Difference between revisions of "धावशांडिक"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''धावशांडिक''' नामक ग्राम की पुष्टि अभिलेख के आधार प...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
Line 1: Line 1:
'''धावशांडिक''' नामक ग्राम की पुष्टि [[अभिलेख]] के आधार पर [[मध्य प्रदेश]] में होती है। [[खोह]] नामक स्थान से प्राप्त एक [[गुप्त काल|गुप्त]] कालीन अभिलेख (496 ई.) में महाराज जयनाथ द्वारा भागवत मंदिर के प्रयोजनार्थ प्रदत्त इस ग्राम का उल्लेख है। एक विष्णु मंदिर की स्थापना कुछ [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] ने धावशांडिक स्थान पर की थी।{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=465|url=}}
+
'''धावशांडिक''' नामक ग्राम की पुष्टि [[अभिलेख]] के आधार पर [[मध्य प्रदेश]] में होती है। [[खोह]] नामक स्थान से प्राप्त एक [[गुप्त काल|गुप्त]] कालीन अभिलेख (496 ई.) में महाराज जयनाथ द्वारा भागवत मंदिर के प्रयोजनार्थ प्रदत्त इस ग्राम का उल्लेख है। एक विष्णु मंदिर की स्थापना कुछ [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] ने धावशांडिक स्थान पर की थी।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=465|url=}}</ref>
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

Latest revision as of 12:38, 2 July 2012

dhavashaandik namak gram ki pushti abhilekh ke adhar par madhy pradesh mean hoti hai. khoh namak sthan se prapt ek gupt kalin abhilekh (496 ee.) mean maharaj jayanath dvara bhagavat mandir ke prayojanarth pradatt is gram ka ullekh hai. ek vishnu mandir ki sthapana kuchh brahmanoan ne dhavashaandik sthan par ki thi.[1]


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

  1. aitihasik sthanavali |lekhak: vijayendr kumar mathur |prakashak: rajasthan hindi granth akadami, jayapur |prishth sankhya: 465 |

sanbandhit lekh