जैसलमेर क़िला: Difference between revisions

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[[चित्र:Jaisalmer-Fort.jpg|thumb|250px|जैसलमेर का क़िला, [[जैसलमेर]]]]
'''जैसलमेर क़िला''' बारहवीं सदीं में सुनहरे पत्थरों से बना यह क़िला [[राजस्थान]] में दूसरा सबसे पुराना क़िला है और बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटक इसे देखने आते हैं।  
'''जैसलमेर क़िला''' बारहवीं सदीं में सुनहरे पत्थरों से बना यह क़िला [[राजस्थान]] में दूसरा सबसे पुराना क़िला है और बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटक इसे देखने आते हैं।  
*[[जैसलमेर]] के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारकों में सर्वप्रमुख यहाँ का क़िला है। जैसलमेर का क़िला 1156 ई. में निर्मित हुआ था।  
*[[जैसलमेर]] के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारकों में सर्वप्रमुख यहाँ का क़िला है। जैसलमेर का क़िला 1156 ई. में निर्मित हुआ था।  

Latest revision as of 11:14, 4 August 2016

जैसलमेर क़िला
विवरण 'जैसलमेर क़िला' राजस्थान के पर्यटन स्थलों में से एक है, जो जैसलमेर में स्थित है।
राज्य राजस्थान
ज़िला जैसलमेर
निर्माता रावल जैसल
निर्माण काल सन् 1156 ई
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 26° 92' - पूर्व- 70° 9'
मार्ग स्थिति यह सड़क मार्ग जयपुर से 558 किमी, अहमदाबाद से 626 किमी, दिल्ली से 864 किमी, आगरा से 802 किमी, मुंबई से 1177 किमी पर स्थित है।
प्रसिद्धि पर्यटन स्थल
कब जाएँ अक्टूबर से मार्च
हवाई अड्डा जैसलमेर हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन जैसलमेर रेलवे स्टेशन
बस अड्डा बस अड्डा जैसलमेर
यातायात ऑटो रिक्शा और ऊँट सवारी
क्या ख़रीदें ख़रीददारी के लिए माणिक चौक विशेष तौर पर प्रसिद्ध है। सिला हुआ कंबल और शॉल, शीशे का काम किया हुआ कपड़ा, चाँदी के आभूषण और चित्रित कपड़ा, कशीदाकारी की गई वस्तुएँ आदि की ख़रीददारी कर सकते हैं।
एस.टी.डी. कोड 02992
संबंधित लेख राजस्थान, जैसलमेर, राजस्थान पर्यटन, रावल जैसल


अन्य जानकारी जैसलमेर क़िले की अपनी ख़ासियत है, ढाई सौ फुट की ऊँचाई वाला यह क़िला तीस फुट ऊँची प्राचीरों से घिरा हुआ है। जैसलमेर की पूरी आबादी इसी क़िले की चहारदीवारी के अंदर ही बसी हैं।

जैसलमेर क़िला बारहवीं सदीं में सुनहरे पत्थरों से बना यह क़िला राजस्थान में दूसरा सबसे पुराना क़िला है और बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटक इसे देखने आते हैं।

  • जैसलमेर के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारकों में सर्वप्रमुख यहाँ का क़िला है। जैसलमेर का क़िला 1156 ई. में निर्मित हुआ था।
  • जैसलमेर के क़िला स्थापत्य का सुंदर नमूना है। इसमें बारह सौ घर हैं।
  • जैसलमेर क़िले की अपनी ख़ासियत है, ढाई सौ फुट की ऊँचाई वाला यह क़िला तीस फुट ऊँची प्राचीरों से घिरा हुआ है।
  • ग़ौरतलब बात ये है कि जैसलमेर की पूरी आबादी इसी क़िले की चहारदीवारी के अंदर ही बसी हैं।[1]

विशेषता

जैसलमेर के क़िले का निर्माण 1156 में किया गया था और यह राजस्‍थान का दूसरा सबसे पुराना राज्‍य है। ढाई सौ फीट ऊंचा और सेंट स्‍टोन के विशाल खण्‍डों से निर्मित 30 फीट ऊंची दीवार वाले इस किले में 99 प्राचीर हैं, जिनमें से 92 का निर्माण 1633 और 1647 के बीच कराया गया था। इस किले के अंदर मौजूद कुंए पानी का निरंतर स्रोत प्रदान करते हैं। रावल जैसल द्वारा निर्मित यह क़िला जो 80 मीटर ऊंची त्रिकूट पहाड़ी पर स्थित है, इसमें महलों की बाहरी दीवारें, घर और मंदिर कोमल पीले सेंट स्‍टोन से बने हैं। इसकी संकरी गलियां और चार विशाल प्रवेश द्वार है जिनमें से अंतिम एक द्वार मुख्‍य चौक की ओर जाता है जिस पर महाराज का पुराना महल है। इस कस्‍बे की लगभग एक चौथाई आबादी इसी क़िले के अंदर रहती है। यहां गणेश पोल, सूरज पोल, भूत पोल और हवा पोल के जरिए पहुंचा जा सकता है। यहां अनेक सुंदर हवेलियां और जैन मंदिरों के समूह हैं जो 12वीं से 15वीं शताब्‍दी के बीच बनाए गए थे।[2]


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शोध

वीथिका

जैसलमेर क़िले का विहंगम दृश्य

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जैसलमेर क़िला सील किया (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) बी. बी. सी। अभिगमन तिथि: 6 अक्टूबर, 2010
  2. जैसलमेर का किला (हिन्दी) (पी.एच.पी) bharat.gov.in। अभिगमन तिथि: 18 मार्च, 2011

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