हेमकुण्ड साहिब: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
सपना वर्मा (talk | contribs) No edit summary |
सपना वर्मा (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 53: | Line 53: | ||
<gallery> | <gallery> | ||
चित्र:Hemkund-3.jpg|हेमकुण्ड झील, [[चमोली ज़िला|चमोली ज़िले]] | चित्र:Hemkund-3.jpg|हेमकुण्ड झील, [[चमोली ज़िला|चमोली ज़िले]] | ||
चित्र:Hemkund-4.jpg|हेमकुण्ड झील, [[चमोली ज़िला|चमोली ज़िले]] | |||
</gallery> | </gallery> | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== |
Latest revision as of 09:01, 1 September 2016
हेमकुण्ड साहिब
| |
विवरण | हेमकुण्ड साहिब अथवा 'हेमकुण्ड पर्वत' सिक्खों का प्रमुख धार्मिक स्थल है। |
राज्य | उत्तराखण्ड |
ज़िला | चमोली |
निर्माण काल | समुद्र सतह से 4329 मीटर ऊंचाई पर स्थित इस गुरुद्वारे का निर्माण 1970 के दशक में पूर्ण हुआ। |
खोज | हेमकुण्ड साहिब गुरुद्वारा की खोज 1930 में हवलदार सोहन सिंह ने की थी। |
अन्य जानकारी | हेमकुण्ड साहिब वर्ष में सिर्फ तीन महीने के लिए ही श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं। |
हेमकुण्ड साहिब या 'गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब जी' सिक्खों का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो उत्तराखंड के चमोली ज़िले में स्थित है। हेमकुंड एक बर्फ की झील है, जो सात विशाल पर्वतों से घिरी हुई है, जिन्हें हेमकुंड पर्वत भी कहते हैं। हेमकुंड साहिब की यात्रा हिन्दुओं की पवित्र अमरनाथ यात्रा से भी जोड़ कर देखी जाती है।
- हेमकुण्ड साहिब गुरुद्वारा की खोज 1930 में हवलदार सोहन सिंह ने की थी।
- समुद्र सतह से 4329 मीटर ऊंचाई पर स्थित इस गुरुद्वारे का निर्माण 70 के दशक में पूर्ण हुआ।
- मान्यता है कि सिक्खों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी ने यहां पर तपस्या की थी।
- हेमकुण्ड साहिब पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को गोविंदधाम से 19 किलोमीटर पर्वतीय मार्ग की पैदल यात्रा करनी पड़ती है।
- यह जगह सात पर्वत चोटियों में एक कुण्ड के पास है। हेमकुण्ड के पास सप्तऋषि चोटियां है, जिनपर खालसा पंथ का प्रतीक निशान साहिब पर ध्वज लहराते हैं।
- हेमकुण्ड साहिब साल में सिर्फ तीन महीने के लिए ही श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं।
|
|
|
|
|
वीथिका
-
हेमकुण्ड झील, चमोली ज़िले
-
हेमकुण्ड झील, चमोली ज़िले