshetr 'varanasi' ke nam se prasiddh hai. ise 'panchakashi' bhi kaha jata hai. yah varunavart parvat ki ghati mean sthit hai tatha isake poorv mean kedaraghat aur dakshin mean manikarnika ghat haian.

khanapan

uttarakashi ke adhikaansh resh‍toreantoan mean shakahari khana milata hai. yahaan ka pramukh bhojan jhangura, mandua tatha bhatt hai. isake sath-sath rayata tatha roti bhi yahaan ke log khate haian. kuchh hotaloan mean vishesh anurodh par gadhavali bhojan banaya jata hai.

yatayat aur parivahan

thumb|250px|uttarakashi ka ek drishy
A View Of Uttarkashi

havaee marg

yahaan sabase nazadiki havaee adda deharadoon mean jauli graant hai. yahaan dilli se eyar dakh‍kan ki pratidin do u dane jati hai. 

rel marg

deharadoon yahaan ka sabase nazadiki rel sh‍teshan hai. dilh‍li, muanbee tatha jayapur se yahaan ke lie sidhi rel seva hai. 

s dak marg

uttarakashi s dak marg dvara desh ke pramukh shaharoan se ju da hooa hai. dilh‍li ke kashh‍miri get se uttarakashi ke lie bas khulati haian. isake alava deharadoon se bhi uttarakashi ke lie sidhi bas seva hai. rrishikesh se bhi yahaan ke lie basean khulati hai.

paryatan

  1. REDIRECTsaancha:mukhy

uttarakashi rrishikesh se 155kilomitar ki doori par sthit hai. yah shahar bhagirathi nadi ke tat par basa hua hai. uttarakashi dharmik drishh‍it se bhi mahath‍vapoorn shahar hai. yahaan bhagavan vishh‍vanath ka prasiddh mandir hai. uttarakashi paryatakoan ke lie lokapriy sthal hai, yahaan kee tirthasthal bhi hai aur kee manohar prakritik drishy bhi. yahian ganga auऱ yamuna jaise nadiyoan ka udgam sthal hai.


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

sanbandhit lekh