यो ददाति सतां शंभु

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
यो ददाति सतां शंभु
कवि गोस्वामी तुलसीदास
मूल शीर्षक 'रामचरितमानस'
मुख्य पात्र राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि।
प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर
शैली दोहा, चौपाई और सोरठा
संबंधित लेख दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा
काण्ड लंकाकाण्ड
श्लोक

यो ददाति सतां शंभुः कैवल्यमपि दुर्लभम्‌।
खलानां दंडकृद्योऽसौ शंकरः शं तनोतु मे॥ 3॥

भावार्थ

जो सत पुरुषों को अत्यंत दुर्लभ कैवल्यमुक्ति तक दे डालते हैं और जो दुष्टों को दंड देने वाले हैं, वे कल्याणकारी शंभु मेरे कल्याण का विस्तार करें॥ 3॥



left|30px|link=रामचरितमानस षष्ठ सोपान (लंकाकाण्ड)|पीछे जाएँ यो ददाति सतां शंभु right|30px|link=लव निमेष परमानु जुग|आगे जाएँ


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः