श्रीनग

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search

श्रीनग अथवा 'श्रीशैल' (श्रीपर्वत)। जैन तीर्थ के रूप में इसका उल्लेख 'तीर्थमालाचैत्यवंदन' में है-

'विंध्यस्थंभन शीट्ठमीट्ठ नगरे राजद्रहे श्रीनगे।'[1]


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 919 |

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः