Difference between revisions of "धावशांडिक"
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Latest revision as of 12:38, 2 July 2012
dhavashaandik namak gram ki pushti abhilekh ke adhar par madhy pradesh mean hoti hai. khoh namak sthan se prapt ek gupt kalin abhilekh (496 ee.) mean maharaj jayanath dvara bhagavat mandir ke prayojanarth pradatt is gram ka ullekh hai. ek vishnu mandir ki sthapana kuchh brahmanoan ne dhavashaandik sthan par ki thi.[1]
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tika tippani aur sandarbh
- ↑ aitihasik sthanavali |lekhak: vijayendr kumar mathur |prakashak: rajasthan hindi granth akadami, jayapur |prishth sankhya: 465 |