अकबर का क़िला अजमेर: Difference between revisions
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|संबंधित लेख=[[राजस्थान]], [[अजमेर]], [[राजस्थान पर्यटन]], [[अजमेर पर्यटन]], [[ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह|ख्वाजा साहब]], [[हल्दीघाटी उदयपुर|हल्दी घाटी]] | |||
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Latest revision as of 11:00, 10 August 2016
अकबर का क़िला अजमेर
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विवरण | 'अकबर का क़िला' राजस्थान के पर्यटन स्थलों में से एक है, जो अजमेर में स्थित है। यह एक 'राजकीय संग्रहालय' भी है। |
राज्य | राजस्थान |
ज़िला | अजमेर |
निर्माता | मुहम्मद अकबर |
निर्माण काल | 1570 ई. |
प्रसिद्धि | पर्यटन स्थल |
चित्र:Map-icon.gif | अकबर का क़िला अजमेर गूगल मानचित्र |
संबंधित लेख | राजस्थान, अजमेर, राजस्थान पर्यटन, अजमेर पर्यटन, ख्वाजा साहब, हल्दी घाटी
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अन्य जानकारी | अकबर के क़िला में प्राचीन मूर्तियाँ, सिक्के, पेंटिंग्स, कवच आदि रखे हुए हैं तथा अंग्रेज़ों ने यहीं से जनवरी 1616 में मुग़ल बादशाह जहाँगीर से भारत में व्यापार करने की इजाज़त माँगी थी। |
अकबर का क़िला राजस्थान के अजमेर शहर के पर्यटन स्थलों में से यह एक है।
- अकबर का क़िला एक 'राजकीय संग्रहालय' भी है।
- अकबर का क़िला नया बाज़ार, अजमेर में स्थित है।
- यहाँ प्राचीन मूर्तियाँ, सिक्के, पेंटिंग्स, कवच आदि रखे हुए हैं।
- अंग्रेज़ों ने यहीं से जनवरी 1616 में मुग़ल बादशाह जहाँगीर से भारत में व्यापार करने की इजाज़त माँगी थी।
- अकबर प्रति वर्ष ख्वाजा साहब के दर्शन करने तथा राजपूताना के युद्धों में भाग लेने के लिये यहाँ आया करता था।
- अकबर ने अपने ठहरने के लिये 1570 ईस्वी में एक क़िले का निर्माण करवाया, जो अकबर के क़िले के नाम से जाना जाता है।
- बादशाह जहाँगीर भी यहाँ लोगों को झरोखा दर्शन देता था।
- 10 जनवरी 1616 ईस्वी को इंग्लैण्ड के सम्राट जेम्स प्रथम का राजदूत सर टॉमस रॉ अकबर के क़िले में यहीं जहाँगीर से मिला था।
- हल्दी घाटी के युद्ध को अंतिम रूप इसी क़िले में दिया गया था।
- 1818 में इस क़िले पर अंग्रेज़ों ने अधिकार कर लिया था।
- अंग्रेज़ों ने इसका उपयोग राजपूताना शस्त्रगार के रूप में किया और वे इसे 'मेग्जीन' के नाम से पुकारते थे।
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