स्वाति तिरुनल: Difference between revisions

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Latest revision as of 04:57, 29 May 2015

स्वाति तिरुनल
पूरा नाम स्वाति तिरुनल रामा वर्मा
अन्य नाम स्वाति तिरुनल बलराम वर्मा
जन्म 13 अप्रैल, 1813
जन्म भूमि त्रावणकोर, केरल
मृत्यु 25 दिसम्बर, 1846
मुख्य रचनाएँ 'वर्णम', 'कृति', 'स्वरजाति', 'पदम' और 'जवाली' के साथ-साथ उन्होंने दो गीति-नाट्यों की भी रचना की थी।
भाषा 10 से अधिक भाषाओं में पारंगत थे, जिनमें संस्कृत, तेलुगू, कन्नड़, मराठी, हिन्दी और अंग्रेज़ी शामिल थीं।
प्रसिद्धि त्रावणकोर के महाराजा
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी स्वाति तिरुनल ने कई ध्रुपद, ख़याल और ठुमरियों की भी रचना की, लेकिन उन्हें कर्नाटक संगीत, विशेषकर 'पदम' (प्रेम गीत) के लिए सबसे अधिक ख्याति मिली।

स्वाति तिरुनल (अंग्रेज़ी: Swathi Thirunal, पूरा नाम: स्वाति तिरुनल रामा वर्मा, जन्म- 13 अप्रैल, 1813, त्रावणकोर, केरल; मृत्यु- 25 दिसम्बर, 1846) त्रावणकोर (वर्तमान तिरुवंगूर, केरल) के महाराजा थे। ये दक्षिण भारतीय कर्नाटक संगीत परंपरा के सर्वोत्कृष्ट संगीतज्ञों में से एक थे।

संक्षिप्त परिचय

  • मात्र 16 वर्ष की आयु में ही स्वाति तिरुनल दक्षिण भारतीय राज्य के शासक बन गये थे।
  • अपने शासन काल के समय में कला के महानतम संरक्षकों में वह गिने जाते थे।
  • स्वाति तिरुनल स्वयं भी 10 से अधिक भाषाओं में पारंगत थे, जिनमें संस्कृत, तेलुगू, कन्नड़, मराठी, हिन्दी और अंग्रेज़ी शामिल थीं। वह इन भाषाओं में कविताएँ लिखते थे।
  • चित्रकला, शिल्पकारी और अन्य कलाओं में भी स्वाति तिरुनल काफ़ी निपुण थे। माना जाता है कि उन्होंने लगभग 500 गीतों की रचना की थी।
  • 'वर्णम', 'कृति', 'स्वरजाति', 'पदम' और 'जवाली' के साथ-साथ उन्होंने दो गीति-नाट्यों की भी रचना की थी।
  • स्वाति तिरुनल ने कई ध्रुपद, ख़याल और ठुमरियों की भी रचना की, लेकिन उन्हें कर्नाटक संगीत, विशेषकर 'पदम' (प्रेम गीत) के लिए सबसे अधिक ख्याति मिली।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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